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गरीब छात्रों के लिए भगवान हैं आरके श्रीवास्तव, जेईई-मेन में टॉप पर रहे स्टूडेंट्स

आरके श्रीवास्तव के नाइट क्लासेज प्रारुप के तहत नि:शुल्क शिक्षा ग्रहण कर रहे अवसर ट्रस्ट और मगध सुपर 30 के छात्र जईई मेन में 90 परसेण्टाईल से उपर स्कोर लाकर सफलता पाई है।

Newstrack
Published on: 13 Sept 2020 12:12 AM IST
गरीब छात्रों के लिए भगवान हैं आरके श्रीवास्तव, जेईई-मेन में टॉप पर रहे स्टूडेंट्स
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आरके श्रीवास्तव के नाइट क्लासेज प्रारुप के तहत नि:शुल्क शिक्षा ग्रहण कर रहे अवसर ट्रस्ट और मगध सुपर 30 के छात्र जईई मेन मे 90 परसेण्टाईल से उपर स्कोर लाकर सफलता पाई है।

लखनऊ: सालों से छात्रों के रोल मॉडल रहे मैथमेटिक्स गुरू उनकी प्रतिभाओं को उड़ान दे रहे हैं। जेईई मेन 2020 का परिणाम घोषित हो चुका है। एक बार फिर मैथमेटिक्स गुरू आरके श्रीवास्तव और उनके सफल छात्रों ने साबित कर दिया है कि कड़ी मेहनत, ऊंची सोच और पक्का इरादा हो तो किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। आरके श्रीवास्तव के नाइट क्लासेज प्रारुप के तहत नि:शुल्क शिक्षा ग्रहण कर रहे अवसर ट्रस्ट और मगध सुपर 30 के छात्र जईई मेन में 90 परसेण्टाईल से उपर स्कोर लाकर सफलता पाई है।

आर्थिक रूप से गरीब छात्रों को आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी हेतू निःशुल्क शिक्षा के अलावा रहने खाने की सारी व्यवस्था ट्रस्ट के द्वारा दी जाती है। आरके श्रीवास्तव के मुताबिक, रिजल्ट काफी बेहतर रहा। इनमें सर्वाधिक परसेंटाइल दिवाकर का रहा है। उन्होंने बताया कि दिवाकर-99.53,यशराज- सत्यम- 98.33 ,संदीप कुमार -98, रौनक-97 ,आशुतोष- 96.18 ,,रुपा-96,रविरंजन-95, अभिषेक कुमार-95,सुमित- 94.55,आयुष कुमार-95.6,शुभम कुमार- 94,अर्पित कुमार- 93.5,रितुराज-93.5,हर्ष कुमार-93,राज आर्यन-92.77, अंकित-92.57, अभिषेक शाह-91,वैष्णवी- 88.9,आस्था कुमारी- 86,अनंत कुमार-86,प्रकाश- 85,क्रिति कुमारी-80,गोविंद-76.4,हिमांशु-75.5 और अनन्या कुमारी का 71 परसेंटाईल है।

सफलता के लिए और अधिक मेहनत की सलाह

आगे सभी सफल स्टूडेंट्स को श्रीवास्तव ने जेईई ऐडवांस की अग्रिम सफलता हेतू और अधिक मेहनत करने की सलाह दी है। आपको बता दें कि इन दिनों आरके श्रीवास्तव अवसर ट्रस्ट और मगध सुपर 30 के स्टूडेंट्स को नाइट क्लासेज अभियान के तहत शिक्षा दे रहे हैं।

RK Srivastava With Students

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बिहार का मान सम्मान को विश्व पटल पर बढ़ाने वाले मैथमेटिक्स गुरु फेम आरके श्रीवास्तव हजारो स्टूडेंट्स के आज रोल मॉडल हैं। सैकड़ो गरीब प्रतिभाओ के सपने को आईआईटी, एनआईटी, एनडीए, बीसीईसीई में सफलता दिलाकर लगा चुके है पंख। अमेरिकी विवि डॉक्टरेट भी मानद उपाधि से कर चुका है सम्मानित। पिछले 10 वर्षों से गरीब बच्चों को गणित पढ़ा रहा यह नौजवान प्रतियोगिता का दौर, गिरता शिक्षा स्तर और स्टूडेंट्स की मजबूरी–शायद इन्हीं कारणों से कोचिंग संस्थानों का बाजार गर्म है। लेकिन व्यवसायिकता के इस दौर में बिहार के युवा गणितज्ञ मैथमेटिक्स गुरु फेम आरके श्रीवास्तव के लिए शिक्षा कोई ‘बजारू’ चीज नही है। वे छात्रों का भविष्य सवारने और कोचिंग संस्थानों को करारा जवाब देने के लिए पिछले 10 वर्षो से सिर्फ 1 रुपया गुरू दक्षिणा मे गणित की शिक्षा दे रहे है।

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आमतौर पर शिक्षा स्तर का गिरावट का सबसे बड़ा खामियाजा इंजीनियरिंग और मेडिकल जैसे तकनीकी विषयों की पढ़ाई करने वाले छात्र- छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है। जिन्हें कोचिंग के लिए लाखों रुपये देने पड़ रहे है। पिछले कई वर्षो से आरके श्रीवास्तव ने शिविर लगाकर इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे हजारो गरीब स्टूडेंट्स को नाईट क्लासेज प्रारूप के माध्यम से पूरे रात लगातार 12 घण्टे तक गणित के सवाल हल करने की नई -नई तकनीको और बारीकियों की जानकारी दे रहे। आरके श्रीवास्तव के नाईट क्लासेज प्रारूप के तहत लगातार 12 घण्टे निःशुल्क शिक्षा देने हेतु इनका नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड एवं इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज हो चुका है।

