Pakistan: पाकिस्तान सरकार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में शिकायत, इमरान ने गृह युद्ध की चेतावनी दी
Pakistan: इमरान खान ने पाकिस्तान की शाहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, संयुक्त राष्ट्र तक मामला पहुंचा देने के साथ साथ देश में गृह युद्ध होने की चेतावनी दे दी है।
Lucknow: इमरान खान (Imran Khan) ने पाकिस्तान की शाहबाज शरीफ सरकार (Shahbaz Sharif government of Pakistan) के खिलाफ अपनी लड़ाई को और भी आगे बढ़ाते हुए संयुक्त राष्ट्र (United Nations) तक मामला पहुंचा देने के साथ साथ देश में गृह युद्ध होने की चेतावनी (warning of civil war) दे दी है। अपनी सरकार गिरने के बाद से इमरान (Imran Khan) लगातार नए चुनाव की मांग कर रहे हैं और इसी क्रम में उन्होंने इस्लामाबाद तक लांग मार्च निकाला था। अब अपने ही देश की सरकार की शिकायत अंतरराष्ट्रीय मंच पर की गई है और कार्रवाई की मांग उठाई गई है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने चेतावनी दी है कि अगर चुनाव की घोषणा नहीं की गई तो देश गृहयुद्ध में उतर जाएगा। टीवी पर एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "हम देखेंगे कि क्या वे हमें कानूनी और संवैधानिक तरीकों से चुनाव की ओर जाने की अनुमति देते हैं अन्यथा यह देश गृहयुद्ध की ओर जाएगा।
पीटीआई ने संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप की मांग की
दूसरी तरफ पीटीआई ने लांग मार्च में शामिल निहत्थे प्रदर्शनकारियों और पार्टी नेतृत्व के खिलाफ सरकारी तंत्र का गलत इस्तेमाल कर फर्जी मामले दर्ज करने और उत्पीड़न के लिए सरकार की मनमानी को बेनकाब करने के लिए संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप की मांग की है।
उन्होंने कहा कि वह प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए अपनी पार्टी की याचिका पर फैसला करने के लिए शीर्ष अदालत का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद उन्होंने कहा कि वह अगले मार्च की तारीख जारी करेंगे।
पीटीआई नेता और पूर्व मानवाधिकार मंत्री डॉ शिरीन मजारी द्वारा संयुक्तराष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त को लिखे एक पत्र में, सरकार की ज्यादतियों और मानवाधिकारों के उल्लंघन की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की गई है। सरकार की ज्यादतियों से पीटीआई का मतलब 25 मई को लांग मार्च से पहले पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई और मार्च के दिन पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले दागना और लाठीचार्ज करना है।
सरकार को मीडिया की सेंसरशिप को रोकना चाहिए-इमरान खान
मजारी ने संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी से पत्र में उठाए गए मुद्दों पर तत्काल ध्यान देने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि न केवल पाकिस्तान में लोकतंत्र को बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Former Prime Minister Imran Khan), उनकी पार्टी के नेतृत्व के जीवन को भी खतरा है। पीटीआई ने संयुक्त राष्ट्र से पीटीआई सदस्यों के उत्पीड़न को समाप्त करने और उनके खिलाफ राजनीतिक रूप से प्रेरित मामलों से बचाने के लिए हस्तक्षेप करने के लिए कहा। उन्होंने गुहार लगाई है कि सरकार को मीडिया की सेंसरशिप को रोकना चाहिए क्योंकि यह बुनियादी लोकतांत्रिक मानदंडों और नागरिक राजनीतिक अधिकार पर अंतर्राष्ट्रीय मान्यताओं का उल्लंघन है।
पत्रों में कहा गया है कि देश में राजनीतिक अराजकता पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार को गिराने के लिए शासन परिवर्तन की "साजिश" से शुरू हुई थी। ये साजिश एक ऐसे राजनेता के नेतृत्व में की गई जो मनी लॉन्ड्रिंग के कई मामलों का सामना कर रहा हैऔर फिलहाल जमानत पर बाहर है। ये इशारा नवाज़ शरीफ़ की तरफ है जो फिलहाल लंदन में हैं।
पत्रों में कहा गया है, "चीजें तब पूरी तरह से अराजकता में बदल गईं, जब अविश्वास प्रस्ताव हुआ और खान के नेतृत्व वाली सरकार को बाहर कर दिया गया। तब से देश भर में इमरान खान की पार्टी द्वारा आयोजित विशाल रैलियों में जनता के गुस्से का एक आधार दिखाई देता है, इन विरोध रैलियों को लोकतंत्र और पाकिस्तान की संप्रभुता की बहाली के लिए एक आंदोलन में बदल दिया, लेकिन सरकार, द्वारा दमनकारी उपायों के साथ जवाब दिया गया है।
आजादी मार्च का आह्वान
पाकिस्तान भर में व्यापक जनसभाओं की एक श्रृंखला के बाद, पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान ने एक आजादी मार्च का आह्वान किया था, जिसमें देश भर से लोगों को राजधानी इस्लामाबाद जाना था। इस पर संघीय सरकार, पंजाब और सिंध की दो प्रांतीय सरकारों ने इस्लामाबाद और दो प्रांतों में पीटीआई के कार्यकर्ताओं और नेताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। उन्होंने पीटीआई कार्यकर्ताओं और नेताओं के उत्पीड़न को तुरंत रोकने, सभी राजनीतिक कार्यकर्ताओं को रिहा करने और पीटीआई के कार्यकर्ताओं और नेताओं के खिलाफ दर्ज सभी राजनीतिक रूप से प्रेरित मामलों को वापस लेने के लिए कहा है।