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Chhattisgarh Election 2023: पूर्व सीएम रमन सिंह की सीट पर कैसी है चुनावी फिजा, राजनांदगांव से लगा चुके हैं जीत की हैट्रिक
Chhattisgarh Election 2023: विधानसभा चुनाव में जिन सीटों पर लोगों की निगाहें लगी हुई हैं उनमें राजनादगांव विधानसभा सीट भी शामिल है क्योंकि इस सीट पर भाजपा ने अपने प्रमुख चेहरे और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को चुनावी अखाड़े में उतारा है।
Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस बार अपनी सरकार को बचाए रखने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। दूसरी ओर भाजपा 2018 में कांग्रेस के हाथों मिली बड़ी हार का बदला लेने की कोशिश में जुटी हुई है। पहले चरण के मतदान की तारीख नजदीक आने के साथ ही राज्य में प्रचार युद्ध काफी तेज हो गया है।
इस बार के विधानसभा चुनाव में जिन सीटों पर लोगों की निगाहें लगी हुई हैं उनमें राजनादगांव विधानसभा सीट भी शामिल है क्योंकि इस सीट पर भाजपा ने अपने प्रमुख चेहरे और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को चुनावी अखाड़े में उतारा है। रमन सिंह इस सीट से जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। कांग्रेस ने इस सीट से गिरीश देवांगन को चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस प्रत्याशी के बाहरी होने के कारण इस विधानसभा क्षेत्र में रमन सिंह की स्थिति मजबूत मानी जा रही है।
2003 में मिली थी कांग्रेस को जीत
छत्तीसगढ़ में रमन सिंह को भाजपा का दिग्गज नेता माना जाता है और वे लगातार तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। राजनादगांव विधानसभा सीट की बात की जाए तो इस सीट पर उनका खासा दबदबा दिखता रहा है। छत्तीसगढ़ को 2000 में नया राज्य बनाया गया था और उसके बाद 2003 में यहां पहली बार विधानसभा चुनाव कराए गए थे। 2003 के विधानसभा चुनाव में राजनादगांव सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी।
छत्तीसगढ़ में 2003 में हुए पहले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने जीत हासिल करके अपनी सरकार बनाई थी। भाजपा की सरकार में डॉ रमन सिंह मुख्यमंत्री बने थे। उस समय वे राजनांदगांव से लोकसभा सांसद थे। 2004 के उपचुनाव में रमन सिंह डोंगरगांव से गीता देवी सिंह को हराकर पहली बार विधायक बने थे। 2008 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान रमन सिंह ने राजनादगांव विधानसभा सीट से किस्मत आजमाई और जीत हासिल की।
2008 से रमन सिंह को मिली लगातार जीत
2008 के विधानसभा चुनाव से ही डॉक्टर रमन सिंह राजनादगांव विधानसभा सीट से चुनाव जीतते रहे हैं और यह उनकी परंपरागत सीट बन चुकी है। इस विधानसभा क्षेत्र में उनकी सियासी मजबूती को इस बात से समझा जा सकता है कि उन्होंने 2008,2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में लगातार इस सीट पर जीत हासिल की है। इस तरह वे इस विधानसभा क्षेत्र में जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं।
पिछले चुनाव में अटल की भतीजी को हराया
पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान इस क्षेत्र में 30 उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में उतरे थे। मुख्य मुकाबला भाजपा के रमन सिंह और कांग्रेस की करुणा शुक्ला के बीच रहा। करुणा शुक्ला पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी हैं मगर 2018 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
करुणा शुक्ला पहले बीजेपी में ही थीं मगर बाद में उन्होंने पार्टी से बगावत करके कांग्रेस का दामन थाम लिया था। 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान रमन सिंह ने इस सीट पर 80,589 वोट हासिल किए थे तो करुणा शुक्ला को 63,656 वोट मिले थे। इस तरह रमन सिंह ने 2018 के विधानसभा चुनाव में 16,933 वोटों से जीत हासिल की थी।
इस बार क्या है इलाके की सियासी तस्वीर
इस बार के विधानसभा चुनाव में राजनादगांव विधानसभा सीट पर रमन सिंह का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी गिरीश देवांगन के साथ हो रहा है। सियासी जानकारों का कहना है कि रमन सिंह जैसे मजबूत प्रत्याशी के खिलाफ कांग्रेस ने बाहरी प्रत्याशी को चुनावी अखाड़े में उतार दिया है। इस कारण रमन सिंह की सियासी राह आसान मानी जा रही है। तीन बार छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री होने का भी रमन सिंह को फायदा मिल रहा है। जानकारों का कहना है कि रमन सिंह के चुनाव लड़ने से जिले की अन्य सीटों पर भी भाजपा को फायदा हो सकता है। वैसे रमन सिंह को घेरने के लिए कांग्रेस ने भी पूरी ताकत लगा रखी है मगर इलाके की सियासत के जानकारों का कहना है कि रमन सिंह मजबूती स्थिति में दिख रहे हैं। अगर वे चुनाव जीतने में कामयाब रहे तो इस विधानसभा सीट से यह उनकी लगातार चौथी जीत होगी।