दुनिया की सबसे साफ नदी भारत में, शीशे की तरह देख सकते हैं खुद का चेहरा

भारत में यह नदी मेघालय राज्य में बहती है। यह नदी देश की सबसे साफ नदी होने के कारण, इसे उमनगोत का टैग मिला हुआ है।

Published By :  Suman Mishra | Astrologer
Update: 2021-04-07 06:07 GMT

सोशल मीडिया से फोटो

लखनऊ: आज के समय में देश की ज्यादातर नदियां प्रदूषित हैं, इन नदियों के पानी में ना तो नहाने का मन करता है, ना ही पीने का। पुराने समय में लोग नदी के पानी से खाना बनाने से लेकर प्यास बुझाने तक का काम करते हैं।आज देश भले सारी नदियों के पानी प्रदूषित हो, लेकिन मेघालय में एक ऐसी नदी है जिसे सबसे साफ नदी का तमगा मिलाहै।

 अपने दोस्तों के साथ गर्मी की छुट्टियों में इस नदी का लुफ्त उठा सकते हैं। इस नदी में जब नाव चलती है। साफ पानी होने के कारण मानो ऐसा लगता है। नाव शीशे पर चल रही हो।इस नदी का नाम है उमनगोत है, लेकिन यह डौकी नाम से प्रसिद्ध है।




इन दो देशों की सीमा से गुजरती है नदी

भारत में यह नदी मेघालय राज्य में बहती है। यह नदी देश की सबसे साफ नदी होने के कारण, इसे उमनगोत का टैग मिला हुआ है। यह नदी शिलांग से 85 किलोमीटर दूर, भारत-बांग्लादेश सीमा के पास जयंतिया हिल्स जिले के दावकी कस्बे के बीच यह नदी बहती है। ये नदी भारत- बांग्लादेश सीमा के पास एशिया के सबसे स्वच्छ गांव का दर्जा प्राप्त गांव मॉयलननोंग से गुजरती है और बांग्लादेश में बहने से पहले ये जयन्तिया और खासी हिल्स के बीच से गुजरती है।सोच रहे है कि इस नदी का पानी इतना साफ क्यों है तो जान लें कि इस नदी में सफाई का कार्य प्राचीन काल से होता आ रहा है।



पहाड़ों में छिपा स्वर्ग

मेघालय की यह नदी 3 गांवों से होकर गुजरती है। इन गांवों में लगभग 3सौ घर है। यहां के सभी लोग मिलकर रोजाना नदी की सफाई करते हैं। यदि कोई इस नदी में गंदगी फैलाता है तो उसके लिए 5000 रुपए दंड का प्रावधान है। यहां के लोगों इस अद्भुत काम के कारण एशिया में सबसे साफ गांव का दर्जा मिला हुआ है। इस गांव का नाम "मावलिननॉन्ग" हैं। जिसके कारण इस नदी को पहाड़ों में छिपा स्वर्ग के नाम से भी लोग जानते हैं। अपने साफ पानी के कारण यह नदी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।

इस नदी पर नवंबर से लेकर अप्रैल महीने तक सबसे ज्यादा पर्यटक आते हैं। लेकिन बरसात के मौसम में यहां वोटिंग बंद कर दी जाती है। ये नदी इतनी साफ है कि नाव को एकदम साफ-साफ पानी के ऊपर तैरता हुआ देखा जा सकता है। साथ ही नदी के अंदर पाए जा



सुखद अहसास

यहां पक्षियों की चहचहाहट के साथ नदी में पड़ती सूरज की किरणें बेहद सुकून देने वाली होती हैं और एक प्राकृतिक वातावरण का एहसास दिलाती है। यहां इतना अच्छा माहौल रहता है कि पानी की आवाज को आराम से सुना जा सकता है। इस नदी में बड़ी संख्या में मछलियां भी पाई जाती हैं. सर्दियों में यह और भी सुंदर और साफ हो जाती है, यहां आने वाले सभी पर्यटकों से कहा जाता है कि वे किसी भी तरह की गंदगी न फैलाएं, अगर ऐसा करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है।

 

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