शरद पवार से डरते हैं उद्धव ठाकरे! NCP के दबाव में लिया ये बड़ा फैसला

भीमा-कोरेगांव हिंसा की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को देने पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार के कड़ी आपत्ति जताई जिसके बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सरकार ने सफाई दी है।

Dharmendra kumar
Published on: 18 Feb 2020 11:06 AM GMT
शरद पवार से डरते हैं उद्धव ठाकरे! NCP के दबाव में लिया ये बड़ा फैसला
X

मुंबई: भीमा-कोरेगांव हिंसा की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को देने पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार के कड़ी आपत्ति जताई जिसके बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सरकार ने सफाई दी है। महाराष्ट्र सरकार ने अब इस मामले की जांच केंद्र को नहीं सौंपने का फैसला लिया है।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। उन्होंने साफ किया कि एनआईए को सिर्फ एल्गार परिषद का केस दिया गया है, भीमा-कोरेगांव केस महाराष्ट्र पुलिस ही देखेगी।

उद्धव ठाकरे ने ट्वीट कर कहा कि एल्गार परिषद केस और भीमा-कोरेगांव केस दो अलग मामले हैं। भीमा-कोरेगांव केस दलित लोगों से जुड़ा हुआ है और इसकी जांच केंद्र को नहीं सौंपी जाएंगी। इसे केंद्र के हवाले नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार को सिर्फ एल्गार परिषद केस दिया गया है।

यह भी पढ़ें...योगी कैबिनेट ने दी 5 लाख 12 हजार करोड़ के बजट को मंजूरी, जानें क्या है ख़ास

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार ने एल्गार परिषद मामले की जांच एनआईए को सौंपने को अपनी मंजूरी दे दी थी। एनसीपी ने उद्धव सरकार के इस कदम की आलोचना की थी। पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी को दिए जाने संबंधी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के फैसले को अनुचित ठहराया था।

यह भी पढ़ें...अखिलेश यादव का योगी सरकार पर जोरदार हमला, बजट को लेकर कही ये बड़ी बात

पवार ने कहा था कि केंद्र का एनआईए को एल्गार परिषद मामला दिए जाने का निर्णय अनुचित था, लेकिन इससे ज्यादा अनुचित यह है कि राज्य सरकार ने इसको मंजूरी दे दी। उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखना एक राज्य का विषय है।

एनसीपी प्रमुख शरद पवार भीमा-कोरेगांव हिंसा और एल्गार परिषद की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच के समानांतर एसआईटी की जांच भी चाहते हैं। पवार खुले आम बीजेपी सरकार पर इस मामले में 'कुछ छिपाने' का आरोप लगा रहे हैं।

यह भी पढ़ें...हवाला मामले में आया इस बड़े नेता का नाम, सोनिया तक पहुंच सकती है जांच की आंच

प्रदेश सरकार के विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाने के पीछे शरद पवार की मांग का एक आधार यह भी है कि जब राज्य सरकार की एसआईटी समानांतर जांच चलेगी, तो केंद्र सरकार की एजेंसी एनआईए पर निष्पक्ष जांच का दबाव रहेगा।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story