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विमान हादसा: टेबलटॉप एयरपोर्ट खतरनाक, पायलट ने पहले ही भांप लिया था खतरा

केरल के कोझिकोड एयरपोर्ट पर एयर इंडिया एक्सप्रेस के विमान हादसे ने कमांडर पायलट और कोपायलट समेत 17 लोगों की जान ले ली।

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Published on: 8 Aug 2020 4:20 AM GMT
विमान हादसा: टेबलटॉप एयरपोर्ट खतरनाक, पायलट ने पहले ही भांप लिया था खतरा
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Air India Express plane crash at Kozhikode Airport in Kerala

अंशुमान तिवारी

कोझिकोड: केरल के कोझिकोड एयरपोर्ट पर एयर इंडिया एक्सप्रेस के विमान हादसे ने कमांडर पायलट और कोपायलट समेत 17 लोगों की जान ले ली। इस हादसे के लिए यहां के टेबलटॉप एयरपोर्ट को बड़ी वजह माना जा रहा है। इसका कारण यह है कि बारिश के दौरान ऐसे एयरपोर्ट पर लैंडिंग हमेशा खतरनाक रहती है। यह भी पता चला है कि पायलट ने पहले ही खतरा भांप लिया था। उसने पहली बार विमान की लैंडिंग नहीं कराई और दूसरे प्रयास में लैंडिंग के दौरान यह बड़ा हादसा हो गया।

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खराब मौसम में ऐसे एयरपोर्ट खतरनाक

केरल में चार एयरपोर्ट हैं और इनमें कोझिकोड का एयरपोर्ट टेबलेटॉप है और इस कारण यह चारों में सबसे छोटा है। टेबलटॉप का मतलब ऐसे एयरपोर्ट से है जो पहाड़ी इलाके में बना होता है और जहां रनवे का एक सिरा या दोनों सिरे ढलान पर होते हैं। खराब मौसम के दौरान ऐसे एयरपोर्ट पर हमेशा हादसे का खतरा बना रहता है। बारिश के दौरान रनवे पर जमा पानी और पहले लैंड हो चुके विमानों के टायर के रबर डिपॉजिट्स की वजह से विमान के फिसल जाने का खतरा पैदा हो जाता है।

Air India Plane Crash

डीजीसीए ने किया था ऑडिट

पिछले साल जुलाई में डायरेक्टरेट ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) की ओर से कोझिकोड एयरपोर्ट का ऑडिट भी किया गया था। इसके बाद डीजीसीए का मानना था कि यहां रनवे पर बहुत ज्यादा रबर डिपॉजिट रहता है। इस कारण बारिश के दिनों में यहां लैंडिंग के अनसेफ होने का खतरा बना रहता है। ऐसी हवाई पट्टी पायलट को हमेशा भ्रमित करती है और ऐसे रनवे पर विमान उतरते समय पायलट का बेहद दक्ष और सटीक दृष्टिकोण वाला होना जरूरी होता है।

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रिपोर्ट के बाद किया गया था सुधार

डीजीसीए की इस रिपोर्ट के बाद हालांकि साढ़े पांच करोड़ रुपए खर्च करके रनवे में सुधार करने के साथ ही ड्रेनेज सिस्टम को भी मजबूत किया गया। यह अभी पता नहीं लग सका है कि इस साल मानसून से पहले यहां एयरपोर्ट का सिस्टम सुधारने के लिए कोई कदम उठाए गए थे या नहीं।

12 साल में पांचवा हादसा

कोझिकोड के जिस एयरपोर्ट पर शुक्रवार को हादसा हुआ है वहां 12 साल में चार और हादसे पहले भी हो चुके हैं। शुक्रवार को हुआ हादसा पांचवा हादसा था जिसमें 17 यात्रियों की मौत हो गई। पांचवा हादसा सबसे खतरनाक साबित हुआ जिसमें हादसे के बाद विमान दो हिस्सों में बंट गया और 17 लोगों की मौत हो गई।

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दूसरी लैंडिंग के दौरान हुआ हादसा

हादसे के बाद अब यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आखिर विमान के हादसे से पहले क्या हुआ था। इस बारे में पूरी जानकारी ब्लैकबॉक्स से ही मिल सकेगी मगर रियल टाइम एयर ट्रैफिक दिखाने वाली वेबसाइट के मुताबिक यह हादसा दूसरी लैंडिंग के दौरान हुआ। पायलट ने पहली बार खतरे को भांपते हुए विमान की लैंडिंग नहीं कराई थी, लेकिन जब दूसरी बार उसने विमान की लैंडिंग कराने की कोशिश की तो विमान फिसलकर रनवे के बगल में खाई में जा गिरा।

और खतरनाक हो सकता था हादसा

रनवे से फिसलकर विमान के सीधे नीचे खाई में गिरने के कारण विमान की नोक जमीन से टकराने के बाद टूट गई। हादसे में विमान में आगे की तरफ बैठने वाले अधिकांश लोगों की मौत हो गई। यही कारण है कि इस हादसे में विमान के दोनों पायलट मारे गए। जानकारों का कहना है कि सबसे बड़ी बात यह रही कि हादसे के बाद विमान फटा नहीं। अगर विमान फट गया होता तो हादसे में और ज्यादा लोगों की मौत हो सकती थी।

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