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बैंकों में बदलाव: इन सभी का होगा निजीकरण, मोदी सरकार करेगी ऐलान

देश के बैंकों में बड़ा बदलाव हो सकता है। इसके लिए नीति आयोग ने हाल ही में सरकार को सुझाव दिया है कि वह पब्लिक सेक्टर के तीन बैंकों का प्राइवेटाइजेशन कर दे।

Shreya
Published on: 2 Aug 2020 4:33 PM IST
बैंकों में बदलाव: इन सभी का होगा निजीकरण, मोदी सरकार करेगी ऐलान
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Privatization of three banks

नई दिल्ली: देश के बैंकों में बड़ा बदलाव हो सकता है। इसके लिए नीति आयोग ने हाल ही में सरकार को सुझाव दिया है कि वह पब्लिक सेक्टर के तीन बैंकों का प्राइवेटाइजेशन कर दे। इन बैंकों में पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र शामिल है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,नीति आयोग के सुझावों में सभी ग्रामीण बैंकों के मर्जर का भी सुझाव दिया गया है। वहीं इसके साथ ही एनबीएफसी को भारी मात्रा में छूट देने की भी बात चल रही है।

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पब्लिक सेक्टर बैंकों के प्राइवेटाइजेशन की योजना

दरअसल, मोदी सरकार अपने आधे से भी अधिक पब्लिक सेक्टर बैंकों के प्राइवेटाइजेशन की योजना बना रही है। सरकार की योजना है कि सरकारी बैंकों की संख्या घटना पांच कर दी जाए। सरकार का कहना है कि जितने कम सरकारी बैंक होंगे, उतने बेहतर ढंग से काम-काज होगा और ऐसा करने से बैंकों की आर्थिक सेहत भी सुधरेगी।

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privatization

दस बैंकों का विलय करके किए चार बैंक

बता दें कि इससे पहले सरकार ने अप्रैल में दस बैंकों का विलय करके चार बैंक दिए हैं। इसके अलावा नीति आयोग ने सरकार से एनबीएफसी को भारी मात्रा में छूट देने की भी बात कही है। अगर सरकार की ओर से नीति आयोग की सिफारिश को मान लिया जाता है तो फिर उसे पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के प्राइवेटाइजेशन के लिए बैंकिंग कंपनीज एक्ट 170 में संशोधन करना होगा। क्योंकि इन बैंकों के प्राइवेटाइजेशन के बाद निजी हाथों में इनका मालिकाना चला जाएगा।

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घाटे में चल रहे हैं ये बैंक

बता दें कि ये बैंक लगातार घाटे में चल रहे हैं, जिस वजह से सरकार को लगातार नुकसान हो रहा है। ऐसे में नीति आयोग ने इस परेशानी का हल निकालते हुए इन बैंकों के प्राइवेटाइजेशन का सुझाव दिया है। सरकार का मानना है कि जितने अधिक संख्या में बैंक होते हैं, उतने ही अधिक मामले में फर्जीवाड़े के मामले सामने आते हैं।

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बता दें कि सरकार अपने आधे से भी अधिक पब्लिक सेक्टर बैंकों के प्राइवेटाइजेशन की योजना बना रही है। इसकी शुरुआत सरकार द्वारा बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और पंजाब एंड सिंध बैंक के अपने शेयर्स बेचने से हो सकती है।

पीएम मोदी ने बैंकों और NBFC के साथ की बैठक

बता दें, इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 जुलाई को बैंकों और एनबीएफसी के प्रमुखों के साथ बैठक भी की थी। जिसमें बैंकिंग सेक्टर को फिर से पटरी पर लाने के उपायों पर बातचीत भी की गई थी। बैंकों से कहा गया कि आप लोन देने में हिचके नहीं, सरकार आपके साथ है।

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