Syria Civil War:विरोधियों के खिलाफ असद का क्रूर अंदाज,सैदनाया जेल में यातना देकर ली 30 हजार लोगों की जान

Syria Civil War: राष्ट्रपति असद ने सीरिया की सरकारी जेलों में कई वर्षों से अपने विरोधियों को कैद कर रखा था इन जेलों में सबसे कुख्यात सैदनाया जेल रही है जिसे लोग मानव वधशाला भी कहा करते हैं।;

Report :  Anshuman Tiwari
Update:2024-12-09 11:31 IST

विरोधियों के खिलाफ असद का क्रूर अंदाज,सैदनाया जेल में यातना देकर ली 30 हजार लोगों की जान (social media)

Syria Civil War: सीरिया में विद्रोहियों ने महज 11 दिनों की लड़ाई में राजधानी दमिश्क पर कब्जा करते हुए राष्ट्रपति बशर अल असद की सत्ता का अंत कर दिया है। राष्ट्रपति असद अपनी पत्नी और दोनों संतानों के साथ देश छोड़कर रूस भाग गए हैं जहां उन्हें शरण मिली है। असद के देश छोड़कर भाग जाने के साथ ही असद परिवार की लगभग साढ़े पांच दशक से चली आ रही सत्ता का भी अंत हो गया है।

असद परिवार ने 54 साल तक सुन्नी बहुल सीरिया पर राज किया मगर इस दौरान इस परिवार का इतिहास कत्लेआम और खून खराबे वाला रहा। राष्ट्रपति असद ने सीरिया की सरकारी जेलों में कई वर्षों से अपने विरोधियों को कैद कर रखा था इन जेलों में सबसे कुख्यात सैदनाया जेल रही है जिसे लोग मानव वधशाला भी कहा करते हैं। जानकारों का कहना है कि अपने शासन के दौरान बशर अल असद ने यहां करीब 30 हजार से अधिक लोगों को यातना देकर मार डाला।

गृह युद्ध में मारे गए पांच लाख से अधिक लोग

सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने 2000 में अपने पिता हाफिज अल असद की मृत्यु के बाद सीरिया का शासन संभाला था। शुरुआत में उनकी छवि सुधारवादी की रही मगर जल्द ही यह छवि बदल गई और उनकी सरकार ने बौद्धिकों और दमिश्क स्प्रिंग आंदोलन के सदस्यों को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया। 2011 में अरब स्प्रिंग के दौरान जब सीरिया में शांतिपूर्ण प्रदर्शन शुरू हुए, तो असद ने इसे रोकने के लिए सेना का सहारा लिया। यह जल्द ही गृह युद्ध में बदल गया।

जानकारों का कहना है कि इस गृह युद्ध में पांच लाख से अधिक लोग मारे गए और आधी आबादी विस्थापित हो गई। अपनी हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को राष्ट्रपति असद ने आतंकवादी बताया और उनके खिलाफ सैन्य कार्रवाई को उचित ठहराया।

सैदनाया जेल में विरोधियों को यातना

अपने विरोधियों को ठिकाने लगाने के लिए असद शासन के दौरान क्रूर तरीकों का इस्तेमाल किया गया। ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स की 2021 की रिपोर्ट में बताया गया था कि असद शासनकाल के दौरान सीरिया की जेलों में एक लाख से अधिक लोगों को मार दिया गया या उनकी मौत हो गई। सबसे अधिक मौतें सैदनाया जेल में हुई जहां 30 हजार से अधिक लोग मारे गए।

जानकारों के मुताबिक सैदनाया जेल में बंद लोगों को हत्या, यातना और जबरन गायब करने जैसी गतिविधियों का सामना करना पड़ा। यातना के दौरान कैदियों को चुप रहने के लिए मजबूर किया जाता था। तनाव की वजह से कई बंदी गंभीर मानसिक बीमारियों का भी शिकार हो गए। कैदियों की जमकर पिटाई करने के साथ ही उनके संग यौन हिंसा को भी अंजाम दिया जाता था। बंदियों को पर्याप्त भोजन, दवा, पानी, चिकित्सा देखभाल और स्वच्छता से पूरी तरह वंचित रखा जाता था।

जान लेने के लिए क्रूर तरीकों का इस्तेमाल

2021 की रिपोर्ट के मुताबिक सैदनाया सैनिक जेल में दो हिरासत केंद्र बनाए गए थे। 2011 में विद्रोह शुरू होने के बाद गिरफ्तार किए गए आम लोगों को लाल रंग की इमारत में रखा जाता था जबकि असद शासन के खिलाफ आवाज उठाने वाले सैनिकों को सफेद रंग की इमारत में बंद किया जाता था।

दमिश्क की सैन्य अदालत में मुकदमे के बाद कैदियों को फांसी पर लटकाए जाने की सजा सुनाई जाती थी। राष्ट्रपति असद की हुकूमत ने लोगों की जान लेने के लिए क्रूर तरीकों का इस्तेमाल किया।

बेरहमी से पिटाई के बाद दी जाती थी फांसी

सैदनाया जेल में लोगों को फांसी देने का भी अलग तरीका था। फांसी देने को जेल अधिकारी पार्टी कहा करते थे। वे कैदियों को दोपहर में उनकी कोठरियों से इकट्ठा करते थे और उन्हें भ्रमित करने के लिए बताया जाता था कि उन्हें सिविल जेल में भेजा जाएगा। इसके बाद कैदियों को लाल इमारत के तहखाने में ले जाया जाता था जहां कई-कई घंटे तक उनकी बेरहमी से पिटाई की जाती थी।

आधी रात के समय उनकी आंखों पर पट्टी बांध दी जाती थी और डिलीवरी ट्रकों या मिनी बसों से उन्हें सफेद इमारत में ले जाया जाता था। सफेद इमारत के तहखाने में फांसी देने के लिए अलग व्यवस्था की गई थी। यहां कैदियों को सामूहिक फांसी दे दी जाती थी।

सप्ताह में एक या दो बार सामूहिक फांसी दी जाती थी और हर बार 20 से 50 लोगों को मौत के फंदे पर लटका दिया जाता था। राष्ट्रपति असद को अपनी हुकूमत के खिलाफ आवाज उठाना कतई पसंद नहीं था और अपनी हुकूमत के दौरान उन्होंने अकेले सैदनाया में ही 30 हजार लोगों को मौत के घाट उतार दिया।

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