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क्या है भीलवाड़ा मॉडल, जिसे मोदी सरकार पूरे देश में लागू करने पर कर रही विचार

केंद्र सरकार ने राजस्थान सरकार के भीलवाड़ा मॉडल की जमकर सराहना की है और यह ब्योरा मांगा है कि किस तरह से भीलवाड़ा शहर में कोरोना पॉजिटिव लोगों का इलाज किया गया और कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका गया।

Aditya Mishra
Published on: 6 April 2020 2:13 PM IST
क्या है भीलवाड़ा मॉडल, जिसे मोदी सरकार पूरे देश में लागू करने पर कर रही विचार
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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने राजस्थान सरकार के भीलवाड़ा मॉडल की जमकर सराहना की है और यह ब्योरा मांगा है कि किस तरह से भीलवाड़ा शहर में कोरोना पॉजिटिव लोगों का इलाज किया गया और कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका गया।

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने सीएम अशोक गहलोत की समीक्षा बैठक में इसकी जानकारी दी । केंद्रीय कैबिनेट सचिव ने मुख्य सचिव के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी।

इसमें कैबिनेट सचिव गौबा ने कोरोना से बचाव के लिए भीलवाड़ा में किए गए उपायों की तारीफ करते हुए इस मॉडल को देशभर में लागू करने के संकेत दिए।

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तब ऐसा लगा था, मानों भीलवाड़ा भारत का इटली बनने जा रहा हो

बता दे कि भीलवाड़ा में जब पहली बार कोरोना के पॉजिटिव केस सामने आए तो ऐसा लगा कि जैसे भीलवाड़ा भारत का दूसरा इटली बनने जा रहा है। हालांकि, गहलोत सरकार ने तुरंत एक्शन लिया और पूरे शहर में कर्फ्यू लगाकर बॉर्डर सील कर दिया।

जिसके बाद डॉक्टरों की मदद से भीलवाड़ा में कोरोना के आंकड़ों को 27 पर ही रोक दिया गया। कोरोना से लड़ने के लिए भीलवाड़ा मॉडल को देश में लागू किया जा सकता है।

भीलवाड़ा में ऐसे फैला था कोरोना

भीलवाड़ा के एक निजी अस्पताल में डॉक्टर के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उस अस्पताल के कई स्वास्थ्यकर्मी भी पॉजिटिव हो गए थे। यह सोचकर ही लोगों में हड़कंप मच गया था कि ना जाने बांगड़ अस्पताल में डॉक्टरों ने कितने लोगों को देखा होगा, जिनसे ना जाने कितने लोग कोरोना संक्रमित हुए होंगे।

इस केस के सामने आते ही राजस्थान का स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन हरकत में आया और देश में सबसे पहले भीलवाड़ा शहर में कर्फ्यू लागू किया गया।

डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ ने अपना मनोबल ऊंचा रखा। राजस्थान के 16 हजार स्वास्थ्य कर्मियों की टीम भीलवाड़ा शहर में भेज दी गई जहां पर कर्फ्यू के दौरान घर-घर जाकर स्क्रीनिंग का काम शुरू किया गया।

इस तरह का काम देश में पहली बार भीलवाड़ा शहर में शुरू किया गया। इसके पीछे डर इस बात का था कि पता नहीं कितने लोगों के संपर्क में कौन-कौन आया है और कोरोना वायरस का कहर इस तरह से शहर पर फूट पड़े। भीलवाड़ा में एक-एक कर लोग कोरोना पॉजिटिव निकलते जा रहे थे, जिससे सरकार और जनता में हड़कंप मचा जा रहा था।

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कर्फ्यू में घर-घर जाकर स्क्रीनिंग

लॉकडाउन का सख्ती से पालन और घर-घर स्क्रीनिंग की गई। लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने पर जोर दिया गया। भीलवाड़ा में करीब 18 लाख लोगों की स्क्रीनिंग का काम 10 दिनों के अंदर किया गया।

इसके अलावा जितने भी लोग सर्दी जुकाम के मरीज थे सभी को घरों से निकालकर क्वारनटीन किया गया। भीलवाड़ा के सभी फाइव स्टार और थ्री स्टार होटल, रिजॉर्ट और प्राइवेट अस्पतालों का सरकार ने अधिग्रहण किया और यहां पर कोरोना के लक्षण पाए गए लोगों को क्वारनटीन किया।

भीलवाड़ा में प्रशासनिक, पुलिस और मेडिकल के थ्री टियर प्रयास के साथ साथ वहां की जनता ने भी सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा। इन सब कदमों के चलते भीलवाड़ा में कोरोना के मामले आगे नहीं बढ़े और इस पर काफी हद तक नियंत्रण कर लिया गया है।

भीलवाड़ा में 27 लोगों में से अब सिर्फ 7 लोग कोरोना पॉजिटिव बचे हैं बाकी 20 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं। बचे हुए 7 लोग भी जल्द अच्छे हो जाएंगे।

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Aditya Mishra

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