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पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी! अमेरिका का फूटा ग़ुस्सा, इमरान की हालत खराब

अमेरिका ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा चरमपंथी समूहों को समर्थन देने और उन्हें पनाह देना मुख्य कारण है, जिसकी वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत में बाधा होती है।

Shreya
Published on: 22 Oct 2019 6:37 AM GMT
पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी! अमेरिका का फूटा ग़ुस्सा, इमरान की हालत खराब
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पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी! अमेरिका का फूटा ग़ुस्सा, इमरान की हालत खराब

नई दिल्ली: अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच खटास की मुख्य वजह पाकिस्तान द्वारा चरंमपंथियों के समर्थन को बताया है। अमेरिका ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा चरमपंथी समूहों को समर्थन देने और उन्हें पनाह देना मुख्य कारण है, जिसकी वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत में बाधा होती है।

सीधे वार्ता के लिए जरुरी है विश्वास होना- वेल्स

दक्षिण और मध्य एशिया के लिए के अमेरिका के सहायक सचिव एलिस जी वेल्स ने कहा कि, किसी भी महत्वपूर्ण बातचीत के लिए पहले विश्वास स्थापित करना बेहद जरुरी होता है, और पाकिस्तान द्वारा लगातार चरमपंथी समूहों का समर्थन करने से ही इस्लामाबाद और नई दिल्ली के बीच बातचीत में बाधा होती है। पाकिस्तान द्वारा चरमपंथी का समर्थन देने से आतंकवाद में बढ़ोत्तरी होती है। इसलिए दोनों देशों के बीच विश्वास स्थापित नहीं हो पा रहा है।

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आतंकवादी गतिविधियों का जिम्मेदार है पाकिस्तान-

साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जो लगातार नियंत्रण रेखा पर हिंसा बढ़ाना चाहते हैं, जिस कारण हालात बिगड़ते हैं, इन समूहों द्वारा किए गए सभी कामों के लिए पाकिस्तानी अधिकारी पूरी तरह से जिम्मेदार हैं।

अमेरिका की तरफ से ये बयान तब आया है जब आतंकियों ने एक दिन पहले ही सीजफायर का उल्लंघन कर जम्मू कश्मीर के तंगधार सेक्टर में घुसपैठ करने की कोशिश की। इसके जवाब में भारतीय सेना ने पीओके के तीन आतंकी शिविरों को तबाह कर दिया। सेना की इस कार्रवाई में पाकिस्तान के 6 से 10 सैनिक मारे गए।

वेल्स ने कहा कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान में सीधे वार्ता का समर्थन करता है, जैसा कि 1972 के शिमला समझौते में उल्लेखित है।

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1972 शिमला समझौता सीधे वार्ता में होगा मददगार-

वेल्स में उप-शत्रुता और हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के एशिया में उपसमिति को बताया कि, हमारा मानना है कि 1972 में हुआ शिमला समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति को सामान्य करने की सबसे अधिक क्षमता रखता है। इसके साथ ही ये दोनों देशों के बीच सीधे तौर पर संवाद कायम करने में मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच 2006-07 में कई मुद्दों को लेकर प्रगति हुई थी, जिसमें कश्मीर मुद्दा भी शामिल था।

आतंकवाद के खिलाफ उठाना होगा परिवर्तनीय कदम-

साथ ही वेल्स ने कहा कि हमारा मानना है कि पाकिस्तान द्वारा अपने क्षेत्र में आतंकवादियों और आतंकवाद के खिलाफ और अपरिवर्तनीय कदम उठाने पर ही भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी सफल वार्ता की नींव संभव है।

अमेरिका ने कश्मीर मुद्दे पर किया भारत का समर्थन-

साथ ही ट्रंप सरकार ने भारत द्वारा जम्म-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का समर्थन किया है। ट्रंप प्रशासन ने मंगलवार को कहा कि वो भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाला संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने के पीछे के मकसद का समर्थन करता है। उसने कहा कि वो भारत के 5 अगस्त को लिए गए इस फैसले के बाद से राज्य के हालात पर करीब से नजर रख रहा है।

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