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अदाणी की उपलब्धिः APSEZ ने CDP-2020 में हासिल किया मैनेजमेंट बैंड

एपीएसईज़ेड ने सीडीपी - जल सुरक्षा में बी स्कोर प्राप्त किया है। यह इंटरमोडल ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक सेक्टर के औसत बी, एशिया क्षेत्रीय औसत बी और वैश्विक औसत बी के समान है।

Shivani
Published on: 21 Dec 2020 5:25 PM GMT
अदाणी की उपलब्धिः APSEZ ने CDP-2020 में हासिल किया मैनेजमेंट बैंड
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अहमदाबाद: अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (APSEZ) लिमिटेड ने बीस्कोर हासिल किया, जो जलवायु परिवर्तन पर सीडीपी स्कोर फ्रेमवर्क के अनुसार मैनेजमेंट बैंड में है। यह इंटरमोडल ट्रांसपोर्ट एंड लॉजिस्टिक्स सेक्टर के औसत डी, एशिया क्षेत्र के औसत डी और वैश्विक औसत सी से अधिक है। यह उपलब्‍धि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने की दिशा में प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए, प्रतिस्पर्धी बेंचमार्क स्थापित करने में एपीएसईज़ेड की नेतृत्‍वकारी भूमिका को दर्शाता है।

अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन ने B-Score हासिल किया

पोर्ट्स और लॉजिस्टिक्स सेक्‍टर में, 22% कंपनियां डिस्क्लोजर बैंड में,17% अवेयरनेस बैंड में, 41% मैनेजमेंट बैंड में और 20% लीडरशिप बैंड में हैं। एपीएसईज़ेड का परफॉरमेंस वैल्यू चेन एंगेजमेंट, टारगेट्स, स्कोप 1 एवं 2 उत्सर्जन, जोखिम प्रबंधन प्रक्रिया, अवसर प्रकटीकरण, शासन और ऊर्जा के क्षेत्रों में वैश्विक औसत के मुकाबले अच्छा रहा।

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B-Score एशिया क्षेत्रीय औसत D और वैश्विक औसत C से अधिक

यह भी उल्लेखनीय है कि एपीएसईज़ेड ने सीडीपी - जल सुरक्षा में बी स्कोर प्राप्त किया है। यह इंटरमोडल ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक सेक्टर के औसत बी, एशिया क्षेत्रीय औसत बी और वैश्विक औसत बी के समान है। एपीएसईज़ेड ने जल जोखिम मूल्यांकन, जल नीतियों, टारगेट्स और गोल्स,पर्यावरणीय चुनौतियों, व्यापारिक रणनीति और व्यापारिक प्रभावों के लिए एकीकृत दृष्टिकोण के क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन किया।

पिछले साल के CDP Score-C से पर्याप्त सुधार हुआ

यह दर्शाता है कि एपीएसईज़ेड जोखिम को कम करने, जोखिम वाले स्थानों पर एनवायरनमेंटल अकाउंटिंग को आगे बढ़ाने, जोखिम आकलन को अधिक मजबूत और व्यापक बनाने, पर्यावरण नीति लागू करने और पर्यावरण की समस्याओं को व्यापारिक रणनीति में एकीकृत करने काप्रयास कर रही है। इस तरह जलवायु परिवर्तन के लिए मैनेजमेंट स्कोरिंग, एक मैनेजमेंट एक्शन के रूप में इसे प्रोत्साहित करता है।

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Score-B दर्शाता है कि APSEZ जलवायु संबंधी मुद्दों पर समन्वित कार्रवाई कर रहा

सीडीपी अपने पर्यावरणीय प्रभावों का प्रबंधन करने के लिए निवेशकों, कंपनियों, शहरों, राज्यों और क्षेत्रों के लिए वैश्विक प्रकटीकरण प्रणाली का उपयोग करता है। सीडीपी स्कोर जलवायु परिवर्तन, वन और जल सुरक्षा के मानदंडों पर संगठनों के ईएसजी क्रेडेंशियल्स को पूरा करते हैं। 2020 में, 9,600से अधिक कंपनियों ने सीडीपी के जरिये खुलासा किया कि 2015 में पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद से 70% की वृद्धि और पिछले साल 14% की वृद्धि हुई।

APSEZ उन 41% कंपनियों में शामिल, जो मैनेजमेंट लेवल तक पहुंची

एपीएसईज़ेड अक्षय ऊर्जा का उपयोग कर रहा है और यह वित्त वर्ष 2025 तक सभी पोर्ट कार्गो हैंडलिंग का 100%संचालन अक्षय ऊर्जा से करने की स्थिति में है। इसके अलावा, एपीएसईज़ेड ने पहले ही 2,889 हेक्टेयर क्षेत्र में मैंग्रोव अफोरेस्टेशन किया है, और वित्त वर्ष 2025 तक अतिरिक्त 1,000 हेक्टेयर को इसमें शामिल करने का लक्ष्य रखा है।

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अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड के बारे में

विश्व स्तर पर सक्रिय डायवर्सिफायड अदाणी ग्रुप का एक हिस्सा, अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (एपीएसईज़ेड), एक पोर्ट कंपनी से विकसित होकर भारत के पोर्ट्स एंड लॉजिस्टिक्स प्लेटफ़ॉर्म बन चुका है। तटीय क्षेत्रों और दूरदराज के विशाल इलाकों से कारगो के विशाल वॉल्यूम की हैंडलिंग करते हुए, रणनीतिक रूप से मौजूद एपीएसईजेड के 11 पोर्ट और टर्मिनल, देश की कुल पोर्ट क्षमता के 24% प्रतिनिधित्व करते हैं।

adani

एपीएसईजेड के 11 पोर्ट और टर्मिनल यहां

ये पोर्ट और टर्मिनल गुजरात में मुंद्रा, दाहेज, कांडला और हजीरा, ओडिशा में धामरा, गोवा में मारमुगाओ, आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम, चेन्नई में कट्टुपल्ली और एन्नोर तथा आंध्र प्रदेश में कृष्णापत्तनम में स्थित हैं। कंपनी केरल के विजिंजम में एक ट्रांसशिपमेंट पोर्ट और म्यांमार में एक कंटेनर टर्मिनल भी विकसित कर रही है।

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पोर्ट्स टू लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म

हमारे "पोर्ट्स टू लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म" में हमारी पोर्ट सुविधाएं, एकीकृत लॉजिस्टिक्स क्षमताएं, और औद्योगिक आर्थिक क्षेत्र शामिल हैं, जो वैश्विक सप्लाई चेन में होने वाले संपूर्ण बदलाव से लाभ उठाने की भारत की तैयारी को देखते हुए, हमें विशेष लाभदायक स्थिति में रखते हैं।

2025 तक कार्बन न्यूट्रल होने की दृष्टि से भारत विश्व का तीसरा देश

हमारी नज़र अगले दशक में दुनिया का सबसे बड़ा पोर्ट और लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म बनने पर है। 2025 तक कार्बन न्यूट्रल होने की दृष्टि से, एपीएसईज़ेडविज्ञान आधारित लक्ष्य पहल (एसबीटीआई) के लिए हस्ताक्षर करने वाला पहला भारतीय पोर्ट और विश्व का तीसरा देश रहा,जो पूर्व-औद्योगिक स्तरों पर 1.5 डिग्री सेल्सियस तक ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित करने के लिए उत्सर्जन में कमी लाने के लक्ष्य को लेकर प्रतिबद्ध रहा।

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