Taliban Top Leaders List : अखुंदजादा होंगे अफगानिस्तान के नए सुप्रीम नेता! जानें सबसे दमदार तालिबानी नेताओं के बारे में

Taliban Top Leaders List: अखुंदजादा अफगानिस्तान के नए लीडर होंगे। उनके तीन सहायक कमांडर हैं जिन्हें तालिबान सरकार में प्रधानमंत्री जैसी शीर्ष पोजीशन दी जाने की संभावना है।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Shivani
Update:2021-08-17 12:41 IST

तालिबानी नेता (Photo Social Media)

Taliban Top Leaders List: अफगानिस्तान पर तालिबान का कंट्रोल हो चुका है और अब तालिबान के सुप्रीम लीडर हैब्तुल्लाह अखुंदजादा (Hibatullah Akhundzada) को ही देश का नया नेता बनाये जाने की उम्मीद है। 60 वर्षीय अखुंदजादा इस्लामी धर्म और शरिया के विद्वान् हैं।

कौन हैं हैब्तुल्लाह अखुंदजादा

Hibatullah Akhundzada Kaun Hain- तालिबान के राजनीतिक, धार्मिक और सैन्य मामलों में उनका फैसला अंतिम माना जाता है। अखुंदजादा ने तालिबान के पूर्व प्रमुख अख्तर मोहम्मद मंसूर की जगह ली है जिसे 2016 में अमेरिका ने ड्रोन हमले में मार दिया था। अखुंदजादा की पैदाइश और परवरिश कंधार के पास पंजवाई जिले में हुई है। तालिबान के अन्य टॉप नेताओं की तरह अखुंदजादा भी पश्तून हैं। अफगानिस्तान में पश्तून सबसे बड़ा जातीय समुदाय है और इस समुदाय का हमेशा से दावा रहा है कि देश पर शासन करने का सिर्फ उसी को अधिकार है।

 Akhundzada Profile In Hindi

अस्सी के दशक में अखुंदजादा ने युवा धार्मिक छात्रों के समूह के साथ लड़ाकू ब्रिगेड बनाईं थीं और ने सोवियत सेनाओं तथा उसके समर्थकों से मोर्चा लिया था। अखुंदजादा शुरुआती दौर में तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर का सलाहकार हुआ करते थे और संगठन में गहरी पैठ बनाते हुए आगे चल कर 'शेख उल हदीथ' यानी इस्लाम के उत्कृष्ट विद्वान् का स्टेटस हासिल कर लिया था। हाल के दशकों में अखुंदजादा तालिबान की शीर्ष धार्मिक न्यायाधीश रहे हैं। तालिबान के राजनीतिक, धार्मिक और सैन्य मामलों में अंतिम निर्णय अखुंदजादा का ही होता है।

बताया जाता है कि अखुन्द्जादा सिर्फ विडियो सन्देश ही देते हैं और उनके हाथ से लिखा हुआ कोई नोट आज तक नहीं देखा गया है। अखुन्द्जादा का 23 वर्षीय बेटा एक अफगान सैन्य ठिकाने पर आत्मघाती हमले में मारा गया था। अखुंदजादा को शायद ही कभी सार्वजानिक स्थल पर देखा गया है जिससे ये भ्रम भी हुआ था कि वह ज़िंदा हैं भी नहीं।


बताया जाता है बेहद सख्त अखुंदजादा का दृष्टिकोण अब काफी व्यवहारिक हो गया है और उन्होंने तालिबान के निचले कैडर को लोगों का दिल अनुशासन और गुड गवर्नेंस के जरियी जीतने का आह्वान किया हुआ है। अमेरिका से शांति वार्ता की शुरुआत की इजाजत भी अखुंदजादा ने ही दी थी। फिलहाल अखुन्द्जादा के तीन सहायक कमांडर हैं जिन्हें तालिबान सरकार में प्रधानमंत्री जैसी शीर्ष पोजीशन दी जाने की संभावना है। लेकिन ये तीन हैं - मुल्ला अब्दुल गनी बरादर, सिराजुद्दीन हक्कानी और मुल्ला मोहम्मद याकूब। इन तीनों का व्यक्तिगत नजरिया एक दूसरे से एकदम अलग है। पश्चिमी एक्सपर्ट्स के अनुसार ये तीनों अच्छे भी हैं और बहुत बुरे भी।

