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गोवर्धन पूजा में शामिल हुए सीएम भूपेश बघेल, निभाई वर्षों पुरानी परंपरा, खाए कोड़े

गौरतलब है कि दीपावली के दूसरे दिन अन्नकूट और गोवर्धन पूजा की जाती है। ये एक तरह की प्रकृति की पूजा है। यह पूजा ब्रज से प्रारम्भ हुई थी और धीरे-धीरे पूरे भारत वर्ष में मनाई जाने लगी।

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Published on: 15 Nov 2020 1:29 PM GMT
गोवर्धन पूजा में शामिल हुए सीएम भूपेश बघेल, निभाई वर्षों पुरानी परंपरा, खाए कोड़े
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उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'हमेशा की तरह इस बार भी आज दुर्ग जिले के ग्राम जजंगिरी, कुम्हारी पहुंचकर सबकी मंगलकामना के लिए सांटा का प्रहार झेलने की परंपरा निभाई।

रायपुर: देशभर में रविवार को गोवर्धन पूजा का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। हर बार की तरह ही इस बार भी छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गोवर्धन पूजा में सम्मिलित हुए।

उन्होंने लोगों की खुशहाली के लिए यहां पर कोड़े से मार भी खाई। वे प्रत्येक साल गोवर्धन पूजा के मौके पर कोड़े की पिटाई सहते हैं।

इस बार भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोवर्धन पूजा के अवसर पर सबकी मंगलकामना के लिए दुर्ग जिले के ग्राम जजंगिरी, कुम्हारी में सांटा का प्रहार झेलने की परंपरा निभाई।

Bhupesh Baghel गोवर्धन पूजा में शामिल हुए सीएम भूपेश बघेल, निभाई वर्षों पुरानी परंपरा, खाए कोड़े(फोटो:सोशल मीडिया)

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सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर दी ये जानकारी

इस बात की जानकारी सीएम भूपेश बघेल ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी दी है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'हमेशा की तरह इस बार भी आज दुर्ग जिले के ग्राम जजंगिरी, कुम्हारी पहुंचकर सबकी मंगलकामना के लिए सांटा का प्रहार झेलने की परंपरा निभाई। यह सुंदर परंपरा सबकी खुशहाली के लिए मनाई जाती है।



बताते चलें कि इस साल एक बदलाव भी देखा गया है। पहले प्रत्येक साल गांव के बुजुर्ग भरोसा ठाकुर कोड़ों से यह प्रहार करते थे, लेकिन इस बार उनके निधन के कारण यह परंपरा उनके बेटे बीरेंद्र ठाकुर ने निभाई। उन्होंने ही सीएम को कोड़े लगाये।

Bhupesh Baghel गोवर्धन पूजा में शामिल हुए सीएम भूपेश बघेल, निभाई वर्षों पुरानी परंपरा, खाए कोड़े(फोटो:सोशल मीडिया)

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ब्रज से प्रारम्भ हुई थी गोवर्धन पूजा

गौरतलब है कि दीपावली के दूसरे दिन अन्नकूट और गोवर्धन पूजा की जाती है। ये एक तरह की प्रकृति की पूजा है। यह पूजा ब्रज से प्रारम्भ हुई थी और धीरे-धीरे पूरे भारत वर्ष में मनाई जाने लगी। इस बार अन्नकूट और गोवर्धन पूजा का पर्व 15 नवंबर यानी रविवार को मनाया जा रहा है।

इस पूजा की शुरूआत भगवान श्रीकृष्ण ने किया था। इस दिन प्रकृति के आधार के रूप में गोवर्धन पर्वत और समाज के आधार के रूप में गाय की पूजा की जाती है।

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