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पाकिस्तान ने भारतीय राजनयिक को भेजा वापस, द्विपक्षीय व्यापार भी किया खत्म

पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी द्विपक्षीय व्यापारिक रिश्तों को भी तोड़ दिया है। पाकिस्तान की तरफ से कहा गया है कि वो कश्मीर मामले को यूएन में ले जाएगा।

Aditya Mishra
Published on: 7 Aug 2019 2:21 PM GMT
पाकिस्तान ने भारतीय राजनयिक को भेजा वापस, द्विपक्षीय व्यापार भी किया खत्म
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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने और राज्य के पुनर्गठन से पाकिस्तान बौखला गया है।

राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक के बाद पाकिस्तान ने फैसला लिया है कि वह भारत के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों में कमी करेगा। उसने अपने राजदूत को वापस बुलाया है।

पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी द्विपक्षीय व्यापारिक रिश्तों को भी तोड़ दिया है। उसकी तरफ से कहा गया है कि वो कश्मीर मामले को यूएन में ले जाएगा।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार ने भारत के राजदूत को निकालने का फैसला लिया है। पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायुक्त को वापस जाने के लिए भी कह दिया है।

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पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार डॉन की वेबसाइट के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) ने बुधवार को पाकिस्तान के राजनयिक संबंधों को कम करने और भारत के साथ सभी द्विपक्षीय व्यापार को निलंबित करने का 'संकल्प' लेते हुए, कश्मीर पर कब्जे के संबंध में हालिया घटनाक्रमों के मद्देनजर कई बड़े फैसले लिए गये है।

बैठक में पाकिस्तान-भारत द्विपक्षीय व्यवस्था की समीक्षा करने, संयुक्त राष्ट्र में इस मामले को ले जाने का भी निर्णय लिया गया।

बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा गया, 'पीएम (पाक के पीएम इमरान खान) ने निर्देश दिया कि भारतीय नस्लवादी शासन और मानवाधिकारों के उल्लंघन को उजागर करने के लिए सभी राजनयिक चैनलों को सक्रिय किया जाए।'

डॉन के अनुसार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में शीर्ष सुरक्षा संस्था की बैठक में कश्मीर पर कब्जे के लिए विशेष दर्जे को भारत के सदमे निर्णय के मद्देनजर स्थिति की समीक्षा के लिए आयोजित किया गया था।

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इमरान खान के मंत्री ने उठाया ये सवाल

वहीं इससे पहले इमरान खान के मंत्री फवाद चौधरी ने भारत के साथ राजनयिक संबंध खत्म करने की धमकी दी थी। पाकिस्तान के मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि मैं विदेश मंत्री से अनुरोध करता हूं कि जब भारत को हमसे बात करने में कोई दिलचस्पी नहीं है, तो उनके दूत अभी भी पाकिस्तान में क्यों हैं?

हमें उनके साथ राजनयिक संबंधों को खत्म कर देना चाहिए। उनके दूत के यहां होने और हमारे दूत के वहां होने का क्या फायदा है?

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Aditya Mishra

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