मदरसे आतंकियों का ठिकाना: पाकिस्तान पर US का बड़ा दावा, यहां छिपे हैं तालिबानी

पाकिस्तान के मदरसों से अफगान-तालिबान आतंकी समूह उत्पन्न हुआ है। वहीं अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान से जाने के बाद देश में गृह युद्ध हो सकता है।

Update: 2021-02-24 14:14 GMT
इसमें पुलवामा हमले का आरोपी सज्जाद भट और जुबैर नेगरू के अलावा 13 पूर्व छात्रों की सूची में हिजबुल मुजाहिदीन का नाजिर नजीम डार और एजाज अहमद भी शामिल हैं।

लखनऊ: दुनियाभर में पाकिस्तान आतंक के पनाहगार के तौर पर जाना जाता है। पाकिस्तानी जमीन में आतंकियों की ट्रेनिंग होती हैं और उन्हें यहां से दहशतगर्दी के लिए तैयार कर अन्य मुल्कों में हमले के लिए भेजा जाता है। इस तरह के दावे कई रिपोर्ट्स में किये जा चुके हैं। इसी का परिणाम है कि पाकिस्तान पर एफएटीएफ की कार्रवाई हो रही है। वहीं अब अमेरिका (America) के एक सैन्य अधिकारी ने पाकिस्तानी मदरसों को लेकर बड़ा दावा किया है।

अमेरिका के पूर्व शीर्ष सैन्य अधिकारी का पाकिस्तान आतंक पर दावा

दरअसल, अमेरिका के पूर्व शीर्ष सैन्य अधिकारी ने आतंक को लेकर अपने एक खुलासे से पाकिस्तान को बेनकाब कर दिया है। सैन्य अधिकारी ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टॉफ के पूर्व अध्यक्ष जनरल (रिटायर) जोसेफ एफ डनफोर्ड (Joseph F Dunford) ने कांग्रेस की सुनवाई के दौरान सांसदों को बताया कि पाकिस्तान में अफगान तालिबान के ठिकाने हैं।

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पाकिस्तान में अफगान तालिबान के ठिकाने

उन्होने दावा किया कि पाकिस्तान के मदरसों से अफगान-तालिबान आतंकी समूह उत्पन्न हुआ है। वहीं अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान से जाने के बाद देश में गृह युद्ध हो सकता है। पाकिस्तान पर आरोप लगा कि तालिबानियों का पाकिस्तान में ठिकाना है। ईरान ने आतंकी समूह की भी यहां से सहायता की जाती है।

अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना हटने से देश में खतरा

पूर्व सैन्य अधिकारी का दावा है कि तालिबान को ड्रग व्यापार के जरिए आर्थिक सहायता मिलती है। बता दें कि तालिबान एक सुन्नी आतंकी संगठन है। जिसकी शुरूआत पाकिस्तान के मदरसों से हुई। हालांकि यूएस ने अफगान बलों को ट्रेनिंग दी,और अमेरिकी सैन्य बलों की मौजूदगी अफगान में रखी, जिसकी वजह से आतंकवादी खतरा कम रहा। लेकिन इस बात की शंका जताई गई कि अमेरिकी सैना की वापसी के बाद लगभग 18 से 36 महीनों के भीतर देश में खतरा फिर से बढ़ सकता है।

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