ट्रंप बनेंगे राष्ट्रपति: नजदीक आ रहा अमेरिका इलेक्शन, ये दे रहे कड़ी टक्कर

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव मात्र 97 दिन दूर है। सरगर्मियां तेज हैं और दो खेमों में बंटा हुआ मीडिया अलग अलग भविष्यवाणियाँ कर रहा है।

Update:2020-07-29 17:22 IST

लखनऊ: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव मात्र 97 दिन दूर है। सरगर्मियां तेज हैं और दो खेमों में बंटा हुआ मीडिया अलग अलग भविष्यवाणियाँ कर रहा है। सर्वे डोनाल्ड ट्रंप को हारता हुआ दिखा रहे हैं लेकिन ये भी कहा जा रहा है कि रेस के अंतिम चक्र में ट्रंप का आगे निकलना तय है।

ये भी पढ़ें:राफेल लाए UP के कमाण्डर: विमानों को भारत लाने वाले ये दो महानायक, हुआ स्वागत

अप्रवूल रेटिंग

कामकाज और भाषणों के दम पर अप्रवूल रेटिंग सामने आ रही हैं। जिसमें जो बिडेन अभी काफी हदतक आगे हैं और डोनाल्ड ट्रंप पिछड़ते जा रहे हैं। अमेरिका की राजनीति में अप्रूवल रेटिंग काफी मायने रखती है, फिर चाहे वो सीनेटर हों या राष्ट्रपति। राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनज़र रेटिंग में जो बिडेन आगे चल रहे हैं यानी अप्रूवल रेटिंग के आधार पर अभी चुनाव हो जाएं तो वो राष्ट्रपति बन जाएंगे। अमेरिका में इसी हफ्ते की रेटिंग के आधार पर डोनाल्ड ट्रंप का अप्रूवल रेट 38 फीसदी है। 1948 में हैरी ट्रूमैन के बाद से कोई भी व्यक्ति 40 फीसदी से कम रेटिंग में नहीं जीत सका है। जून के बाद से ही जो बिडेन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच 10 प्वाइंट से अधिक का अंतर रहा है, जो अधिकतम 13 प्वाइंट्स तक गया है। यही कारण है कि पिछले कुछ दिनों से डोनाल्ड ट्रंप ने कमान अपने हाथ में ली है।

चुनावी साल में ट्रंप के लिए सबसे बड़ी मुश्किल कोरोना महामारी के रूप में सामने आई है जिसमें करीब डेढ़ लाख अमेरिकी काल के गाल में समा चुके हैं। महामारी से निपटने को लेकर ट्रंप की आलोचना शुरू से हो रही है। इससे बिगड़ी अर्थव्यवस्था और पैदा हुई बेरोजगारी के अतिरिक्त अश्वेत आंदोलन ने ट्रंप की छवि पर विपरीत प्रभाव डाला है।

ताजा सर्वे में ज्यादातर लोग कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने में ट्रंप को नाकामयाब मानते हैं। यह उनकी अलोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण है। आलोचकों के अनुसार ट्रंप ने कोरोना संक्रमण को शुरुआत में हल्के में लिया। वह उसे चुटकी बजाते ही खत्म करने की बात कहते रहे। उनका यही दावा उन पर और अमेरिका पर भारी पड़ गया। लॉकडाउन में नरमी और पुलिस की गोली से मरे अश्वेत से भड़के आंदोलन ने हालात को और बिगाड़ दिया। ऐसे में ट्रंप और उनके प्रचार में लगी टीम बिडेन की कमजोरियों पर फोकस कर रही है। लोगों का उस ओर ध्यान खींचने की कोशिश कर रही है।

फिर भी जीत सकते हैं ट्रंप

भले ही हालत ख़राब हों लेकिन ट्रंप का जनाधार अगर बढ़ा नहीं है तो खत्म भी नहीं हुआ है। ट्रंप एक जुझारू लड़ाके की तरह मैदान में डटे हुए हैं। ट्रंप की विजय के 6 संभावित कारण गिनाये जा सकते हैं :

1। अर्थव्यवस्था में सुधार : महामारी की बुरी मार के बीच बंदिशें हटाने पर ट्रंप भले ही निशाने पर हैं लेकिन अर्थव्यवस्था में काफी सुधार आया है। मई-जून में 45 लाख रोजगार उत्पन्न हुए। अर्थशास्त्री भी मान रहे हैं कि इकॉनमी वापस गति में आई है। अब ट्रंप इसमें और भी तेजी ला सकते हैं। इससे उनकी लोकप्रियता में भरी इजाफा होना तय है। अभी ही 50 फीसदी लोगों का मानना है कि ट्रंप ने अच्छी तरह से इकॉनमी संभाली है।

