Sri Lanka Emergency: राष्ट्रपति ने फिर किया इमरजेंसी का ऐलान, विरोध प्रदर्शन पर रोक

Sri Lanka Emergency: श्रीलंका में आर्थिक संकट के चलते हालात बेकाबू होते जा रहे है। इसी पर राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने देश में एक बार फिर आधी रात से इमरजेंसी लगा दी है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2022-05-06 19:39 GMT

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे। (Social Media)

Sri Lanka Emergency: श्रीलंका मैं आर्थिक संकट के चलते हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। लोगों के बढ़ते गुस्से को काबू में करने के लिए राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने देश में एक बार फिर आधी रात से इमरजेंसी लगा दी है। राष्ट्रपति के इस आदेश के बाद अब लोग सड़कों पर उतर कर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे। जानकारों का कहना है कि हाल के दिनों में सरकार को लोगों के उग्र प्रदर्शन का सामना करना पड़ा है। इसी कारण राष्ट्रपति ने एक बार फिर इमरजेंसी लगाकर हालात को काबू में लाने का प्रयास किया है। 

दरअसल आर्थिक संकट के कारण श्रीलंका में लोगों का जीना मुश्किल हो गया है और इसी कारण रोज देश के विभिन्न इलाकों में सरकार विरोधी प्रदर्शनों की बाढ़ आ गई है। राष्ट्रपति राजपक्षे का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है और लोग उनसे पद छोड़ने की मांग कर रहे हैं। लोगों का आरोप है कि राष्ट्रपति राजपक्षे और उनके परिवार से जुड़े लोगों की गलत नीतियों के कारण ही देश इस बड़ी मुसीबत में फंस गया है।

पिछले महीने भी लागू की थी इमरजेंसी 

श्रीलंका में काफी दिनों से आर्थिक संकट के कारण सरकार के खिलाफ लोगों का उग्र विरोध दिख रहा है। नाराज लोगों को काबू में करने के लिए पिछले महीने की शुरुआत में भी सरकार की ओर से देश में इमरजेंसी लागू की गई थी। हालांकि इसके बाद भी लोगों को काबू में नहीं किया जा सका था और लोग सड़कों पर उतरकर उग्र विरोध प्रदर्शन करने में जुटे हुए थे। भारी दबाव के बाद राष्ट्रपति राजपक्षे ने 6 अप्रैल को देश में इमरजेंसी खत्म करने की घोषणा कर दी थी।

हाल के दिनों में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का सिलसिला और तेज हो गया है। देश के विभिन्न हिस्सों में आए दिन सरकार के खिलाफ मार्च निकाले जा रहे हैं और लोग सड़कों पर उतरकर अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं। गुरुवार को भी राजधानी कोलंबो में लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया था और संसद को घेरने की कोशिश की थी। बाद में पुलिस ने उग्र प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े थे। 

संसद का घेराव करने की कोशिश 

विपक्ष की ओर से लगातार लोगों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का विरोध किया जा रहा है। लोगों के उग्र तेवर को देखते हुए सांसद पहले ही 17 मई तक स्थगित की जा चुकी है। दरअसल सरकार को इस बात का डर सता रहा है कि संसद की बैठक शुरू होने पर लोगों का विरोध प्रदर्शन और उग्र हो जाएगा। इसी कारण सरकार की ओर से संसद की बैठक को स्थगित किया गया है। नाराज लोग लगातार संसद का घेराव करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को संसद की बैरिकेडिंग हटाने की कोशिश की गई थी। 

लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयास अभी तक नाकाफी साबित हुए हैं और इसी कारण लोगों का गुस्सा और बढ़ता जा रहा है। लोगों की सबसे ज्यादा नाराजगी राष्ट्रपति राजपक्षे से है मगर राजपक्षे अभी तक अपने पद पर बने हुए हैं और पुलिस कार्रवाई के दम पर लोगों को काबू में लाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में अब राजपक्षे की ओर से देश में एक बार फिर इमरजेंसी लागू कर दी गई है।

आसमान पर पहुंची महंगाई 

श्रीलंका की चरमराती अर्थव्यवस्था और बढ़ती महंगाई के कारण आम लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। रोजमर्रा की वस्तुएं इतनी ज्यादा महंगी हो गई है कि आम लोग जरूरी खाद्य सामग्री भी नहीं खरीद पा रहे हैं। खाने-पीने की दुकानों पर लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई हैं। फिर भी लोगों को सामान नहीं उपलब्ध हो रहा है। जानकारों का कहना है कि आजादी के बाद श्रीलंका इस समय सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। 

श्रीलंका भारी कर्ज में डूबा हुआ है और इस कर्ज को चुकाने के लिए उसके पास पैसा नहीं है। विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म हो जाने के कारण श्रीलंका जरूरी सामानों का आयात करने में भी सक्षम नहीं है और इसी का नतीजा है कि महंगाई आसमान पर पहुंच गई है।

भारत की ओर से अभी तक श्रीलंका को 23,000 करोड़ की आर्थिक मदद की जा चुकी है। तमिलनाडु सरकार की ओर से भी श्रीलंका की मदद के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया है। हालांकि भाजपा की ओर से इस पर सवाल भी उठाए गए हैं और पार्टी का कहना है कि राजनीतिक लाभ के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

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