VIDEO: अंतरिक्ष स्टेशन की बड़ी उपलब्धि, धरती के लगाए एक लाख चक्कर

Update: 2016-05-17 09:37 GMT

केप कनावरल: अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) ने सोमवार को धरती के एक लाख चक्कर पूरे कर लिए। यह जानकारी रशियन मिशन कंट्रोल की ओर से दी गई। रूसी-अमेरिकी सहयोग का प्रतीक आईएसएस का कंट्रोल सेंटर मॉस्को में स्थित है। इस सेंटर ने एक बयान में कहा कि आईएसएस ने धरती के एक लाख चक्कर पूरे कर लिए हैं।

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90 मिनट में लगाता है धरती का एक चक्कर

अंग्रेजी वेबसाइट 'डेक्कन क्रॉनिकल' के मुताबिक, नासा ने बताया कि 400 किमी की ऊंचाई पर 28 हजार किमी प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा करते हुए स्पेस स्टेशन हर 90 मिनट में धरती का एक चक्कर पूरा करता है।

2.6 अरब मील की यात्रा की तय

आईएसएस ने अब तक 2.6 अरब मील की यात्रा तय की है। नासा ने स्टेशन के आधिकारिक टि्वटर फीड पर जानकारी दी कि यह दूरी उतनी है, जितने में मंगल ग्रह के 10 ट्रिप हो सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को इस दूरी को तय करने में लगभग साढ़े 17 वर्ष लग गए।

अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को दिया श्रेय

अमेरिका के फ्लाइट इंजीनियर जेफ विलियम्स ने स्टेशन से भेजे एक वीडियो में कहा कि यह मील का पत्थर है और इसका श्रेय अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को दिया जाना चाहिए, जिसमें यूरोपियन स्पेस एजेंसी, रूस, कनाडा, जापान और अमेरिका शामिल हैं। इस वीडियो को नासा ने टि्वटर पर पोस्ट किया है।

अमेरिका-ब्रिटेन और रूस के वैज्ञानिक हैं सवार

विलियम आईएसएस मिशन की तीसरी यात्रा पर हैं। वर्तमान में भी आईएसएस में सवार हैं। उनके साथ नासा के एस्ट्रोनॉट टिमोथी कोपरा, ब्रिटेन के टिम पीक और रूस के यूरी मालेनचेंको, एलेक्जी ओवचिनिन और ओलेग स्क्रिपोचका आईएसएस में हैं।

100 अरब डॉलर का हो चुका है निवेश

दो मॉड्यूल्स से शुरू हुआ आईएसएस अब 15 मॉड्यूल तक फैल चुका है। यह अंतरिक्ष में उतनी जगह घेरे है, जितना एक बड़ा फुटबॉल का मैदान होता है। इसमें अब तक करीब 100 अरब डॉलर का निवेश हो चुका है। स्टेशन में आमतौर पर छह क्रू मेंबर्स रहते हैं। उन्हें सोयुज कैप्सूल के जरिए धरती से वहां लाया-ले जाया जाता है।

अब तक 226 लोग कर चुके हैं यात्रा

रूसी मिशन कंट्रोल ने बताया कि अपने अभी तक के जीवनकाल में 15 देशों के 226 लोग आईएसएस में जा चुके हैं। उम्मीद है कि आईएसएस 2024 तक काम करता रहेगा।

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