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महाराष्ट्र सरकार की गुंडागर्दी! कंगना रानौत मात्र एक मोहरा, तो मास्टरमाइंड कौन?

बुधवार सुबह बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रानौत के ऑफिस पर बुलडोजर चला दिया गया। बीएमसी द्वारा इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है।

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Published on: 9 Sept 2020 4:37 PM IST
महाराष्ट्र सरकार की गुंडागर्दी! कंगना रानौत मात्र एक मोहरा, तो मास्टरमाइंड कौन?
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शाश्वत मिश्रा

मुंबई: बुधवार सुबह बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रानौत के ऑफिस पर बुलडोजर चला दिया गया। बीएमसी द्वारा इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। महाराष्ट्र सरकार के इस काम को बदले की भावना के तहत भी देखा जा रहा है। क्योंकि कंगना रानौत ने महाराष्ट्र सरकार से बैर ली है, इसलिए उन्हें इसका खामियाज़ा उठाना पड़ रहा है। इस पूरे घटनाक्रम से दो सवाल निकलते हैं, जो हर किसी के ज़ेहन में चल रहे हैं।

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पहला सवाल- कंगना रानौत के साथ ही ऐसा क्यों हो रहा है?

फ़िल्म 'गैंगस्टर' से बॉलीवुड में कदम रखने वाली अभिनेत्री कंगना रानौत ने अपने दम पर फ़िल्म इंडस्ट्री में नाम कमाया। अपनी एक्टिंग के बलबूते वो इंडस्ट्री में बनी रहीं। मात्र 16 वर्ष की उम्र में इंडस्ट्री में कदम रखने वाली इस एक्ट्रेस ने तरह-तरह के कष्ट भी झेले। ताज़ा मामले के बारे में बात करें तो ये मामला कंगना के एक ट्वीट से शुरू हुआ।

एक बड़े स्टार के मारे जाने के बाद मैंने ड्रग और फ़िल्म माफ़िया के रैकेट के बारे में आवाज़ उठाई

कंगना ने ट्वीट कर कहा, "एक बड़े स्टार के मारे जाने के बाद मैंने ड्रग और फ़िल्म माफ़िया के रैकेट के बारे में आवाज़ उठाई। मैं मुंबई पुलिस पर भरोसा नहीं करती क्योंकि उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत की शिकायत को नज़रअंदाज़ किया था। उन्होंने सबसे कहा था कि वो लोग उसे मार देंगे, बावजूद इसके उन्हें मार दिया गया। मैं असुरक्षित महसूस करती हूं। क्या इसका ये मतलब है कि मैं फ़िल्म इंडस्ट्री या मुंबई से नफ़रत करती हूं।"

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इसके बाद संजय राउत ने उनके इस ट्वीट के जवाब में कहा कि ''उन्हें अगर मुंबई पुलिस से डर लगता है तो वो मुंबई ना आएं।''

बस फिर क्या था, मामला यहीं से तूल पकड़ने लगा। दोनों में ट्विटर वॉर शुरू हो गया। महाराष्ट्र सरकार की तरफ से उद्धव ठाकरे ने मोर्चा संभाला, तो कंगना भी डटी रहीं।



कंगना ने इसके बाद एक और ट्वीट कर लिखा, "संजय राउत ने मुझे खुले में धमकी दी है और मुंबई नहीं आने को कहा है, मुंबई की गलियों में आज़ादी ग्रैफिटी और अब खुली धमकी, मुंबई पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर जैसी फ़ीलिंग क्यों दे रहा है?"

कंगना के इस ट्वीट के बाद संजय राउत ने अपना आपा पूरी तरह से खो दिया। जिसके बाद एक निजी चैनल से बातचीत के दुराण उन्होंने कंगना पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। जिसके बाद मिडिया से लेकर सोशल मिडिया तक, महाराष्ट्र से लेकर उत्तर-प्रदेश तक, नेता से लेकर अभिनेता तक और देश की जनता ने उन्हें खूब लताड़ा।

कंगना ने भी एक वीडियो जारी कर उनकी इस अभद्रता का जवाब दिया।

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कंगना ने वीडियो में कहा

कंगना ने वीडियो में कहा, ''संजय राउत जी आपने कहा कि मैं एक ***खोर लड़की हूं. आप एक सरकारी मुलाज़िम हैं एक मंत्री हैं आप तो जानते ही होंगे कि इस देश में हर दिन नहीं बल्कि हर घंटे कितनी लड़कियों के बलात्कार हो रहे हैं। कितनी लड़कियों का शोषण किया जा रहा है। उनकी बॉडी काटकर एसिड डालकर फेंक दी जा रही है। उनकी काम की जगह पर उन्हें गालियां दी जा रही हैं, उनका अपमान किया जा रहा है. उनके ख़ुद के पति उनके मुंह-कान-नाक-जबड़े तोड़ रहे हैं।

