×

गंजे होेने के ताने सुनने के दिन गए, आयुर्वेद के जरिए शोध कर डॉ. ने जमाये बाल

गंजे होेने ताने सुनने के दिन गए। गंजे लोगों के सिर पर बाल उगने लगेंगे। आयुर्वेद के एक डॉक्टर ने 12 साल तक गंजे लोगों पर शोध कर यह दावा किया है।

Anoop Ojha
Published on: 18 March 2019 10:18 AM GMT
गंजे होेने के ताने सुनने के दिन गए, आयुर्वेद के जरिए शोध कर डॉ. ने जमाये बाल
X

गंजे होेने के ताने सुनने के दिन गए। गंजे लोगों के सिर पर बाल उगने लगेंगे। आयुर्वेद के एक डॉक्टर ने 12 साल तक गंजे लोगों पर शोध कर यह दावा किया है। डॉ. शिव शरण वर्मा के सफल प्रयोग से आयुर्वेद के जरिए अब सिर के गंजेपन का इलाज काफी हद तक संभव हो गया है।अपने शोध में डॉक्टर ने मरीजों के साथ खुद को भी शामिल किया। बेहतर परिणाम सामने आए हैं। मरीजों को स्टेम सेल थेरेपी और आयुर्वेद दवाओं के इलाज से बाल उग आए हैं। मरीजों पर इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं पड़ा है।

यह भी पढ़ें.....बॉलीवुड के 5 सुपरस्टार हैं गंजे, नकली बाल लगाकर बनते हैं हीरो

मरीजों पर आयुर्वेदिक दवाओं से इलाज किया

लखनऊ के राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज टूड़ियागंज में तैनात जनरल फिजिशियन व मेडिकल अफसर डॉ. शिव शरण वर्मा ने करीब 12 साल में हर मौसम में 50 मरीजों पर शोध किया है। इन सभी मरीजों को गंजेपन की शिकायत थी। ये मरीज 25 से लेकर 45 साल तक के रहे। हर मौसम यानी गर्मी, सर्दी आदि में उन्होंने मरीजों पर अलग-अलग शोध किया। डॉ. वर्मा का कहना है कि पहले उन्होंने इन मरीजों पर आयुर्वेदिक दवाओं से इलाज किया, लेकिन सार्थक परिणाम नहीं आए।

यह भी पढ़ें.....अगर आप गंजे है तो खुश हो जाइए, ये रिसर्च बनाती है आपको प्रभावशाली

मरीज को आईग्रो हेलमेट पहनाया जाता है

डॉ. शिव शरण ने बताया कि बाद में उन्होंने मरीजों पर आयुर्वेदिक दवाओं के साथ स्टेम सेल थेरेपी, आइग्रो हेयर ग्रोथ हेलमेट विधि का इस्तेमाल किया। इस विधि में मरीज को आईग्रो हेलमेट पहनाया जाता है। हेलमेट से कई तरह की तरंगें निकलती हैं, जो सिर की मृत या निष्क्रिय हो चुकी सेल को एक्टिव करती है। इससे मरीज के सिर पर दोबारा बाल आने लगते हैं। इस तकनीकी से बाल उगाने में मरीज को दर्द व दुष्प्रभाव नहीं पड़ा। करीब छह से आठ माह में बाल दोबारा वापस आने लगे।

यह भी पढ़ें.....हेलमेट लगाने वाले न उठाएं गंजेपन का रिस्क, रखें ध्यान, अपनाएं ये टिप्स

50 से अधिक मरीजों की ओपीडी

रोजाना ओपीडी में गंजेपन की समस्या से जुड़े 50 से अधिक मरीज आते थे।डॉ. वर्मा ने बताया कि आयुर्वेदिक कॉलेज रोजाना ओपीडी में गंजेपन की समस्या से जुड़े 50 से अधिक मरीज आते हैं। उन्हें असमय बाल गिरना, झड़ना, रूसी की समस्याएं होती हैं। इसको दूर करने के लिए मरीजों को आयुर्वेदिक दवाएं दी जाती हैं। बालों में रूसी बड़ी समस्या है, इसे कुछ लेप लगाकर ही दूर किया जाता है।

यह भी पढ़ें.....HEALTH:सारा अली खान को थी ऐसी बीमारी,जानिए लक्षण और इलाज

हर माह करीब दो हजार रुपए का खर्च

हर माह दो हजार रुपए का खर्च डॉ. शिव शरण ने बताया कि गंजेपन के इलाज के लिए मरीज को हर माह करीब दो हजार रुपए खर्च कर दवाएं और थेरेपी का इस्तेमाल करना पड़ता है। इसमें कोरिया से कुछ दवाएं मंगाई जाती है। इसका उपयोग मरीजों पर लेप लगाकर किया जाता है। यह दवाएं काफी कारगर हैं।

यह भी पढ़ें.....रिसर्च: गुस्सा आना स्वभाविक क्रिया नहीं, बल्कि हार्मोंस का है इफेक्ट, जानिए कैसे?

खुद पर किया प्रयोग

ड़ॉ शिव शरण के बाल करीब 12 साल पहले पूरी तरह झड़ गए थे। इसके बाद उन्होंने शोध करना शुरू किया। कई दवाओं का उपयोग उन्होंने अपनक सिर पर किया।करीब छह से आठ माह बाद उनके बाल उग आए।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story