Ukraine Crisis: सीमा पर तैनात 8500 से ज्यादा अमेरिका सैनिक, रूसी आक्रमण का हाई-अलर्ट जारी

Ukraine Crisis: अमेरिका ने करीब 8500 सैनिकों को हाई-अलर्ट पर रखा हुआ है। इस बारे में पेंटागन ने जानकारी दी।

Newstrack :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2022-01-25 08:27 IST

अमेरिकी सैनिक (फोटो-सोशल मीडिया)

Ukraine Crisis: रूस-यूक्रेन संकट अब भीषण रूप लेता जा रहा है। ऐसे में अमेरिका ने करीब 8500 सैनिकों को हाई-अलर्ट पर रखा हुआ है। इस बारे में पेंटागन ने जानकारी दी। रूस-यूक्रेन के पास के क्षेत्रों में बीते कई दिनों से सैन्य क्षमता में बढोत्तरी होने की खबरें आ रही हैं। वहीं अब नाटो औऱ अमेरिका, यूक्रेन पर होने वाले रूस के अटैक के लिए तैयार हो रहा है।

इस बारे में अमेरिका रक्षा विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि इन 8500 सैनिकों में ब्रिगेड कॉम्बैट टीमें, दल, चिकित्सा कर्मियों, विमानन सहायता, खुफिया, निगरानी शामिल हैं।

साथ ही उन्होंने कहा, 'तैनाती को लेकर आदेश जारी नहीं किए गए हैं और कोई मिशन भी तय नहीं किए गए हैं। यूक्रेन संकट के बीच अमेरिका NATO के पूर्वी हिस्से को मजबूत करने के लिए अमेरिकी सैनिकों की यूरोपीय थियेटर में भेजने के विकल्प से मना नहीं कर रहा है।

रक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की कोशिश

नाटो के फैसले के बारे में बात करते हुए किर्बी ने आगे कहा कि यूक्रेन तनाव के बीच यूरोप में अतिरिक्त अमेरिकी बलों की संभावना के तौर पर तैनाती नाटो (NATO) के फैसले पर निर्भर करती है।

ऐसे सूत्रों से सामने आई रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में डेनमार्क, स्पेन, फ्रांस और नीदरलैंड सहित अन्य कुछ NATO सदस्य इलाके में रक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पूर्वी यूरोप में लड़ाकू विमान और युद्धपोत भेजने पर विचार विमर्श कर रहे हैं।

फिलहाल इस मामले में यूक्रेन बॉर्डर पर बढ़ते तनाव के चलते संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कूटनीतिक प्रयास और वार्ता बढ़ाने का आह्वान किया था।

बता दें, यूक्रेन संकट को मजबूत पकड़ बनाते हुए अमेरिका औऱ उसके सहयोगियों ने रूस पर साझा सीमा पर सैन्य क्षमता बढ़ाने और आक्रमण की तैयारी करने के आरोप लगाए थे। लेकिन इसके बाद बीते कई महीनों से यूक्रेन तनाव अब लगातार तेजी से बढ़ता दिखाई दे रहा है।

लेकिन मास्को ने इन सभी आरोपों से मना किया था। जबकि रूस के बॉर्डर के नजदीक नाटो (NATO) की सैन्य गतिविधियों के बारे में भी बताया गया था, जिन्हें वह अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बहुत बड़ा खतरा मानता है।


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