डोनाल्ड ट्रंप को पसंद नहीं अल-सल्वाडोर, हैती के लोगों का काला रंग, विरोध

Update: 2018-01-12 13:43 GMT

जेनेवा : संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने अल-सल्वाडोर, हैती व कुछ अन्य अफ्रीकी देशों के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अपमानजनक टिप्पणी को 'नस्लभेदी' करार दिया है। समाचार एजेंसी एफे न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त के प्रवक्ता रुपर्ट कोलविले ने इन दोनों देशों को ट्रंप द्वारा गंदा कहे जाने की निंदा की। ट्रंप ने यह टिप्पणी सांसदों के साथ आव्रजन संबंधी एक बैठक में की थी।

कोलविले ने कहा, "अमेरिका के राष्ट्रपति की यह टिप्पणी आश्चर्यजनक और शर्मनाक है। अफसोस के साथ मुझे कहना पड़ रहा है कि यह नस्लवादी के अलावा और कुछ नहीं है।"

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ओवल आफिस में हुई इस बैठक में मौजूद लोगों के मुताबिक, ट्रंप इस बात को लेकर हताश थे कि अल-सल्वाडोर, हैती और कुछ खास अफ्रीकी देशों के आव्रजकों को अमेरिका आने दिया जा रहा है। उन्होंने इन देशों को शिटहोल्स तक कह डाला।

कहा जा रहा है कि ट्रंप ने कहा, "आखिर इन गंदे देशों के इन तमाम लोगों को हम अपने यहां क्यों आने दे रहे हैं। हमें हैती के और लोगों की क्या जरूरत है। उन्हें निकाल बाहर करें।"

ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका को नार्वे जैसे देशों के आव्रजकों का स्वागत करना चाहिए।

ट्रंप के इस भद्दे बयान के बाद अफ्रीका के देश उनके विरोध में एक साथ खड़े हैं और माफी की मांग कर रहे हैं।

अफ्रीकी देश बोत्सवाना की विदेश मंत्री पेइलोनोमी वेंसन मोईतोई ने कहा यह आपके द्वारा प्रयोग किया जाने वाला शब्द नहीं है, यह ऐसा शब्द नहीं है जिसे कोई राष्ट्रपति इस्तेमाल करे।

 

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