महाशक्तिशाली लड़ाकू विमान: देखते ही दुश्मन ढेर, पहली बार दुनिया के सामने
साउथ कोरिया ने शुक्रवार को पूरी दुनिया के सामने पहली बार अपने स्वदेशी KF-21 सुपरसोनिक लड़ाकू विमान को पेश किया।
सिओल: साउथ कोरिया ने शुक्रवार को पूरी दुनिया के सामने पहली बार अपने स्वदेशी KF-21 सुपरसोनिक लड़ाकू विमान को पेश किया। इस स्वदेशी सुपरसोनिक लड़ाकू विमान की प्रस्तुति को एक भव्य कार्यक्रम में राष्ट्रपति मून जे इन के द्वारा अनावरण किया गया। ऐसे में साउथ कोरिया भी अब उन गिने-चुने देशों में शुमार हो गया है जिनके पास खुद का बनाया लड़ाकू विमान है। वहीं इस सूची में तेजस लड़ाकू विमान बनाने के कारण भारत पहले से ही शामिल है।
सुपरसोनिक लड़ाकू विमान KF-21 की पहली उड़ान के बाद इसे हवा से हवा और हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस किया जाएगा। ऐसे में दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि इस लड़ाकू विमान को क्रूज मिसाइलों को फायर करने लायक भी बनाया जाएगा। असल में क्रूज मिसाइल साइज में लंबी होती हैं और फायर करने के दौरान उनसे विमान के अस्थिर होने का खतर होता है। दुनिया में भारत सहित चुनिंदा देश ही ऐसे हैं, जिनके पास ऐसी टेक्नोलॉजी पहले से ही मौजूद है।
लड़ाकू विमान का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू
इसमें दो इंजन वाला यह लड़ाकू विमान सिंगल और डबल सीट के वैरियंट में उपलब्ध होगा। इसमें डबल सीट वाले विमान ट्रेनिंग के लिए भी काम आएंगे। राष्ट्रपति मून जे-इन ने इस लड़ाकू विमान को लॉन्च करते हुए इसे 'बोरमाए' या 'हॉक' का नाम दिया। उन्होंने इस विमान को दक्षिण कोरियाई विमानन उद्योग के विकास में एक मील का पत्थर बताया। वहीं इस विमान को दक्षिण Gyeongsang प्रांत के Sacheon में कोरिया एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के प्रोडक्शन प्लांट में बनाया जाएगा।
ऐसे में राष्ट्रपति मून ने बताया कि ग्राउंड और फ्लाइट टेस्ट पूरा होने के बाद केएफ -21 लड़ाकू विमान का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। इसके पहले चरण में साल 2028 तक 40 लड़ाकू विमानों के तैनाती की योजना बनाई गई है, जबकि 2032 तक इसे बढ़ाकर 120 कर दिया जाएगाा। वहीं उन्होंने दावा किया कि जब इस विमान का फुल स्केल प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा, तो इससे 100,000 अतिरिक्त नौकरियां भी उत्पन्न होंगी।
इस बारे में दक्षिण कोरिया के डिफेंस एक्विजिशन प्रोग्राम एडमिनिस्ट्रेशन ने बताया कि परीक्षण और विकास के लिए इस साल के आखिरी तक तीन विमानों के तैयार होने की आशा है। इसके अलावा तीन और साल 2022 के मध्य तक तैयार हो जाएंगी। ये विमान 65 प्रतिशत दक्षिण कोरियाई है, और जो साजो सामान अलग-अलग देशों से मंगाकर विमान में असेंबल किया जाएगा। फिर भी इसे दक्षिण कोरिया के विमानन उद्योग के लिए मील का पत्थर बताया जा रहा है।