नोटबंदी के बाद वेनेजुएला के हालात अराजक, सरकार ने हफ्ते भर में ही वापस लिया फैसला

Update:2016-12-18 13:41 IST

कराकास: भारत की ही तर्ज पर हफ्ते भर पहले वेनेजुएला में भी वहां की सरकार ने नोटबंदी का फैसला लिया था। लेकिन नोटबंदी के बाद वहां के हालात बाद से बदतर हो गए। वहां की जनता अराजक हो गई और बाजारों, दुकानों में आग लगा दी। अंततः वेनेजुएला की सरकार ने फैसले को रद्द कर दिया है।

वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मदूरो ने नोटबंदी विफल होने के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ होने का आरोप लगाया है। मदूरो ने 12 दिसंबर को देश में तत्काल प्रभाव से अर्थव्यवस्था की सबसे बड़ी करेंसी 100 बोलिवर को प्रतिबंधित कर दिया था। इसके बदले वेनेजुएला सरकार ने 500, 2,000 और 20,000 बोलिवर की नई करेंसी जारी की थी।

नोटबंदी के बाद कुछ ऐसा रहा घटनाक्रम:

-वेनेजुएला की सरकार ने ये कदम देश में लगातार बढ़ती महंगाई को काबू करने के लिए उठाया था।

-एक हफ्ते तक नोटबंदी की वजह से बड़ी संख्या में लोग बैंकों के बाहर लाइन में खड़े रहे।

-सरकार ने कहा, नई करेंसी से भरे तीन हवाई जहाज वेनेजुएला नहीं पहुंच सके।

-इससे देश में हालात बेकाबू हो गए।

-इससे पहले परेशान लोग बैंकों के बाहर लंबी-लंबी कतारों में दिखे।

-गुस्सायी भीड़ ने दुकानों को लूट लिया और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए।

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क्रिसमस की तैयारियों में जुटा था देश

-करेंसी बदलने के लिए दिए थे सिर्फ 3 दिन

-वेनेजुएला की सरकार के इस फैसले के बाद आम आदमी खाने-पीने की चीजें खरीदने में असमर्थ दिखने लगा।

-इस वक्त देश के लोग क्रिसमस की तैयारियों में जुटे थे।

-ऐसे लोगों के हाथ एक झटके में खाली हो गए।

ये है मुख्य वजह

-जानकारी के अनुसार वेनेजुएला की आधी जनसंख्या बैंकिंग सेवाओं से बाहर है।

-ऐसे में कैशलेस ट्रांजैक्शन उनके लिए सक्षम नहीं है।

-वेनेजुएला सरकार ने नागरिकों को करेंसी बदलने के लिए महज 72 घंटे का समय दिया था।

-लेकिन नई करेंसी की सप्लाई सुस्त रहने के कारण समय बढ़ा दिया गया था।

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वेनेजुएला की करेंसी सबसे कमजोर

-मौजूदा समय में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में वेनेजुएला की करेंसी बेहद कमजोर थी।

-वहां की सबसे बड़ी 100 बोलिवर करेंसी डॉलर के मुकाबले महज 2 से 3 सेंट पर थी।

-राष्ट्रपति निकोलस मदूरो के विरोधियों का कहना है कि 18 साल से सोशलिस्ट नीतियों से देश की अर्थव्यवस्था गर्त में चली गई है।

-वेनेजुएला में 2018 में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं।

-लेकिन इससे पहले ही विपक्ष कोशिश कर रहा है कि देश में रेफेरेंडम कराकर मदूरो को सत्ता से बाहर कर दिया जाए।

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