जयपुर:हर देश की अपनी भाषा और परिवेश होता है जो वहां की पहचान होती हैं। लेकिन क्या कभी सुना है कि किसी देश ने वहां रहने वाले लोगों को इसके बारे में प्रतिबंधित किया हो कि क्या पहना जाए और क्या नहीं।विश्व में तजाकिस्तान ऐसा देश है जहां सरकार ने कुछ ऐसा ही फरमान निकाला है जिसके अनुसार महिलाओं को उनकी उम्र के अनुसार ही कपडे पहनने पड़ेंगे।
महिलाओं की ड्रेस पुरुषों के आकर्षण का केंद्र होती है। हाल ही में तजाकिस्तान सरकार ने 7 साल की बच्चियों से लेकर 70 साल तक की महिलाओं के लिए ड्रेस कोड तय कर दिया है। इसके लिए संस्कृति मंत्रालय ने बाकायदा एक किताब भी जारी की है, जिसमें बताया गया है कि महिलाओं को किस मौके पर किस तरह के कपड़े पहनने हैं। इसमें मॉडल्स के जरिए कपड़ों को दिखाया गया है।
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यहां तक कि सार्वजनिक जगहों पर फ्लिप-फ्लॉप चप्पल या स्लीपर पहनने पर भी रोक है। किताब में बताया गया है कि काले कपड़े बिल्कुल नहीं पहनने हैं। इस्लामिक कपड़ों के खिलाफ अभियान के तहत सिर ढंकने के लिए कपड़े के इस्तेमाल पर भी रोक है। पश्चिमी कपड़े, स्कर्ट पर भी रोक है। पूर्व सोवियत रूस का हिस्सा रहे इस देश में 90% से ज्यादा आबादी मुस्लिम है।
सरकार के इस फैसले का लोगों ने सोशल मीडिया पर जमकर विरोध किया है। एक यूजर ने तंग या शरीर दिखाने वाले कपड़ों पर सवाल किया है कि 'शरीर का कौनसा अंग? एक यूजर ने तो इसकी तुलना उत्तर कोरिया से करते हुए कहा है कि सरकार को फालतू तरीके खोजने की बजाय दूसरे जरूरी मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।