मुल्ला अब्दुल गनी बरादर (Abdul Ghani Baradar Profile)

Abdul Ghani Baradar Kaun Hai- तालिबान के चार संस्थापकों में से एक, मुल्ला बरादर फिलहाल संगठन के राजनीतिक प्रमुख हैं और वह दोहा में शांति वार्ताकारों की टीम में शामिल थे। तालिबान के संस्थापक ने मुला उमर ने ही अब्दुल गनी को 'बरदार' यानी भाई उपनाम दिया था। तालिबान के गठन के समय वह एक कमांडर और रणनीतिकार की भूमिका में हेरात और काबुल क्षेत्र में सक्रिय थे। मुल्ला उमर के बेहद करीबी माने जाने वाले बरादर को 2010 में कराची से गिरफ्तार किया गया था और आठ साल बाद अमेरिका के आग्रह पर पाकिस्तान सरकार ने उसे रिहा किया था। अमेरिका ने यह आग्रह शांति वार्ता के परिप्रेक्ष्य में किया था। बरदार तालिबान के प्रमुख राजदूत की तरह काम करते रहे हैं और विश्व के इस्लामिक आंदोलनों, चीन और पाकिस्तान जैसी क्षेत्रीय शक्तियों से दर्जनों मीटिंग की हैं। बताया जाता है कि बरदार की प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प से भी फोन पर बात हुई थी।


सिराजुद्दीन हक्कानी (Sirajuddin Haqqani Profile)

Sirajuddin Haqqani Kaun Hain- सिराजुद्दीन हक्कानी मुजाहिद्दीन कमांडर जल्लालुद्दीन हक्कानी का बेटा है। वह हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख है, जो पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर तालिबान के सैन्य और वित्तीय संसाधनों की देखरेख करता है। अमेरिका ने सिराजुद्दीन को मोस्ट वॉंटेड आतंकी घोषित किया हुआ है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि हक्कानी नेटवर्क ने अफगानिस्तान में आत्मघाती हमलों की शुरुआत की थी। यह नेटवर्क भारतीय दूतावास पर भी आत्मघाती हमला कर चुका है और इसने पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई की हत्या की कोशिश भी की थी। सिराजुद्दीन हक्कानी के अल कायदा और पकिस्तान की आईएसआई के साथ करीबी सम्बन्ध हैं। पाकिस्तान-अफगानिस्तान की सीमा पर हक्कानी नेटवर्क का दबदबा रहता है।


मुल्ला मोहम्मद याकूब (Maulvi Mohammad Yakub Profile )

Maulvi Mohammad Yakub Kaun Hai- मुल्ला मोहम्मद याकूब तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर का बेटा है और तालिबान के सैन्य अभियानों का प्रमुख है। लगभग 30 साल के याकूब को अलग-अलग मौकों पर संगठन का प्रमुख घोषित किया गया था, लेकिन उसने 2016 में अखुंदजादा का नाम तालिबान के सबसे बड़े नेता के तौर पर आगे कर दिया था। बताया जाता है हाल के तालिबान के सैन्य अभियान की व्यूह रचना याकूब ने की थी।


शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई (Sher Mohammad Abbas Stanikzai)

सत्ता से बेदखल होने से पहले तालिबान सरकार में मंत्री रह चुका शेर मोहम्मद अब्बास एक दशक तक दोहा में रहा है। उसने अफगान सरकार के साथ बातचीत भी हिस्सा लिया है और कई देशों के कूटनीतिक दौरे किए हैं। 2015 में उसे दोहा स्थित तालिबान के राजनीतिक कार्यालय का प्रमुख बनाया गया था।


अब्दुल हकीम हक्कानी (Abdul Hakeem Haqqani Profile)

तालिबान के वार्ताकारों की टीम का प्रमुख अब्दुल्ल हकीम संगठन के लिए जज के तौर पर भी काम कर चुका है। वह तालिबान के शक्तिशाली धर्मिल विद्वानों की काउंसिल का प्रमुख है। कहा जाता है कि वह अखुंदजादा का सबसे भरोसेमंद आदमी है।

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