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चली गई नौकरी, तो पेट पालने के लिए बेच दी 4 महीने की बेटी, हुआ गिरफ्तार

कोरोना वायरस महामारी के चलते लोगों की जिंदगी काफी प्रभावित हुई है। लॉकडाउन के चलते लाखों की संख्या में लोग बेरोजगार हो गए हैं।

Shreya
Published on: 23 July 2020 5:25 AM GMT
चली गई नौकरी, तो पेट पालने के लिए बेच दी 4 महीने की बेटी, हुआ गिरफ्तार
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नई दिल्‍ली: कोरोना वायरस महामारी के चलते लोगों की जिंदगी काफी प्रभावित हुई है। लॉकडाउन के चलते लाखों की संख्या में लोग बेरोजगार हो गए हैं। अभी भी परिवार का गुजारा करने के लिए लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है। इस बीच असम से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो आपको झकझोर सकता है।

पेट भरने के लिए नहीं थे पैसे तो, उठाया ये कदम

मामला असम के कोकराझार का है, जहां के एक प्रवासी मजदूर की नौकरी कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते चली गई थी। इसके बाद आर्थिक तंगी होने की वजह से परिवार का गुजारा करना मुश्किल होने लगा, जिसके बाद उसने अपनी चार महीने की बच्ची को बेच दिया। फिलहाल पुलिस ने बच्ची को बचाकर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

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गुजरात में मजदूरी करता था दीपक ब्रह्मा

असम के कोकराझार के तोंतुला मंदारियागांव में यह घटना हुई है। यहां का निवासी दीपक ब्रह्मा प्रवासी मजदूर है। जो लॉकडाउन से पहले गुजरात में मजदूरी करता था। लेकिन लॉकडाउन लागू होने की वजह से वह बेरोजगार हो गया था। उसके पास जितने भी पैसे थे, वह उससे असम में अपने गांव पहुंच गया। लेकिन पैसे ना होने की वजह से परिवार के भरण पोषण में परेशानी आने लगी।

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मां-बाप के साथ तीन आरोपी हुई गिरफ्तार

आर्थिक तंगी के चलते परिवार परेशान था। ऐसे में प्रवासी मजदूर दीपक ने अपनी चार महीने की बच्ची को बेचने का फैसला किया और 45 हजार रुपये में उसे बेच दिया। हालांकि गांववालों से सूचना मिलने के बाद कोकराझार पुलिस और एक एनजीओ ने मिलकर बच्ची को बचा लिया है और पुलिस ने बच्ची के मां-बाप के साथ तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है।

क्या है परिवार का कहना?

इस मामले में परिवार का कहना है कि बिना पैसे और नौकरी के परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल था। ऐसे में उनके पास बच्ची को बेचने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था।

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बाढ़ से असम में बुरी तरह से प्रभावित हुए लोग

वहीं अगर असम राज्य की बात की जाए तो वहां पर लोग कोरोना के साथ-साथ बाढ़ का भी सामना कर रहे हैं। बाढ़ से बुरी तरह से लोगों की जिंदगियां प्रभावित हुई हैं। इसके अलावा असम में इस साल जापानी बुखार (जेई) और इस तरह के अन्य बीमारी के 331 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 48 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि कोरोना से अब तक 64 की मौत हो चुकी है।

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