India vs US Relation: सुरक्षा मुद्दों पर भारत को विकल्प उपलब्ध कराएगा अमेरिका, व्हाइट हाउस सलाहकार का बयान

India vs America Relationship: व्हाइट हाउस सलाघकर कर्ट कैम्पबेल ने भारत के साथ संबंधों को 21वीं सदी में अमेरिका के लिए सबसे महत्वपूर्ण भी बताया है।

Written By :  Rajat Verma
Update:2022-06-17 08:56 IST

व्हाइट हाउस सलाघकर कर्ट कैम्पबेल (Social media)

America india relationship: अमेरिका-भारत (America india relationship) के बीच बेहतर संबंधों को स्थापित करने को लेकर अब अमेरिका भी अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहा है। ऐसे में वैश्विक रूप से बदलती व्यवस्था तथा रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine war) के मद्देनजर उत्पन्न सुरक्षा चुनौतियों को लेकर व्हाइट हाउस इंडो-पैसिफिक के सलाहकार कर्ट कैंपबेल (White House Advisor Kurt Campbell) ने अपने हालिया बयान में कहा कि अमेरिका ने भारत के साथ अपनी साझेदारी बढ़ाने के उद्देश्य से नई दिल्ली को सुरक्षा मुद्दों पर विकल्प उपलब्ध कराने का फैसला किया है।

21वीं सदी में अमेरिका के संबंध भारत के साथ होने चाहिए

इस दौरान व्हाइट हाउस सलाघकर कर्ट कैम्पबेल ने भारत के साथ संबंधों को 21वीं सदी में अमेरिका के लिए सबसे महत्वपूर्ण भी बताया है। इस दौरान अपने बयान में स्पष्ट रूप से कर्ट कैम्पबेल ने कहा कि-"मुझे लगता है कि द्विपक्षीय सम्बंधों में हमेशा कुछ ना कुछ चुनौतियां रहती ही हैं। ऐसे में मेरे विचार से 21वीं सदी में अमेरिका के सबसे महत्वपूर्ण संबंध भारत के साथ होने चाहिए। हमें संस्थागत रूप से यह स्पष्ट करने की जरूरत है कि हम भारत सरकार के साथ अपनी साझेदारी, मजबूत खुफिया लिंक, मजबूत व्यापार और आर्थिक संबंध बढ़ाने पर पूरा काम कर रहे हैं।"

अमेरिका भारत के साथ मजबूत संबंध स्थापित करने पर पूरी नज़र

वर्तमान में जारी रूस-यूक्रेन संकट पर भारत के तटस्थ रुख का बचाव करते व्हाइट हाउस सलाहकार कर्ट कैंपबेल ने अपने बयान में कहा कि अमेरिका निजी तौर पर नई दिल्ली और उसके नेतृत्व के साथ स्पष्ट रूप से संवाद करने के प्रयास में संलग्न है और समय के साथ अमेरिका भारत के साथ मजबूत संबंध स्थापित करने पर पूरी नज़रें जमाए हुए है।

इस साल की शुरुआत में शुरू हुए रूसी-यूक्रेनी युद्ध पर भारत की रणनीतिक रूप से स्वतंत्र विदेश नीति वैश्विक रूप से चर्चा का विषय बनी रही। क्वाड समूह की बैठक के बाद से चर्चा थी कि रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनज़र अमेरिका द्वारा भारत को रूस के खिलाफ जाने के लिए राजी कर लिया जाएगा, लेकिन बैठक में इस ओर कोई चर्चा जाहिर नहीं हुई। 

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