Taliban Government Formation: तालिबान ने मित्र देशों को भेजा निमंत्रण, कार्यक्रम में शामिल होंगे अमेरिका के सारे दुश्मन
अफगानिस्तान पर कब्ज़ा करने के बाद तालिबान ने सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। तालिबान द्वारा तुर्की, चीन, रूस, ईरान, पाकिस्तान और कतर को न्योता भेजा गया है। क़तर को छोड़ बाकी सभी देश अमेरिका के दुश्मन देश हैं।
Taliban Government Formation: अफगानिस्तान पर कब्ज़ा करने के बाद तालिबान ने सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में सरकार बनाने की प्रक्रिया अब अपने अंतिम दौर में पहुंच चुकी है। तालिबान ने सरकार गठन के दौरान होने वाले कार्यक्रम में चिन्हित देशों में न्योता भी भेज दिया है। बता दें कि तालिबान द्वारा तुर्की, चीन, रूस, ईरान, पाकिस्तान और कतर को न्योता भेजा गया है। ये सभी देश तालिबान का समर्थन करने वाले देश हैं।
सरकार गठन कार्यक्रम में तालिबान द्वारा जिन देशों को न्योता भेजा गया है, उनमें से कतर को छोड़ दें तो बाकी सभी की किसी ना किसी तरह से अमेरिका के साथ दुश्मनी है। अमेरिका ने तालिबान के साथ जो बातचीत की, वह भी कतर के दोहा में ही हुई थी। तालिबान पहले ही अमेरिका के वापस लौटने को अपनी जीत बता चुका है।
मुल्ला बरादर बन सकता है तालिबानी सरकार का प्रमुख
चीन-रूस के साथ अमेरिका की कोल्ड वॉर जारी है, पाकिस्तान-ईरान पर भी अमेरिका कई तरह के प्रतिबंध लगाता आया है। तुर्की के साथ भी ट्रंप प्रशासन के दौरान हालात आर-पार वाले हो गए थे। काबुल (Kabul) के राष्ट्रपति भवन में तालिबान की सरकार का गठन होना तय है। मुल्ला बरादर को तालिबानी सरकार का प्रमुख बनाया जा सकता है, जबकि मुल्ला हिब्तुल्ला अखुंदजादा को सुप्रीम लीडर बनाया जा सकता है।
चीन हमारे लिए एक अहम देश- तालिबान
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि तालिबान दुनिया के साथ अच्छे संबंध स्थापित करना चाहता है। चीन हमारे लिए एक अहम देश है, वह दुनिया की आर्थिक शक्ति है और अफगानिस्तान को खुद को आगे बढ़ाने के लिए उसका साथ चाहिए।
बाहर से आए हुए लोग यहां का विकास नहीं कर सकते- तालिबान
तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि लोगों को समझना होगा कि बाहर से आए हुए लोग यहां का विकास नहीं कर सकते हैं, हमें ही अपनी ज़िम्मेदारी उठानी होगी। काबुल एयरपोर्ट को लेकर तालिबान ने बयान दिया है कि कतर, तुर्की, यूएई से आई हुई टीमें एयरपोर्ट को सही करने में जुटी हुई हैं।
तालिबान और हक्कानी नेटवर्क
गौरतलब है कि तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में लंबे समय से सरकार बनाने की तैयारी की जा रही है। हालांकि, दो-तीन बार ऐलान टाल दिया गया। माना जा रहा था कि तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के बीच सत्ता संघर्ष को लेकर कुछ विवाद चल रहा है। लेकिन अब तालिबान फिर से जल्द सरकार गठन के संकेत दे रहा है।