आपको पता है इसका ज़िम्मेदार कौन है, ये मानसिकता - जिसका भौंडा प्रदर्शन पूरे समाज और पूरे देश के सामने किया है। ये मानसिकता इसकी ज़िम्मेदार है और इस देश की बेटियां आपको माफ़ नहीं करेंगी क्योंकि आपने उन सभी शोषण करने वालों का सशक्तिकरण किया है।

सुशांत सिंह राजपूत के लाचार पिता की एफ़आईआर नहीं लेते हैं

जब आमिर खान ने कहा कि उन्हें इस देश में डर लगता है तो उन्हें किसी ने ***खोर नहीं कहा और जब नसीरुद्दीन शाह जी ने भी कहा था तब उन्हें किसी ने ***खोर नहीं कहा। जिस मुंबई पुलिस की मैं तारीफ़ करते हुए नहीं थकती थी। आज वो पालघर में साधुओं की लिंचिंग पर वो कुछ नहीं करते हैं, खड़े रहते हैं। सुशांत सिंह राजपूत के लाचार पिता की एफ़आईआर नहीं लेते हैं। मेरा बयान नहीं लेते हैं। तो अगर मैं उनकी निंदा करती हूं ये मेरी अभिव्यक्ति की आज़ादी है।

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संजय जी मैं आपकी निंदा करती हूं

संजय जी मैं आपकी निंदा करती हूं। आप महाराष्ट्र नहीं हैं। आप ये नहीं कह सकते कि मैंने महाराष्ट्र की निंदा की. मैं 9 सितंबर को आ रही हूं। आपके लोग कह रहे हैं कि आप लोग मेरा जबड़ा तोड़ देंगे। आप लोग मुझे मार डालेंगे। आप लोग मुझे मारिए, क्यों, क्योंकि इस देश की गरिमा और अस्मिता के लिए ना जाने कितने लोगों ने अपनी जान दी है और हम भी देंगे क्योंकि हमको भी अपना फ़र्ज़ निभाना है. मिलते हैं 9 सितंबर को जय हिंद जय महाराष्ट्र।



शिवसेना टीम के लड़ाकू विमान संजय राउत ने अपने बयान माफ़ी मांगी

मामले को अपने पाले से जाते देख या यूँ कहें कि हालत बिगड़ते देख, शिवसेना टीम के लड़ाकू विमान संजय राउत ने अपने ***खोर वाले बयान माफ़ी मांगने पर कहा, "अगर वो लड़की (कंगना रनौत) महाराष्ट्र से माफ़ी मांगेगी (मुंबई को लेकर दिए बयान पर) तो मैं सोचूंगा।"

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इसके बाद ही शिवसेना ने अपनी सत्ता का इस्तेमाल करते हुए कंगना के दफ़्तर पर अवैध निर्माण का नोटिस थमा दिया। 'तनु वेड्स मनु फेम' एक्ट्रेस ने पल-पल की जांनकारी अपने ट्विटर अकाउंट पर देती रहीं।



कंगना ने एक ट्वीट किया था, जिसमें मुंबई महानगरपालिका के एक अधिकारी कहते हुए नज़र आ रहे हैं ''वो जो मैडम है उसकी करतूत का परिणाम सबको भरना होगा।''

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शल मीडिया पर मेरे दोस्तों ने बीएमसी की जो आलोचना की थी

मंगलवार को कंगना रानौत ने ट्वीट कर कहा, "सोशल मीडिया पर मेरे दोस्तों ने बीएमसी की जो आलोचना की थी, उसकी वजह से वे आज बुलडोज़र लेकर नहीं आए। इसके बजाय उन्होंने एक नोटिस चिपका दिया कि मेरे दफ़्तर में चल रही लीकेज की समस्या को बंद किया जाए।"

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इसके बाद ही आज सुबह बीएमसी के अधिकारी बुलडोजर लेकर कंगना के दफ़्तर पहुंचे। करीब 2 घंटे में कंगना के दफ़्तर का कुछ हिस्सा गिरा दिया गया। हालांकि, इसके कुछ ही देर बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में कंगना रानौत को स्टे दे दिया।

