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ये ऐप देगा कोरोना की डिटेल, अब जल्द होगा इसका खात्मा
महामारी कोरोना वायरस से बचने के लिए कई तरीके अपनाए जा रहे हैं जिससे जल्द से जल्द इसका खात्मा किया जा सका। इस Covid-19 से बचाव के लिए कई देश टेक्नोलॉजी का सहारा ले रहे हैं। इसी के चलते सिंगापुर ने एक ऐप लॉंच किया है जिसका नाम TraceTogether है।
नई दिल्ली : महामारी कोरोना वायरस से बचने के लिए कई तरीके अपनाए जा रहे हैं जिससे जल्द से जल्द इसका खात्मा किया जा सका। इस Covid-19 से बचाव के लिए कई देश टेक्नोलॉजी का सहारा ले रहे हैं। इसी के चलते सिंगापुर ने एक ऐप लॉंच किया है जिसका नाम TraceTogether है। ये शॉर्ट डिस्टेंस ब्लूटूथ सिग्नल के जरिये काम करता है। इस ऐप से ये पता लगता है कि COVID-19 के संभावित मरीज कौन हैं और फिर पता चलने पर डाटा सरकार को भेजता है।
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ऐप से पता चलेगा मरीजो का
ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत इसी तरह के ऐप पर काम कर रहा है। लेकिन अभी ये ऐप कुछ लोगों को टेस्टिंग के लिए दिया गया है। सिंगापुर ने हालांकि TraceTogether ऐप का सोर्स कोड पब्लिक कर दिया है। मतलब की कोई भी देश का डेवेलपर इसे यूज करके इस तरह का अपना ऐप तैयार कर सकता है।
जानकारी के लिए बता दें कि इस ऐप का नाम CoWin-20 है और इसे एंड्रॉयड और आईओएस में टेस्ट किया जा रहा है। बात ये है कि ये ऐप यूजर का लोकेशन ट्रैक करेगा। ये ऐप यूजर को ये भी नोटिफिकेशन देगा कि उनके आस-पास कोई COVID-19 का पेशेंट है या नहीं। जिससे संक्रमण को रोकने में बहुत कामयाबी मिलेगी।
मिली रिपोर्ट के अनुसार, CoWin-20 यूजर की लोकेशन और ब्लूटूथ गेज यूज करता है और इससे आस-पास के यूजर्स के बारे में पता करता है।
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कौन से इलाकों में ज्यादा कोरोना वायरस
ये ऐप टेक्नोलॉजी डाटाबेस से काम करती है। Covid-19 जिन्हें है उनका एक डाटाबेस तैयार किया जा सकता है। अब इस कोरोना वायरस पेशेंट के डाटाबेस के साथ आपके फोन द्वारा कलेक्ट किया गया डाटा मैच कराया जाएगा।
बता दें कि इस डाटाबेस में उन लोगों की भी जानकारी दर्ज की जा सकती हैं जो हाल ही में दूसरे देशों से भारत आए हैं। साथ ही बताया जा रहा है कि ये ऐप ये भी बताएगा कि कौन से इलाकों में ज्यादा कोरोना वायरस के केसेज मिले हैं।
लोकेशन डेटा का ऐक्सेस मांगता
जान लें कि इस ऐप को डाउनलोड करने पर ये आपसे लोकेशन डाटा का ऐक्सेस मांगता है जो हर वक्त ऑन रहेगा। TNW की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस ऐप की एन्क्रिप्शन पॉलिसी ये कहती है कि आपका डेटा एन्क्रिप्ट है और ये सिर्फ डिवाइस तक ही रहेगी। और यदि आपका Covid-19 का टेस्ट पॉजिटिव आता है तो ये ऐप आपका डाटा हेल्थ मिनिस्ट्री के साथ शेयर करेगा।
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हालांकि सरकार की तरफ से इस ऐप का ऑफिशियल ऐलान नहीं किया गया है। ये भी साफ नहीं है कि सरकार किस तरह से लोगों को ट्रैक करेगी और ऐप के जरिए उनका लोकेशन डाटा और COVID-19 के डाटाबेस के साथ मैच करेगी।
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प्राइवेसी को लेकर सवाल उठने शुरू
TNW की एक रिपोर्ट के मुताबिक CoWin-20 ऐप नीति आयोग बना रहा है। ये भी बताया जा रहा है कि इस ऐप का कोड अब तक पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ है।
ये ऐप कई तरह से संभावित कोरोना पेशेंट को ट्रेस कर सकता है। आपने अपने स्मार्टफोन में इस ऐप को इंस्टॉल किया है और आप किसी से मिलने जाते हैं। और उन्हें कुछ दिनों के बाद COVID-19 पॉजिटिव पाया गया तो हेल्थ मिनिस्ट्री इस आधार पर आपको भी ट्रैक करेगी। आपको ट्रैक करके नोटिफिकेशन भेजा जाएगा और COVID-19 के लिए टेस्ट कराने को भी कहा जाएगा।
हालांकि सिंगापुर द्वारा लॉन्च किए गए ऐप के बाद प्राइवेसी को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। क्योंकि इससे आम लोगों का डाटा सरकार के साथ शेयर होगा।
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और यही हाल इजरायल का भी है। यहां हाल ही में काउंटर टेररिज्म के लिए यूज किए जाने वाले टूल को वहां के कोरोना वायरस मरीजों की पहचान करने के लिए किया जा रहा है। इसी बात को लेकर वहां प्रोटेस्ट भी शुरू हो गए हैं। इन सबको ध्यान में रखते हुए भारत में इस ऐप के लॉन्च होने के बाद प्राइवेसी को लेकर सवाल उठ सकते हैं और विरोध भी हो सकता है।