चीन के गुनाहों की खुली पोल! US खुफिया रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासा, प्रलय...
दुनिया में तबाही मचा रहे कोरोना वायरस को लेकर आए दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अब अमेरिका के पूर्व सैन्य अधिकारी ने चौंकाने वाला दावा किया है
नई दिल्ली: दुनिया में तबाही मचा रहे कोरोना वायरस को लेकर आए दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अब अमेरिका के पूर्व सैन्य अधिकारी ने चौंकाने वाला दावा किया है। इस पूर्व अधिकारी के मुताबिक अमेरिका की खुफिया एजेंसियों को बीते नवंबर की शुरुआत में ही चीन में फैल रहे इस जानलेवा वायरस की जानकारी मिल गई थी। इसके अधिकारी लगातार इस वायरस पर नजर रख रहे थे।
बता दें कि अब चीन को छोड़कर दुनियाभर में ये जानलेवा वायरस ताबही मचा रहा है। चीन ने दुनिया से लंबे समय तक इस खतरनाक वायरस को लेकर अंधेरे में रखा और झूठ बोल रहा। इस सनसनीखेज दावे में ये भी कहा गया है कि यूएस इंटेलिजेंस अधिकारियों ने बीते साल नवंबर के आखिर में ही चीन से प्रलय की तरह कोरोना महामारी फैलने की चेतावनी दी थी।
अब इस दावे के बाद चीन की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सवला उठ रहा है कि आखिर विदेशी खुफिया एजेंसियों को भी जब महामारी के विकराल होने का अंदाजा था तो चीन को यह क्यों नहीं जानकारी हुई? अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या चीन अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए वायरस पर झूठ बोलता रहा और उसके इसी खुदगर्ज रवैये से दुनिया भर में महामारी फैल गई?
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अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक 3 जनवरी को पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रतिदिन होने वाली प्रेस कांफ्रेंसमें चीन के घातक वायरस, संक्रमण की क्षमता और अमेरिका के प्रति खतरे को लेकर खुफिया विभाग से मिली जानकारी को साझा किया, तो वहीं पर्दे के पीछे अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए और दूसरी जासूसी संस्थाएं चीन के भीतर उस वायरस की तह तक जाने की कोशिश कर रही थीं।
यूएस इंटेलिजेंस रिपोर्ट में चीन के पापों की खुली पोल
कोरोना वायरस महामारी को लेकर चीन पर आरोप लग रहे हैं कि शुरुआत से ही वह पूरी दुनिया से झूठ बोलता रहा। यह पता चल जाने के बाद भी कि वायरस बहुत ही ज्यादा संक्रामक है और इंसान से इंसान के बीच फैल रहा है, चीन ने खुद अपने नागरिकों और दुनिया से सच्चाई छिपाया और कहा कि यह ज्यादा खतरनाक नहीं है।
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31 दिसंबर को चीन ने पहली बार विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) को न्यूमोनिया जैसे रहस्यमय बीमारी के बारे में जानकारी दी। 7 जनवरी को उसने पहली बार कोरोना वायरस की पुष्टि की और स्थिति जब बिगड़ गई तो 23 जनवरी को उसने वुहान में सख्त लॉकडाउन कर दिया। लेकिन तब तक वायरस दुनिया के देशों में फैल गया था।
प्रश्न उठ रहे हैं कि क्या चीन सिर्फ इसलिए झूठ बोलता रहा जानलेवा वायरस की सच्चाई सामने आने के बाद दुनियाभर के देश उसके यहां से आयात रोक देंगे? विदेश से लोग उसके यहां नहीं जाएंगे और उसकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा? यूएस खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट से जुड़ा खुलासा कहीं न कहीं चीन के पापों की पोल खोल रहा है।
अमेरिकी न्यूज चैनल का दावा
अमेरिकी न्यूज चैनल एबीसी के मुताबिक नवंबर के आखिर में ही यूएस एजेंसियों के अधिकारियों ने चेतावानी दी था कि चीन के वुहान क्षेत्र में नया वायरस तेजी से फैल रहा है और यह वहां के लोगों के लिए गंभीर खतरे के तौर पर सामने आया है। ध्यान देने वाली बात यह है कि तब तक चीन ने इस वायरस को लेकर न तो अपने नागरिकों और न ही दुनिया को कुछ बताया था। एबीसी न्यूज ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि अमेरिकी सेना के नैशनल सेंटर फॉर मेडिकल इंटेलिजेंस (NCMI) की नवंबर की इंटेलिजेंस रिपोर्ट में बताया गया था कि वायरस से प्रलय जैसी बर्बादी हो सकती है।
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ट्रंप की सरकार पर सवाल
एबीसी न्यूज ने सूत्रों के कहा है कि उस इंटेलिजेंस रिपोर्ट के बारे में तब अमेरिका की सैन्य खुफिया एजेंसी, पेंटागन के संयुक्त स्टाफ और व्हाइट हाउस को बार-बार बताया गया। न्यूज चैनल के दावे के बाद ट्रंप प्रशासन की तैयारियों पर भी सवाल उठ रहे हैं कि जब उन्हें नवंबर में ही चेतावनी दी गई थी तो वायरस को फैलने से रोकने के लिए समय रहते जरूरी कदम क्यों नहीं उठाए? हालांकि NCMI ने चैनल के दावे को खारिज किया है।