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SC ने नहीं दी वोडा-आइडिया को मोहलत, एयरटेल ने चुकाया बकाया

एयरटेल ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि उसने एजीआर बकाये के मद में 10,000 करोड़ रुपये जमा कर दिए हैं। इससे पहले भारती एयरटेल ने शुक्रवार को 10,000 करोड़ रुपये का बकाया 20 फरवरी तक देने की पेशकश की थी।

SK Gautam
Published on: 17 Feb 2020 10:45 AM GMT
SC ने नहीं दी वोडा-आइडिया को मोहलत, एयरटेल ने चुकाया बकाया
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और टाटा टेलीसर्विसेज जैसी दूरसंचार कंपनियों ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) का बकाया चुकाने में फुर्ती दिखाई है। इन कम्पनियों में एयरटेल ने 10,000 करोड़ रुपये जमा कर दिए हैं। बता दें कि वोडाफोन ने शुक्रवार तक 3500 करोड़ रुपये देने देने की बात की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे अब कोई मोहलत देने से इंकार कर दिया है।

वोडाफोन ने कहा कि वह तत्काल सिर्फ 2,500 करोड़ रुपये का भुगतान कर सकता है और इसके अलावा 1,000 करोड़ रुपये का भुगतान शुक्रवार तक कर सकता है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए अब कोई मोहलत देने से इंकार किया। कोर्ट ने कहा कि उसे पूरी बकाया रकम चुकानी होगी।

क्या थी वोडाफोन की अपील

कोर्ट में याचिका दायर कर वोडाफोन ने अपील की थी कि दूरसंचार विभाग उसके खिलाफ कोई जबरिया कार्रवाई न करे और उसके बैंक गारंटी जब्त करने जैसा कार्य न करे, क्योंकि इससे उसका कामकाज ठप पड़ सकता है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने किस तरह की राहत देने से इंकार कर दिया।

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उक्त तीनों कंपनियों पर ही संयुक्त रूप से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का एजीआर बकाया है। वोडाफोन ने सुप्रीम कोर्ट को सोमवार को बताया था कि वह शुक्रवार तक सरकार को 3500 करोड़ रुपये देगी।

वोडफोन ने कहा कि उसके मुताबिक मूलधन राश‍ि 7,000 करोड़ रुपये का होता है, जिसका आधा वह शुक्रवार तक जमा कर देगी। वोडफोन ने सुप्रीम कोर्ट के पास एक संशोधन याचिका दायर कर और मोहलत देने की मांग की थी।

क्या घाटे से उबर पाएगी वोडा-आइडिया

चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में वोडाफोन-आइडिया को 6,438.8 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। इस तिमाही के दौरान कंपनी की कुल आय साल भर पहले के 11,982.8 करोड़ रुपये से पांच प्रतिशत कम होकर 11,380.5 करोड़ रुपये पर आ गई है। इससे पहले वोडाफोन-आइडिया को सितंबर तिमाही में 50.922 करोड़ रुपये का भारी-भरकम घाटा हुआ था। इस तिमाही में वोडाफोन-आइडिया ने एजीआर बकाया देने के लिए प्रावधान किया था। इन हालातों में वोडाफोन-आइडिया का शेयर भाव और मार्केट कैपिटल भी अपने ऑल टाइम लो लेवल पर है।

ख़त्म हो चुकी है बकाया राशि चुकाने की तारीख

टेलीकॉम कंपनियों द्वारा AGR बकाया चुकाने की डेडलाइन शुक्रवार को रात 12 बजे ही खत्‍म हो चुकी है। डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशन्स (DoT) की ओर से एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाया चुकाने की डेडलाइन खत्‍म होने के बाद वोडाफोन- आइडिया का बयान आया है। जिसमें कहा गया है कि टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया ने सरकार को एजीआर बकाया चुकाने का प्रस्ताव दिया है। वोडाफोन की ओर से जारी बयान के मुताबिक कंपनी फिलहाल मूल्यांकन कर रही है कि वह अगले कुछ दिनों में कितना बकाया चुका सकती है।

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बता दें कि वोडाफोन-आइडिया को सरकार का 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक चुकाना है। इसे चुकाने की डेडलाइन भी शुक्रवार (14 फरवरी) को रात 12 बजे खत्‍म हो चुकी है। वोडाफोन-आइडिया के अलावा एयरटेल समेत अन्‍य टेलीकॉम कंपनियों को भी रकम की अदायगी करनी है।

एयरटेल ने जमा किया 10,000 करोड़ रुपये का बकाया

एयरटेल ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि उसने एजीआर बकाये के मद में 10,000 करोड़ रुपये जमा कर दिए हैं। इससे पहले भारती एयरटेल ने शुक्रवार को 10,000 करोड़ रुपये का बकाया 20 फरवरी तक देने की पेशकश की थी। एयरटेल ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट को भेजे पत्र में कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले और उनके निर्देश के अनुपालन में हम 20 फरवरी 2020 तक भारती समूह की कंपनियों की ओर से 10,000 करोड़ रुपये (खाते में) जमा कर देंगे।” एयरटेल पर सरकार का करीब 35,586 करोड़ रुपये बकाया है।

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क्या है AGR का विवाद?

दरअसल, सरकार टेलीकॉम कंपनियों से एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) मांग रही है। एजीआर, संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा टेलीकॉम कंपनियों से लिया जाने वाला यूजेज और लाइसेंसिग फीस है। सरकार की इस मांग के खिलाफ टेलीकॉम कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने भी टेलीकॉम कंपनियों को लगाई फटकार

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी टेलीकॉम कंपनियों को झटका देते हुए सरकार की मांग को जायज ठहराया और 23 जनवरी 2020 तक इसे चुकाने का आदेश दिया था। इसके बाद टेलीकॉम कंपनियां एक बार फिर कोर्ट गईं लेकिन इस बार सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का दोषी पाते हुए फटकार भी लगाई। कोर्ट की सख्‍ती के बाद शुक्रवार को डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशन्स (DoT) ने टेलीकॉम कंपनियों को रात 12 बजे से पहले बकाया चुकाने का आदेश दिया था।

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