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राफेल से कांपा चीन: आसमान में ले आया J-20 फाइटर जेट, भारत से ले रहा टक्कर
पूर्वी लद्दाख की पैंगोंग झील में धोखेबाज चीन की आज सोमवार को घुसपैठ की सारी कोशिशों को भारतीय सेना के जवानों ने नाकाम कर दी। ऐसे में इस नापाक हरकत के बाद चीन की सेना ने बॉर्डर के पास लद्दाख के ऊपर अपने चेंगदू जे-20 फाइटर जेट उड़ाए हैं।
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की पैंगोंग झील में धोखेबाज चीन की आज सोमवार को घुसपैठ की सारी कोशिशों को भारतीय सेना के जवानों ने नाकाम कर दी। ऐसे में इस नापाक हरकत के बाद चीन की सेना ने बॉर्डर के पास लद्दाख के ऊपर अपने चेंगदू जे-20 फाइटर जेट उड़ाए हैं। जिसे जबरदस्त टक्कर देने के लिए भारतीय वायुसेना का राफेल, सुखोई-30एमकेआई और तेजस विमान जैसे जंगी विमान बिल्कुल तैयार हैं।
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राफेल - चेंगदू जे-20
भारतीय सेना पर शामिल हुए राफेल के आगे चीन के J-20 का इंजन निम्न स्तर का है। ऐसे में युध्द के मामले में भी राफेल चेंगदू J-20 से हद से ज्यादा काबिले तारीफ है। राफेल में हायर वेपन लोड, बैटर हार्डंड और लीथल मिसाइल पावर है। तो चलिए बताते हैं कि राफेल चीन के लड़ाकू विमान चेंगदू जे-20 से किस तरह बेहतर है।
चीनी विमान (फोटो-सोशल मीडिया)
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विमानों की अपेक्षा करने में सबसे पहले भारत के राफेल में दो Snecma M88 इंजन है। जो 50 किलोन्यूटन थ्रस्ट पैदा करते हैं। चीन के चेंगदू जे-20 में शेनयांग WS-10बी इंजन लगा है।
फोटो-सोशल मीडिया
जो 145 किलोन्यूटन थ्रस्ट पैदा करते हैं। हालांकि राफेल के इंजन का थ्रस्ट उसे मैन्यूवरिंग करने में आसानी होती है। क्योंकि इंजन के पावर को अपने हिसाब से कंट्रोल करने में आसानी होती है।
भारतीय विमान राफेल का राडार और एवियोनिक्स सिस्टम अत्याधुनिक है। चीन के राडार सिस्टम की कोई जानकारी चीन ने अभी तक जारी नहीं हुई है। राफेल में एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (AESA) लगा है। इसके अलावा राफेल पर इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट स्पेक्ट्रा लगा है। जो किसी भी तरह के दुश्मन को खोज सकता है, हथियार चला सकता है, संचार जैम कर सकता है।
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