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आर्टिकल 370 पर बड़ा फैसला : तुरंत सुनवाई पर SC ने दिया ये जवाब
J&K में आर्टिकल 370 को कमजोर किए जाने को लेकर सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की गई है। वैसे तो, सर्वोच्च अदालत ने इस मामले पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है। इस मामले पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई अगली तारीख तय करेंगे और बताएंगे कि ये कब सुना जाएगा।
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांटने और आर्टिकल 370 के प्रावधानों को हटाने संबंधी विधेयक संसद में बहुमत से पारित हो गया है। अब सुप्रीम कोर्ट से इस मामले को लेकर ये बड़ा फैसला लिया है।
J&K में आर्टिकल 370 को कमजोर किए जाने को लेकर सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की गई है। वैसे तो, सर्वोच्च अदालत ने इस मामले पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है। इस मामले पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई अगली तारीख तय करेंगे और बताएंगे कि ये कब सुना जाएगा।
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अदालत ने UN से जुड़ा एक सवाल पूछा। अदालत ने पूछा कि क्या UN हमारे संविधान में किए गए बदलाव पर रोक लगा सकता है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया है और साथ ही आर्टिकल 370 को कमजोर किया है।
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मोदी सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसमें इस फैसले को अंसवैधानिक बताया था। गुरुवार को जब ये मामला जस्टिस एनवी रमन्ना के सामने आया तो उन्होंने कुछ सवाल पूछे और कह दिया कि वह इस मामले की चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के सामने उठाएंगे। वही इस मामले की लिस्टिंग करेंगे।
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वकील एमएल शर्मा ने अदालत को कहा कि पाकिस्तान इस मामले को संयुक्त राष्ट्र ले जाना चाहता है। जिस पर सर्वोच्च अदालत ने पूछा है कि अगर पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र में जाता है तो क्या वह भारत के संविधान में हुए बदलाव पर रोक लगा सकता है? इस पर वकील ने कहा है कि ऐसा नहीं है।
अदालत में जो याचिका दायर की गई है, उसमें कहा गया है कि सरकार ने धारा 367 में जो संशोधन किया है वह पूरी तरह से असंवैधानिक है। सरकार ने इस मामले में मनमानी की है और असंवैधानिक ढंग से कार्रवाई की है। हम आपको बता दें कि इस याचिका के अलावा एक और याचिका दायर की गई है, जिसमें जम्मू-कश्मीर से तुरंत कर्फ्यू हटाने की मांग की गई है।