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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में देरी, नवरात्र तक टल सकता है भूमि पूजन कार्यक्रम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अयोध्या आने का कार्यक्रम तय न हो पाने के कारण राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन का कार्यक्रम कुछ दिन और टलने के आसार हैं...
अंशुमान तिवारी
अयोध्या: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अयोध्या आने का कार्यक्रम तय न हो पाने के कारण राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन का कार्यक्रम कुछ दिन और टलने के आसार हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि भूमि पूजन का कार्यक्रम पांच अगस्त तक नहीं हो पाया तो इसे अक्टूबर तक टाला जा सकता है। हाल के दिनों में कोरोना के संक्रमण की रफ्तार में आई तेजी से भी ऐसी ही संभावनाएं बन रही है। सूत्रों के मुताबिक भूमि पूजन का कार्यक्रम टलने पर अक्टूबर में नवरात्र के दौरान भूमि पूजन के बाद राम मंदिर का निर्माण शुरू होने की संभावना है। मंदिर निर्माण से जुड़े सभी पहलुओं पर विचार करने के लिए 18 जुलाई को अयोध्या में महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है।
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पीएम की ओर से नहीं मिला पत्र का जवाब
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास पीएम मोदी के हाथों भूमि पूजन का कार्यक्रम कराने के इच्छुक हैं। उन्होंने इस बाबत पीएम को पत्र भी लिखा है मगर अभी तक उन्हें इस पत्र का जवाब नहीं मिला है। महंत नृत्य गोपाल दास ने इस बाबत प्रधानमंत्री को गत 2 जुलाई को पत्र लिखा था। उनके उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास का कहना है कि अभी तक प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से हमें कोई जवाब नहीं मिला है। उनका कहना है कि हम सावन महीने के दौरान भूमि पूजन कराना चाहते हैं मगर इस अवधि के समाप्त होने के बाद फिर अक्टूबर में ही भूमि पूजन किया जा सकेगा।
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कोरोना का बढ़ता संक्रमण भी बड़ा कारण
देश में हाल के दिनों में कोरोना का प्रकोप काफी बढ़ गया है और रोज मिलने वाले मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस कारण निकट भविष्य में भूमि पूजन का कार्यक्रम होने की संभावना नहीं दिख रही है। विहिप के एक पदाधिकारी का भी कहना है कि कोरोना के संक्रमण में तेजी के कारण फिलहाल भूमि पूजन के कार्यक्रम की संभावना नहीं है। उनका कहना है कि कोरोना को हराने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का सहारा लेना जरूरी है और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करने के कारण ज्यादा मजदूरों से काम लेना संभव नहीं है। इस कारण भूमि पूजन का कार्यक्रम अक्टूबर तक बढ़ाए जाने की संभावना है। ऐसी स्थिति में नवरात्र में ही भूमि पूजन संभव दिख रहा है।
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पहले सभी कामों को पूरा करने पर जोर
जानकार सूत्रों का कहना है कि कार्यशाला में रखे पत्थरों को चमकाने, मंदिर परिसर में उन्हें ले जाने, सड़क मार्ग को दुरुस्त करने और अन्य काम भी पूरे करने हैं। भूमि पूजन से पहले उन सभी कामों को पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है। ट्रस्ट की निर्माण समिति के अध्यक्ष रिटायर्ड आईएएस नृपेंद्र मिश्रा मंदिर परिसर के विस्तार का प्लान तय करेंगे। महासचिव चंपत राय की ओर से उन्हें अब तक किए गए कामों की जानकारी दे दी गई है।
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अयोध्या में 18 जुलाई को महत्वपूर्ण बैठक
मंदिर निर्माण से जुड़े सभी पहलुओं पर विचार करने के लिए अयोध्या में 18 जुलाई को एक महत्वपूर्ण बैठक रखी गई है। यह बैठक मानस भवन या विश्वविद्यालय के आईटी कैंपस स्थित गेंदालाल दीक्षित अतिथि गृह में हो सकती है। इस बैठक में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सभी सदस्य हिस्सा लेंगे। बैठक में मंदिर निर्माण से जुड़े सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
सूत्रों का कहना है कि नृपेंद्र मिश्रा सहित ट्रस्ट के सभी सदस्य पूरी स्थिति का जायजा लेने के लिए 16 जुलाई को ही पहुंच जाएंगे। इस दौरान ट्रस्ट के सदस्यों के साधु और संतों के साथ बातचीत करने की भी संभावना है। सूत्रों के मुताबिक डिजाइन फाइनल होने के बाद इसे ट्रस्ट की ओर से मंदिर निर्माण इकाई को सौंपा जाएगा। इसके बाद ही एलएनटी मंदिर से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं पर काम शुरू करेगी।
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