अब हम बात करते हैं अपने सवाल पर। कंगना रानौत के साथ ही ऐसा क्यों? दरअसल, माना जा रहा है कि सुशांत सिंह राजपूत मामले में मुंबई पुलिस की कार्रवाई की वजह से शिवसेना सरकार की छवि बहुत ख़राब हुई है, जिसको सही करने के इरादे से ये कार्रवाई की गई। तो कुछ बुद्धजीवियों का मानना है कि ये रिया चक्रवर्ती के मामले से ध्यान हटाने की कोशिश है। तो कुछ लोगों का ये भी मानना है कि केंद्र सरकार के द्वारा कंगना को 'Y श्रेणी की सुरक्षा देना' महाराष्ट्र सरकार में बैठे लोगों को रास नहीं आया, इस वजह से कंगना के ऊपर इस तरह की कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

इस मुद्दे पर सोमवार को महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने फ़ैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, "मुंबई या महाराष्ट्र जो भी भी उसका अपमान करता है, ऐसे व्यक्ति को केंद्र शासन 'Y' प्लस की सुविधा देता है ये बहुत ही आश्चर्यकारक और दुखकारक है। महाराष्ट्र कोई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना और कांग्रेस का ही नहीं है। भाजपा का भी है पूरी जनता का है।"

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kangana-ranaut kangana-ranaut (social media)

दूसरा सवाल- कंगना रानौत कहीं मोहरा तो नहीं सिर्फ?

इस पूरे मामले की शुरुआत हुई थी, कंगना रानौत के सुशांत सिंह राजपूत मामले में बयान देने से। तो दूसरी तरफ ये बातें भी हो रहीं हैं कि कंगना रानौत सिर्फ एक मोहरा हैं। क्योंकि महाराष्ट्र सरकार अपनी नाकामी छुपाने का प्रयास कर रही है? क्योंकि महाराष्ट्र के पुणे और कुछ छोटे शहरों (कोल्हापुर, सोल्हापुर) में कोरोना वायरस तेज़ी से फ़ैल रहा है? क्योंकि सुशांत मामले में महाराष्ट्र सरकार की ख़ूब धज्जियां उड़ीं? इन सारे मुद्दों से ध्यान भटकाना ही महाराष्ट्र सरकार का एकमात्र उद्देश्य है।

तभी तो, सदन में पत्रकार अर्नब गोस्वामी के ख़िलाफ़ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लेकर आना और अब कंगना के घर पर कार्रवाई करना ये सब असली नाकामी को छुपाने जैसा ही है।

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महाराष्ट्र में उद्धव सरकार ने कुछ पढ़ा हो या न पढ़ा हो, लेकिन मनोविज्ञान का एक सूत्र ज़रूर पढ़ा

महाराष्ट्र में उद्धव सरकार ने कुछ पढ़ा हो या न पढ़ा हो, लेकिन मनोविज्ञान का एक सूत्र ज़रूर पढ़ा है। वो सूत्र है, ''जब किसी बड़े मुद्दे से ध्यान भटकाना हो, तो किसी छोटे मुद्दे को बड़ा बना दो।''‌

तो दूसरी तरफ, शिवसेना को बॉलीवुड के उन लोगों को भी एक सन्देश देना है, जिनके खिलाफ कंगना ने ट्वीट किया था। कंगना ने अपने ट्वीट में लिखा था, ''मैं रणवीर सिंह, रनबीर कपूर, अयान मुखर्जी, विक्की कौशिक से प्रार्थना करती हूँ कि ड्रग टेस्ट के लिए अपने ब्लड सैंपल दें, अफ़वाह उड़ रही है कि ये कोकीन के आदी हैं। मैं चाहती हूँ कि इन अफ़वाहों को ख़त्म कर दें। ये युवा पुरुष अगर अपने क्लीन सैंपल दे सकें तो ये लाखों लोगों को प्रेरित कर सकते हैं।''

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दूसरी तरफ कुछ बुद्धजीवियों का ये मानना है कि इस पूरे खेल के पीछे शरद पवार का दिमाग है

लेकिन, दूसरी तरफ कुछ बुद्धजीवियों का ये मानना है कि इस पूरे खेल के पीछे शरद पवार का दिमाग है। क्योंकि, शिवसेना को अगर कंगना से बदला ही लेना होता, तो वो अपने पारम्परिक ढंग से कंगना के दफ़्तर कुछ लोगों को भेजकर तोड़-फोड़ करा देती। लेकिन, शरद पवार को कानून के दायरे में रहकर अपने दुश्मनों से बदल लेना पसंद है।

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इसलिए इस खेल का 'मास्टरमाइंड' सिर्फ़ शरद पवार को ही माना जा सकता है और कंगना रानौत को 'मोहरा।'

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