उनका दावा है कि इस शिविर में पढ़ाई करने वाले में से प्रत्येक वर्ष 60% से अधिक छात्र-छात्राएं आईआईटी, एनआईटी, एनडीए सहित तकनीकी प्रवेश परीक्षाओं में सफल होते है। छात्रों के इस नाईट क्लासेज शिविर की ओर आकर्षित होने के चलते हजारो स्टूडेंट्स के रोल मॉडल बन चुके है। मैथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव न सिर्फ बिहार में लोकप्रिय है बल्कि अपने गणित पढ़ाने के जादुई तरीके एवम गणितीय शोध के लिए प्रायः सुर्खियों में भी रहते है। कबाड़ की जुगाड़ से 100 से अधिक चर्चित गणित के सूत्रो को सिद्ध कर चुके है ।क्लासरूम प्रोग्राम में पाइथागोरस प्रमेय को 50 से ज्यादा तरीको से सिद्ध कर उन्होंने गणित विरादरी में काफी वाहवाही लुटा है। गूगल बॉय कौटिल्य पंडित के गुरु के रूप में भी देश इन्हें जानता है।

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फिलहाल वह गरीब छात्रों को निःशुल्क शिक्षा देने में जुटे हुए है। उनके इस प्रयास से प्रभावित होकर अलग- अलग क्षेत्रों के उच्चे ओहदे के कुछ लोगो ने शिविर में अतिथि शिक्षक के बतौर छात्र- छात्राओ को पढ़ाया। बकौल आरके श्रीवास्तव कहते है की गणित की शिक्षा देना मेरा पेशा नही बल्कि शौक है, व्यवसायिक शिक्षण में छात्र- छात्राओं और शिक्षकों के बीच परस्पर प्रेम और विश्वास का संबंध नही रह पाता।

RK Srivastava With Students

नाईट क्लास के मॉडल को समझने के लिए क्लास में बैठते हैं अभिभावक और शिक्षक

आपको बताते चले कि आरके श्रीवास्तव के नाईट क्लास के मॉडल को जानने और समझने के लिए अभिभावक सहित शिक्षक भी उनके क्लास में बैठते है कि आखिर कैसे मैथमेटिक्स गुरू पूरे रात लगातार 12 घण्टे विद्यार्थियों को पूरे अनुसाशन के साथ मैथमेटिक्स का गुर सीखा रहे। सुबह क्लास खत्म होने के बाद स्टूडेंट्स के माता पिता इस बात से काफी चकित थे की मेरा बेटा-बेटी घर पर एक घण्टे भी ठीक से पढ़ नही पाते, उन्हें आरके श्रीवास्तव ने लगातार पूरे रात 12 घण्टे तक अनुसाशन के साथ बैठाकर मैथमेटिक्स का गुर सिखाया। उन्हें सेल्फ स्टडी के प्रति प्रेरित किया गया कि कैसे आप पूरे रातभर पढ़ सकते है।

आर के श्रीवास्तव के नाइट क्लास के रूप मे लगातार पूरे 12 घंटे बच्चों को शिक्षा देने के मुहिम अब देशव्यापी रूप लेने लगा है। आर के श्रीवास्तव को देश के विभिन्न राज्यों के शैक्षणिक संस्थाएँ गेस्ट फैक्लटी के रूप मे अपने यहाँ शिक्षा देने के लिए बुलाती है। शिक्षक भी बच्चों के साथ आर के श्रीवास्तव के क्लास लेने के तरीकों को समझने के लिए क्लास मे बैठते है की कैसे पूरे रात अनुशासन मे बच्चों को पढ़ाया जा सकता है।

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श्रीवास्तव को धन्यवाद देते हैं शिक्षक

क्लास देखकर बच्चों सहित शिक्षक भी श्रीवास्तव को धन्यवाद देते हैं कि पढ़ाने की ऐसी कला सारे शिक्षकों मे आ जाये तो कोई बच्चा शिक्षा से अपने को दूर नही कर पायेगा,और सफलता उसके कदम चूमेगी। रोहतास निवासी आरके श्रीवास्तव बताते हैं कि उन्हें बचपन से ही गणित में बहुत अधिक रुचि थी जो नौंवी और दसवीं तक आते-आते परवान चढ़ी।

आर के श्रीवास्तवा की बचपन भी काफी गरीबी से गुजरा है। परन्तु अपने कड़ी मेहनत, उच्ची सोच, पक्का इरादा के बल पर आज देश मे मैथमेटिक्स गुरु के नाम से मशहूर है, वे कहते हैं कि मेरे जैसे देश के कई बच्चे होंगे जो पैसों के अभाव में पढ़ नहीं पाते। आरके श्रीवास्तव अपने छात्रों में एक सवाल को अलग-अलग मेथड से हल करना भी सिखाते हैं।वे सवाल से नया सवाल पैदा करने की क्षमता का भी विकास करते हैं।

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