राम जन्मभूमि विवाद: फैसले से पहले सरकार ने सांसद और मंत्रियों को दिया ये निर्देश

अयोध्या विवाद मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है। अब इस मामले पर फैसले की घड़ी नजदीक आ गई है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले सरकार ने सभी एनडीए के सांसदों और मंत्रियों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में रहने का निर्देश दिया है।

Dharmendra kumar
Published on: 6 Nov 2019 3:57 PM GMT
राम जन्मभूमि विवाद: फैसले से पहले सरकार ने सांसद और मंत्रियों को दिया ये निर्देश
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नई दिल्ली: अयोध्या विवाद मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है। अब इस मामले पर फैसले की घड़ी नजदीक आ गई है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले सरकार ने सभी एनडीए के सांसदों और मंत्रियों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में रहने का निर्देश दिया है।

इसके साथ ही फैसले के कुछ दिनों बाद शांति-व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मुद्दे पर फैसले की घड़ी नजदीक आते ही प्रदेश में कानून-व्यवस्था कायम रखने के लिए सुरक्षा एजेंसियां भी पूरी तरह मुस्तैद हो गई हैं।

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पुलिस मुख्यालय ने सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील 34 जिलों के पुलिस प्रमुखों को भी निर्देश जारी किए हैं। इन जिलों में मेरठ, आगरा, अलीगढ़, रामपुर, बरेली, फिरोजाबाद, कानपुर, लखनऊ, शाहजहांपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर और आजमगढ़ जैसे जिले शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां अग्रिम आदेशों तक रद्द कर दी गईं हैं। पुलिस सोशल मीडिया की निगरानी में लगी है। इसके साथ सभी ऐहतियाती कदम उठा रही है। अयोध्या छावनी में तब्दील होने लगी है।

बुधवार को अयोध्या की सड़कों पर आरएएफ की टीमें नजर आईं। सुरक्षा व्यवस्था में तैनात इन टीमों की चप्पे-चप्पे पर तैनात किया है जिससे किसी भी अप्रिय घटना से निपटा जा सके।

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तो वहीं अयोध्या विवाद पर फैसले से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने संपर्क अभियान शुरू किया। मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ बैठकों का मकसद है कि फैसला कुछ भी आए, सांप्रदायिक सौहार्द्र नहीं बिगड़े। आरएसएस हर प्रांत में इस तरह की बैठकें कर रहा है, जिसमें संघ और बीजेपी नेताओं के साथ मुस्लिम धर्मगुरु और अन्य लोग शामिल हो रहे हैं।

इसी कड़ी में अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर मंगलवार को संघ नेताओं की मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ बैठक हुई। संघ की ओर से सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, संघ के सह संपर्क प्रमुख और बीजेपी के पूर्व संगठन महामंत्री रामलाल, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार बैठक में शामिल हुए।

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जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि कोर्ट का जो भी निर्णय होगा उसे मुसलमान स्वीकार करेंगे। अरशद मदनी का कहना है कि अयोध्या पर सबूतों और साक्ष्यों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा उसे हम स्वीकार करेंगे।

शिया धर्मगुरु मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद ने कहा कि केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के घर में हुई बैठक के बाद कहा कि सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला देता है, हम सभी को उसका सम्मान करना चाहिए।

Dharmendra kumar

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