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सावधान: देना होगा तगड़ा जुर्माना, तो सभी रहें घरों में
कोरोना को हराकर देश को विजयी बनाने के लिए पीएम मोदी ने देशभर में 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान कर चुके हैं। घर पर रहना ही कोरोना को हराने का सबसे सटीक उपाय है। लेकिन इसके बाद भी सैकड़ों की संख्या में लोग सड़कों पर निकल रहे हैं।
नई दिल्ली : कोरोना को हराकर देश को विजयी बनाने के लिए पीएम मोदी ने देशभर में 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान कर चुके हैं। घर पर रहना ही कोरोना को हराने का सबसे सटीक उपाय है। लेकिन इसके बाद भी सैकड़ों की संख्या में लोग सड़कों पर निकल रहे हैं। कोई भीड़ लगाकर खड़ा है तो कोई उस भीड़ को देखने के लिए खड़ा है नही तो कोई खाली सड़क पर सरपट वाहन दौड़ा रहा है। लेकिन शायद ये लोग ये नहीं जानते कि पकड़े जाने पर आईपीसी 188, और दिल्ली पुलिस एक्ट 65, 66 में कार्रवाई भी खूब हो रही है। उन पर एफआईआर के साथ ही वाहनों को सीज भी किया जा रहा है साथ ही न मानने पर लाठियों से सुताई भी हो रही है। जिसके कई वीडियो वायरल हो रहे हैं।
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जुर्माना और सजा
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट अनस तनवीर बताते हैं कि जब किसी ज़िले का कोई आईएएस-आईपीएस अधिकारी (पब्लिक सर्वेंट) सरकारी आदेश को लागू करता है और कोई भी व्यक्ति उसका उल्लघंन करता है तो उस पर आईपीसी एक्ट 188 में कार्रवाई की जाती है। इस कार्रवाई के तहत पहले एफआईआर दर्ज की जाती है, फिर 200 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाता है।
इसके साथ ही एक महीने की सजा भी दी जाती है। अगर उल्लघंन करने वाला मानव जीवन के लिए खतरा बनता या फिर किसी के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है तो यह जुर्माना और सजा बढ़ जाती हैं। लेकिन स्थिति को देखते हुए पुलिस किसी को भी जेल नहीं भेज रही है। थाने से ही जुर्माना भरने के बाद जमानत दे रही है।
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लॉकडाउन होने के बाद भी सड़क पर घूम रहे तो...
ऐसे में एडवोकेट अनस तनवीर का कहना है कि जैसे आजकल बहुत सारे लोग लॉकडाउन होने के बाद भी सड़क पर घूम रहे हैं। ऐसे में पुलिस उस व्यक्ति को दिल्ली पुलिस एक्ट 65 के तहत डिटेन कर लिया जाता है। कुछ देर तक उसे बैठाने के बाद जुर्माना लेकर छोड़ दिया जाता है।
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वहीं दिल्ली पुलिस एक्ट 66 में लॉकडाउन का उल्लघंन करने वाले के पास जो वाहन होता है उसे सीज कर दिया जाता है। यदि वाहन चालक चाहे तो मौके पर ही जुर्माना भरकर अपने वाहन को छुड़ा सकता है।
अपने साथ ही दूसरों की जिंदगी भी जोखिम में
जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली पुलिस की मानें तो 24 मार्च से उसने आईपीसी एक्ट 188 और दिल्ली पुलिस एक्ट के तहत कार्रवाई शुरु की है। प्रतिदिन दिल्ली पुलिस एक्ट 65 के तहत 5000 से ज़्यादा लोगों को डिटेन किया गया।
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इसी के साथ 66 के तहत लगभग 1000 वाहनों को सीज किया गया। जबकि आईपीसी 188 की कार्रवाई में 180 से लेकर 200 तक एफआइआर दर्ज की गईं। लेकिन फिर भी लोग मानने का नाम नहीं ले रहे हैं और अपने साथ ही दूसरों की जिंदगी भी जोखिम में डाल रहें हैं।