2। मतदान में बदलाव : चार साल पहले डोनाल्ड ट्रंप और हिलरी क्लिंटन के बीच रेस तीन राज्यों - विस्कांसिन, मिशिगन और पेंसिलवानिया में फंस गयी थी। दोनों में फासला बहुत कम था लेकिन अंततः ट्रंप जीत गए। इस बार भी इन्हीं तीन राज्यों में मामला फंसा है। बिडेन यहाँ 6 से 8 अंक से आगे हैं। लेकिन इन राज्यों में मतदाता का रुझान अंत तक समझ पाना मुश्किल है।

3। ट्रंप का प्रचार अभियान : ट्रंप प्रचार का कोई तरीका और अवसर नहीं छोड़ रहे। ट्रंप हर वक्त हर जगह छाये रहते हैं। अपने अधिकारिक दौरों में भी प्रचार वाले भाषण देते हैं। और उनका निशाना जो बिडेन पर रहता है। जनता के बीच ज्यादा से ज्यादा नजर आने के लिए ट्रंप ने कोरोना टास्क फ़ोर्स की दैनिक ब्रीफिंग में फिर से खुद आना शुरू कर दिया है।

4। जो बिडेन की समस्याएं : हाल ही में जो बिडेन की पत्नी का निधन हो गया। इससे एक सहानुभूति की लहर तो बनी लेकिन बिडेन एक ऐसी शासन-प्रशासन व्यवस्था के प्रतिनिधि स्वरुप हैं जो युवाओं को अपील नहीं करता। बिडेन को एक औसत दर्जे का नेता माना जाता है। इसके अलावा डेमोक्रेट्स नेता बर्नी सैनडर्स की बजाय बिडेन को प्रयाशी बनाये जाने से बहुत से डेमोक्रेट वोटर खुश नहीं हैं और वे वोट देने ही न जाएँ, ये भी हो सकता है।

5। बिडेन के वोटर : महामारी के कारन मतदान केन्द्रों की संख्या काफी घटा दी गयी है। अटलांटा मेट्रो एरिया में ही 80 केंद्र खत्म कर दिए गए। मिल्वौकी में केन्द्रों की संख्या 180 से घटा कर 5 कर दी गयी। इससे डेमोक्रेट सपोर्ट वाले शहरी इलाकों में मतदान पर असर पड़ सकता है। इस स्थिति के लिए पोस्टल बैलट की बात की जा रही है लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने सफा कहा है कि पोस्टल बैलट से धांधली का ख़तरा है सो ये नहीं किया जाना चाहिए।

6। अक्टूबर का सरप्राइज़ : ट्रंप एक बेहतरीन शोमैन हैं सो वे कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं। हो सकता है कि ट्रंप अक्टूबर में वैक्सीन या दवा जैसी किसी बड़ी उपलब्धि की घोषणा कर दें।

ये भी पढ़ें:मौसम पर सख्त आदेश: लागू होगा ‘इन्टीग्रेटेड अर्ली वार्निंग सिस्टम’, अलर्ट पर सरकार

इलेक्शन डे तक की महतवपूर्ण तारीखें

1 अगस्त : डेमोक्रेट प्रत्याशी जो बिडेन अपना वाइस प्रेसिडेंट का नाम घोषित करेंगे।

17-20 अगस्त : डेमोक्रेटिक पार्टी का मिल्वौकी में कन्वेंशन होगा जहाँ डेमोक्रेट समर्थक जुटेंगे।

24-27 अगस्त : नार्थ कैरोलिना के शार्लोट में रिपब्लिकन पार्टी का कन्वेंशन होगा।

18 सितम्बर : सबसे पहली पोलिंग मिनेसोटा में शुरू होगी।

29 सितम्बर : ट्रंप और बिडेन के बीच पहला डिबेट होगा।

7 अक्टूबर : वाईस प्रेसिडेंट्स डिबेट साल्ट लेक सिटी में होगा।

15 अक्तूबर : ट्रंप और बिडेन के बीच मियामी में दूसरा डिबेट होगा।

22 अक्टूबर : ट्रंप और बिडेन के बीच नैशविले में तीसरा और आखिरी डिबेट होगा।

3 नवम्बर : इलेक्शन डे।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News