Gotabaya Rajapaksa: शनिवार को श्रीलंका लौट सकते हैं पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, आर्थिक संकट के बीच देश से हुए थे फरार

Gotabaya Rajapaksa: श्रीलंका इस समय जबरदस्त आर्थिक संकट में फंसा हुआ है और वहां की जनता इस स्थिति के लिए ताकतवर राजपक्षे परिवार को जिम्मेदार मान रही है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-09-02 14:46 IST

Gotabaya Rajapaksa  (photo: social media )

Gotabaya Rajapaksa: श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे शनिवार को वापस श्रीलंका की धरती पर कदम रख सकते हैं। राजपक्षे को जुलाई में जनता के भारी आक्रोश के बाद देश छोड़कर भागना पड़ा था। बाद में विदेश में रहते हुए उन्होंने ईमेल के जरिए राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। दरअसल, श्रीलंका इस समय जबरदस्त आर्थिक संकट में फंसा हुआ है और वहां की जनता इस स्थिति के लिए ताकतवर राजपक्षे परिवार को जिम्मेदार मान रही है।

राजपक्षे परिवार ने लंबे समय तक श्रीलंका में अपना शासन चलाया है, इसलिए जनता उनके द्वारा बनाए गए आर्थिक नीतियों को देश की बदहाली के लिए जिम्मेदार मानती है। श्रीलंका में जब आर्थिक संकट शुरू हुआ तब एक – एक कर सरकार में काबिज राजपक्षे परिवार के सदस्यों को इस्तीफा देना पड़ा। धीरे – धीरे ये आंच प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और उनके भाई राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे तक भी पहुंची। नतीजतन दोनों को इस्तीफा देना पड़ा।

थाईलैंड में हैं गोटबाया

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे फिलहाल थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के एक होटल में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। उनकी योजना पहले अमेरिका में बसने की थी लेकिन अब वह वापस श्रीलंका आना चाहते हैं। श्रीलंकाई रक्षा मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने कंफर्म किया है कि राजपक्षे शनिवार को स्वदेश लौट सकते हैं। उनके वापसी के इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं। 73 वर्षीय राजपक्षे को 13 जुलाई को कोलंबो छोड़कर जाना पड़ा था। उस दिन प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति आवास समेत राजधानी के कई महत्वपूर्ण इमारतों को अपने कब्जे में ले लिया था।

राजपक्षे के इस्तीफे के बाद पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति का पद संभाला। हालांकि, प्रदर्शकारी उनसे भी नाखुश थे, उनका भी घर जला दिया गया था। लेकिन राजपक्षे परिवार के समर्थन से वह देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचने में कामयाब रहे। कहा जाता है कि उन्होंने ही गोटबाया के स्वदेश वापसी की राह प्रशस्त की है।

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