Earthquake: 7.2 तीव्रता के जोरदार भूकंप से दहला ताइवान, झुक गईं गगनचुंबी इमारतें, भीषण तबाही
Earthquake: भूकंप से क्षेत्र की इमारतों की नींव भी हिल गई है। वहीं जापान का कहना है कि सुनामी की पहली लहर उसके दो दक्षिणी द्वीपों पर आई है।
Earthquake: ताइवान की राजधानी ताइपे में बुधवार को जोरदार भूकंप आया। भूकंप के तेज झटके से ताइपे दहल गया। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 7.2 मापी गई है। भूकंप से भारी तबाही हुई है। बड़ी-बड़ी बिल्डिंगें झुक गईं है। वहीं बिजली सप्लाई बाधित हो गई है। भूकंप के बाद देशभर में ट्रेन सेवाओं को सस्पेंड कर दिया है। भूकंप इतना जबरदस्त था कि इसके बाद जापान के दो द्वीपों पर सुनामी आ गई।
वहीं ताइवान के हुआलियन से भूकंप की कई तस्वीरें और वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें इमारतों को ढहते देखा जा सकता है। वहीं कई घर और इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढेर हो गईं। सोशल मीडिया पर इस भूकंप की एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें पांच मंजिला एक इमारत तिरछी हो गई है। कई लोगों के इमारतों में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। ताइवान, जापान और फिलीपींस में भूकंप के बाद सुनामी का अलर्ट जारी कर दिया गया है। हालांकि, भूकंप में अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं आई है।
चीन में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। ताइवान के ताइपे में आए इस भूकंप को 25 सालों का सबसे भीषण भूकंप बताया जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ताइवान का ये भूकंप इतना जबरदस्त था कि इसके झटके चीन के शंघाई में भी महसूस किए गए। चीन की मीडिया का कहना है कि भूकंप के झटके चीन के फुझू, शियामेन, झुआनझू और निंगडे में भी महसूस किए गए।
फिलीपींस में भी सुनामी का अलर्ट
वहीं फिलीपींस ने भी सुनामी की आशंका को देखते हुए चेतावनी जारी की है। फिलीपींस सीस्मोलॉजी एजेंसी ने कई प्रांतों के तटीय इलाकों के लिए सुनामी का अलर्ट जारी कर दिया है और यहां रहने वाले लोगों को ऊंचे इलाकों में चले जाने को कहा गया है।
जापान में सुनामी अलर्ट
ताइवान में आए जोरदार भूकंप के बाद जापान में सुनामी का अलर्ट जारी किया गया है। जापान का कहना है कि ओकिनावा प्रांत के आसपास के तटीय इलाकों में सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। सुनामी की ये लहरें तीन मीटर तक ऊंची हो सकती हैं। वहीं भूकंप से लोगों में दहशत का माहौल देखा गया।
क्यों आता है भूकंप?
बता दें कि पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स होती हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स अधिक टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है और बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं और वहीं जब ज्यादा दबाव बनता है तो ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आ जाता है।