Astrology Video: महिलाओं में लंबे बाल रखने की परंपरा बहुत पुरानी है, देखें Y-Factor

ज्योतिष शास्त्र मानता है कि बालों से मनुष्य का केवल सौंदर्य ही नहीं, भाग्य और जीवन भी प्रभावित होता है।

Written By :  Yogesh Mishra
Update:2021-08-09 20:24 IST

Astrology Video: महिलाओं के लंबे बाल रखने का मतलब यह है कि उनका मस्तिष्क अधिक संवेदनशील होता है। प्राचीन काल में बड़े बाल राजा, महाराजा, अमात्य और नामचीन लोग ही रखते थे। लेकिन शिखा रखने का चलन सबके लिए था। शिखा ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक मानी जाती थी। योग शास्त्र में शिखा का महत्व बताया गया है। कहा गया है कि शिखा मस्तिष्क की ऊर्जा तरंगों की रक्षा कर आत्मशक्ति बढ़ाती है।

स्त्री और पुरुष दोनों की खूबसूरती का सबसे महत्वपूर्ण पहलू होता है- बाल। ज्योतिष शास्त्र मानता है कि बालों से मनुष्य का केवल सौंदर्य ही नहीं, भाग्य और जीवन भी प्रभावित होता है। ज्योतिष में किस राशि का स्त्री या पुरुष कैसे बाल रखें इसका भी वर्णन है। घुघराले बाल वाले लोग भावुक, प्रेमी और जिद्दी होते हैं। धनवान तथा अनेक स्त्रियों के साथ रासलीला रचाने वाले भी होते है।

रूखे और कठोर बालों वाले व्यक्ति दुष्ट होते हैं। इनका सबसे मेल नहीं खाता। लंबे और मजबूत बाल वाले मिलनसार होते हैं। संगीत और अभिनय कला में निपुण होते हैं। चिकने और कोमल बाल वाले लोग धार्मिक, भावुक, समझदार और सकारात्मक होते हैं।

तांबे के रंगवाले बाल जिन व्यक्तियों के हों वो चंचल, तीव्र बुद्धि और कामी होते हैं। कम बाल वाले लोगों की संतान सुंदर और नाम करने वाली होती है। अधिक बाल जिनके हों वे पंडित, धर्मगुरु, अभिनेता, उपदेशक कुछ भी हो सकते हैं। आपने प्रायः साधुओं के बड़े बाल देखें होंगे। हालिया वैज्ञानिक रिसर्च बताता है कि बड़े बाल वाले बुद्धिमान होते हैं। आइंस्टीन, न्यूटन, रविंद्रनाथ टैगोर और कलाम इसके जीती-जागती नजीर हैं। नाटककार शेस्सपियर, दार्शनिक रजनीश, चित्रकार लियोनार्दो द विंसी ही नहीं जाॅन विल्टन भी बड़े बाल रखते थे। तबलावादक जाकिर हुसैन सहित तमाम कलाकारों को आप बड़े बालों में पा सकते हैं।

लंबे बाद उत्पादक और यौवन के निशानी हैं। इससे शरीरिक ऊर्जा, बेहतर सहनशक्ति और धैर्य मिलता है। बालों को शरीर का एंटीना कहा गया है। बाल सूर्य की ऊर्जा को इक्ट्ठा करके मस्तिष्क में पहुंचाते हैं। ऋषिमुनि अपने बालों में गांठ लगाते थे। यह गांठ ललाट के चुंबकीय क्षेत्र को सक्रिय कर मस्तिष्क के केंद्र में पाइनल ग्रंथि को उत्तेजित करती है। इससे उच्च बौद्धिक विकास होता है। बाल आपके शरीर के विद्युत चुंबकीय क्षेत्र को संतुलित करते है। इससे आपको जीवन शक्ति और अंतरज्ञान बढ़ाने में मदद मिलती है। लंबे बाल वाले लोग कम थकते हैं। कम निराश होते हैं।

प्राचाीन काल में जिन्हें तिरस्कृत, लज्जित और अपमानित करना होता था। उनके बाल मुंडवा दिये जाते थे। सिर मुंडवाने से मन गिर जाता है। जोश ठंड हो जाता है। नाड़ी तंत्र शिथिल हो जाता हैं। प्रयाश्चित और शोक में भी सिर मुंडवाने का प्रावधान है। देवताओं के चित्र देखिये तो आपको बड़े बालों का महत्म खुद-ब-खुद पता चल जाएगा।

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