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चंद्रयान-2: PM मोदी का राष्ट्र को संबोधन, 'विज्ञान में विफलता होती ही नहीं'

पीएम मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘’ज्ञान का अगर सबसे बड़ा शिक्षक कोई है तो वो विज्ञान है। विज्ञान में विफलता होती ही नहीं, केवल प्रयोग और प्रयास होते हैं। हर प्रयोग, हर प्रयास ज्ञान के नए बीज बो के जाता है। नई संभावनाओं की नींव रखके जाता है और हमें अपनी असीम सामर्थ का एहसास दिलाता है।’’

SK Gautam
Published on: 1 April 2023 5:38 PM (Updated on: 1 April 2023 7:01 PM)
चंद्रयान-2: PM मोदी का राष्ट्र को संबोधन, विज्ञान में विफलता होती ही नहीं
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चांद के रहस्यों से अब उठेगा पर्दा, 7 साल बाद होगा बेहतर काम

नई दिल्ली: चंद्रयान-2 के विषय में इसरो से राष्ट्र को अपने संबोधन में पीएम मोदी ने देश और वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया। पीएम मोदी ने कहा कि ज्ञान का अगर सबसे बड़ा शिक्षक कोई है तो वो विज्ञान है। विज्ञान में विफलता होती ही नहीं, केवल प्रयोग और प्रयास होते हैं। हर प्रयोग-हर प्रयास ज्ञान के नए बीज बो के जाता है। नई संभावनाओं की नींव रखके जाता है।

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विज्ञान में विफलता होती ही नहीं......

पीएम मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘’ज्ञान का अगर सबसे बड़ा शिक्षक कोई है तो वो विज्ञान है। विज्ञान में विफलता होती ही नहीं, केवल प्रयोग और प्रयास होते हैं। हर प्रयोग, हर प्रयास ज्ञान के नए बीज बो के जाता है। नई संभावनाओं की नींव रखके जाता है और हमें अपनी असीम सामर्थ का एहसास दिलाता है।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए कहा, ‘’अगर अपनी शुरुआती चुनौतियों, दिक्कतों से हम हार जाते तो आज इसरो दुनिया की अग्रणी स्पेस एजेंसियों में से एक भी स्थान नहीं ले पाता परिणाम अपनी जगह हैं, लेकिन मुझे और पूरे देश को अपने वैज्ञानिकों, इंजीनियरों आप सभी के प्रयासों पर गर्व है।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''हमारे हजारों सालों का इतिहास ऐसे उदाहरणों से भरा हुआ है जब शुरुआती रुकावटों के बावजूद हमने ऐतिहासिक सिद्धियां हासिल की हैं। खुद ISRO भी कभी न हार मानने वाली संस्कृति का जीता-जागता उदाहरण है।’’

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आज चंद्रमा को छूने की हमारी इच्छाशक्ति और दृढ़ हुई है

पीएम मोदी ने आगे कहा, '' मैं आपके साथ हूं, देश आपके साथ है। हर मुश्किल हमे कुछ नया सिखा कर जाती है। इस वक्त चंद्रयाण चांद को गले लगाने के लिए दौड़ पड़ा है। हमे याद रखना होगा कि चंद्रयाण की यात्रा शानदार रही है।''

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, '' आज चंद्रमा को छूने की हमारी इच्छाशक्ति और दृढ़ हुई है, संकल्प और प्रबल हुआ है आप लोग मक्खन पर लकीर वाले नहीं, पत्थर पर लकीर करने वाले लोग हैं। परिणामों से निराश हुए बिना निरंतर लक्ष्य की तरफ बढ़ने की हमारी परंपरा भी रही है और हमारे संस्कार भी रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, '' आज चंद्रमा को छूने की हमारी इच्छाशक्ति और दृढ़ हुई है, संकल्प और प्रबल हुआ है। इस मिशन के साथ जुड़ा हुआ हर व्यक्ति एक अलग ही अवस्था में था बहुत से सवाल थे, बड़ी सफलता के साथ आगे बढ़ते हैं। अचानक सबकुछ नजर आना बंद हो गया, मैंने भी उस पल को आपके साथ जिया है।’’

प्रधानमंत्री ने छात्रों से कहा कि ऊंचा सोचिए, निराशा को कभी अपनी राह में न आने दें

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चंद्रयान-2: लैंडिंग देखने आए छात्रों से बोले मोदी- ऊंचा सोचिए, निराशा को कभी अपनी राह में न आने दें 'चंद्रयान-2' के लैंडर 'विक्रम' का चांद पर उतरते समय इसरो से संपर्क टूट गया है । सपंर्क तब टूटा, जब लैंडर चांद की सतह से सिर्फ 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था. चंद्रयान-2 के बारे में अभी जानकारी का इंतजार है....

पीएम मोदी ने कहा, ''रुकावटों से हौसला और मजबूत होगा। आज भले ही कुछ रुकावटें हाथ लगी हो लेकिन इससे हमारा हौसला कमजोर नहीं पड़ा है, बल्कि और मजबूत हुआ है आज हमारे रास्ते में भले ही एक रुकावट आई हो, लेकिन इससे हम अपनी मंजिल के रास्ते से डिगे नहीं हैं। मैं आपके चेहरे की उदासी पढ़ पा रहा हूं,''

वैज्ञानिकों पर गर्व है 'आप वो लोग हैं जो मां भारती के लिए, उसकी जय के लिए जीते हैं'

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘’चंद्रयान-2 का चांद पर उतरने से ठीक पहले संपर्क टूट गया और वैज्ञानिक परेशान हो उठे। देश को अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है। आप वो लोग हैं जो मां भारती के लिए, उसकी जय के लिए जीते हैं। आप वो लोग हैं जो मां भारती के लिए जूझते हैं। आप वो लोग हैं जो मां भारती के लिए जज्बा रखते हैं। मां भारती का सर ऊंचा हो, इसके लिए पूरा जीवन खपा देते हैं।''

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘’कई रातों से वैज्ञानिक सोए नहीं हैं। वैज्ञानिक देश के लिए अपनी पूरी जिंदगी खपा देते हैं। आप लोग मां भारती के लिए जीते हैं। आपके चेहरे की उदासी मैं पढ़ पाता था।’’

इसरो से राष्ट्र को संबोधित करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत माता की जय के नारे लगाए फिर उन्होंने अपनी बात को कहा।

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