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BJP की बल्ले-बल्ले: अन्य पार्टियों के मुकाबले BJP को मिला 100 करोड़ का चंदा
बीजेपी को चुनावी ट्रस्टों से सभी राजनीतिक दलों को मिले कुल चंदे का 100.25 करोड़ या 39.85% मिला। कांग्रेस को AB जनरल, समाज और प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्टों के सभी दलों द्वारा प्राप्त कुल दान का 43 करोड़ या 17.09% प्राप्त हुआ। BJD, NCP, SP, AAP, TDP, SHS इत्यादि सहित अन्य 12 राजनीतिक दलों को कुल मिलाकर 108.30 रुपये प्राप्त हुए।
नई दिल्लीः इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए सभी पार्टियों को मिले दान में बीजेपी को 2018-19 में सबसे ज्यादा 100 करोड़ रुपए मिले हैं जो कि सभी दलों को मिले दान का लगभग 40 फीसदी है। यह निष्कर्ष नेशनल इलेक्शन वॉच ने पांच इलेक्टोरल ट्रस्टों को 2018-19 में मिले 252 करोड़ के दान की समीक्षा के बाद जारी किया है।
12 राजनीतिक दलों को कुल मिलाकर 108.30 रुपये प्राप्त हुए
बीजेपी को चुनावी ट्रस्टों से सभी राजनीतिक दलों को मिले कुल चंदे का 100.25 करोड़ या 39.85% मिला। कांग्रेस को AB जनरल, समाज और प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्टों के सभी दलों द्वारा प्राप्त कुल दान का 43 करोड़ या 17.09% प्राप्त हुआ। BJD, NCP, SP, AAP, TDP, SHS इत्यादि सहित अन्य 12 राजनीतिक दलों को कुल मिलाकर 108.30 रुपये प्राप्त हुए।
चुनाव आयोग ने 6 जून 2014 को एक पत्र के जरिए जनवरी 2013 के बाद बने इलेक्टोरल ट्रस्ट के संबंध में गाइडलाइन जारी की थी जिसमें सभी इलेक्टोरल ट्रस्ट को निर्देश जारी किए गए थे। इन निर्देशों के तहत सीबीडीटी से अनुप्रमाणित ट्रस्टों को एक वार्षिक रिपोर्ट देनी होगी कि उन्होंने राजनीतिक पार्टियों कारपोरेट घरानों और व्यक्तिगत रूप से कितना चंदा प्राप्त किया।
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यह गाइडलाइन जनवरी 2013 के बाद बने सत्या इलेक्टोरल ट्रस्ट। प्रतिनिधि इलेक्टोरल ट्रस्ट, पीपल्स इलेक्टोरल ट्रस्ट, प्रोग्रेसिव इलक्टोरल ट्रस्ट, जनहित इलक्टोरल ट्रस्ट, बजाज इलक्टोरल ट्रस्ट और जनप्रगति इलेक्टोरल ट्रस्ट को जारी की गई। गाइडलाइन चुनाव आयोग ने जारी की।
सीबीडीटी में रजिस्टर्ड 21 में से 15 इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 2018-19 का हिसाब दिया
सीबीडीटी में रजिस्टर्ड 21 में से 15 इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 2018-19 का हिसाब दिया। जिसमें केवल पांच ने 2018-19 के दौरान चंदा प्राप्त करने की बात को स्वीकार की। सत्या और प्रूडेंट सैसे इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 2013-14 से 2018-19 तक सभी छह साल की रिपोर्ट दी।
पंजीकृत इलेक्टोरल ट्रस्टों में से आठ ने या तो 2018-19 के दौरान कोई योगदान नहीं दिया या उनकी रिपोर्ट चुनाव आयोग की साइट पर नहीं है।
इस रिपोर्ट में एडीआर ने 2 जनवरी 2013 के बाद गठित इलेक्टोरल ट्रस्ट को मिले दान का विश्लेषण किया है। यह दान इलेक्टोरल ट्रस्ट को राजनीतिक पार्टियों के ट्रस्ट के रूप में 2018-19 के दौरान मिला। कुल 21 इलेक्टोरल ट्रस्ट में से चार इलेक्टोरल ट्रस्ट बजाज इलेक्टोरल ट्रस्ट, गौरी वेलफेयर एसोसिएशन इलेक्टोरल ट्रस्ट, प्रतिनिधि इलेक्टोरल ट्रस्ट और भारतीय सोशलिस्ट रिपब्लिकन इलेक्टोरल ट्रस्ट एसोसिएशन ने अपना नवीनीकरण नहीं कराया। जिन 15 ट्रस्टों ने अपनी रिपोर्ट दाखिल की उनमें से केवल पांच ने कॉरपोरेट हाउसों और व्यक्तिगत रूप से चंदा लेने की बात स्वीकार की।
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नियमानुसार ट्रस्टों को प्राप्त दान में से 95 फीसदी राजनीतिक दलों को बांट देना चाहिए जबकि बचे धन को अगले वित्तीय वर्ष में उपर्युक्त दलों को देने के लिए 31 मार्च से पहले अग्रसारित कर देना चाहिए।
पांच इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 2018-19 के दौरान 252 करोड़ दान कारपोरेट और इंडीविजुअल से मिलने की बात स्वीकार की है जबकि 251.55 करोड़ 99.82 फीसद विभिन्न दलों को देने की बात कही है।
इंटेल एयरपोर्ट लिमिटेड ने सबसे अधिक 25 करोड़ का चंदा दिया
जीएमआर हैदराबाद इंटेल एयरपोर्ट लिमिटेड ने सबसे अधिक 25 करोड़ का चंदा दिया। इसके बाद अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड ने 23 करोड़ और भारती एयरटेल लिमिटेड ने 21 करोड़ विभिन्न ट्रस्टों को दिए। केवल दो व्यक्तिगत सीता कचोलिया ने 50 लाख प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को दिए और आशीष कचोलिया ने 11 लाख रुपए प्रूडेंट इलेक्ट्रॉनिक ट्रस्ट को दिए।
10 बड़े दानदाताओं ने 161 करोड़ों रुपए 2018-19 के दौरान ट्रस्टों को दिए, जो कि कुल दान का लगभग 64 फीसदी था। प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने वित्त वर्ष 2017-18 में योगदान किये गए 154.30 करोड़ रुपये के विपरीत, बीजेपी को 67.25 करोड़ रुपये का दान दिया, जबकि एबी जनरल इलेक्टोरल ट्रस्ट ने अपनी कुल आय 28 करोड़ रुपये भाजपा को दान किया।
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जनहित इलेक्टोरल ट्रस्ट ने केवल बीजेपी एक राजनीतिक पार्टी को 2.5 करोड़ रुपये का योगदान दिया। प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के विपरीत 11 राजनीतिक दलों (जिनमें बीजेपी, आईएनसी, एएपी, बीजेडी और वाईएसआर-सी जैसे प्रमुख दल शामिल हैं) को दान दिया, जब पिछले वित्तीय वर्ष में केवल तीन राजनीतिक दलों को योगदान किया था।