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CAA: सोनिया का मोदी सरकार पर हमला, राहुल ने बताया- क्या है विपक्ष का बड़ा प्लान
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों पर चर्चा के लिए विपक्षी दलों की सोमवार को बैठक हुई। इस बैठक के बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर तीखा हमला किया है। साथ ही उन्होंने सरकार पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है।
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों पर चर्चा के लिए विपक्षी दलों की सोमवार को बैठक हुई। इस बैठक के बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर तीखा हमला किया है। साथ ही उन्होंने सरकार पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों पर अत्याचार कर रही है और घृणा फैला रही है।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार लोगों को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है और संविधान को ताक पर रखकर उथल-पुथल की जा रही है।
बता दें कि इस बैठक में कांग्रेस को झटका भी लगा है। इस बैठक से बीएसपी प्रमुख मायावती, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ महाराष्ट्र में उसकी सहयोगी शिवसेना ने भी किनारा कर लिया।
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सोनिया गांधी ने कहा कि वे (पीएम मोदी और अमित शाह) अपनी ही बात से मुकर गए हैं। सोनिया ने जेएनयू, बीएचयू और जामिया का जिक्र किया और कहा कि लोगों ने उनका आतंक देखा है। मोदी-शाह की सरकार लोगों को सुरक्षा देने में नाकाम रही है।
इस बैठक में कांग्रेस वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत 19 वरिष्ठ नेता शामिल हुए। इसके अलावा एनसीपी प्रमुख शरद पवार, लेफ्ट के नेता सीतारम येचुरी, डी राजा, जेएमएम नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, एलजेडी चीफ शरद यादव, आलोक समता पार्टी के नेता उपेंद्र कुशवाहा, आरजेडी नेता मनोज झा, नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी भी शामिल हुए।
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सोनिया गांधी ने दावा किया देशभर में लोगों ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि इन प्रदर्शनों के बाद सरकार का गुस्सा फूट पड़ा और वह अब खुलकर सामने आ गया है। दिल्ली और उत्तर प्रदेश में पुलिस की कार्रवाई बहुत ही अजीब है। सोनिया ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने लोगों को बरगलाने का काम किया है।
तो वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश के हालात को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमल बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री में इतनी हिम्मत नहीं है कि वो प्रदर्शन कर रहे छात्रों के सामने खड़े हो सकें। मैं उन्हें इसके लिए चुनौती देता हूं कि यूनिवर्सिटी में जाएं और मु्द्दों पर बात करें।
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विपक्ष की बैठक खत्म होने के बाद राहुल गांधी ने बताया कि समान विचार वाली 20 राजनीतिक पार्टियों के साथ दिल्ली में मीटिंग हुई और देश के सियासी हालात की समीक्षा की गई। उन्होंने बताया कि बैठक में मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ने के लिए प्लान तैयार किया गया।
राहुल गांधी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को युवाओं से बात करने का साहस होना चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि कैसे अर्थव्यवस्था संकट में आ गई। छात्रों के सामने खड़े होने की उनकी हिम्मत नहीं है। कई विपक्षी दलों के इस मीटिंग में शामिल होने के सवाल से राहुल गांधी ने कन्नी काट ली।
राहुल ने कहा कि मैं पीएम मोदी को चुनौती देता हूं कि वह बिना पुलिस के किसी भी विश्वविद्याल में जाकर दिखाएं। वह बताएं कि देश के लिए वह क्या करने जा रहे हैं। उन्होंने जेएनयू और जामिया यूनिवर्सिटी में छात्रों के विरोध को लेकर कहा कि उनकी आवाज को दबाया नहीं जा सकता।
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उन्होंने कहा कि देश के युवाओं की समस्याओं को सुलझाने की बजाय पीएम मोदी लोगों का ध्यान भटकाने और उन्हें बांटने की कोशिश में जुटे हैं। युवाओं की आवाज सही है, उन्हें दबाया नहीं जाना चाहिए। सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए।
सीपीआई के नेता डी. राजा ने बताया कि विपक्षी दलों ने 23, 26 और 30 जनवरी को नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ आंदोलन का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन 'देश बचाओ, लोकतंत्र बचाओ, संविधान बचाओ' के नारे के साथ किया जाएगा।
मीडिया में आई जानकारी के मुताबिक कांग्रेस छात्रों के प्रोटेस्ट का सपोर्ट करके सीएए के खिलाफ अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहती है। विपक्ष छात्रों के मुद्दों को उठाकर उनका आंदोलन आगे बढ़ाना चाहती है। पिछले सप्ताह भी सोनिया गांधी ने कहा था कि सीएए के जरिए देश को बांटने की कोशिश की जा रही है और एनपीआर भी एनआरसी का पहला कदम है।
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इस बैठक को इसलिए भी अहम बताया जा रहा है, क्योंकि जल्द ही दिल्ली विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और कांग्रेस छात्रों के आंदोलन को आगे बढ़ाकर बीजेपी को घेरना चाहती है। दिल्ली में 8 फरवरी को मतदान होना है और 11 तारीख को परिणाम घोषित किए जाएंगे।