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नागरिकता संशोधन कानून: लोगों को भुगतना पड़ रहा खामियाजा, जानें पूरा मामला

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ राजधानी दिल्ली समेत जगह-जगह पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन ने अब हिंसक रुप ले लिया है।

Shreya
Published on: 20 Dec 2019 6:27 AM GMT
नागरिकता संशोधन कानून: लोगों को भुगतना पड़ रहा खामियाजा, जानें पूरा मामला
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नई दिल्लीः नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ राजधानी दिल्ली समेत जगह-जगह पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन ने अब हिंसक रुप ले लिया है। दिल्ली में विरोध थमने का नाम ही नहीं ले रहा है और अब इसका खामियाजा दिल्लीवासियों को भुगतना पड़ रहा है। इस विरोध प्रदर्शन के चलते दिल्लीवासियों को अपने मंजिल पर पहुंचने के लिए डबल किराया देना पड़ रहा है।

ऑटो रिक्शा चालकों ने बढ़ाया किराया

गुरुवार को भी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन जारी रहा, जिसको देखते हुए ऑटो रिक्शा ड्राइवरों ने किराया दोगुना कर दिया है। वहीं कैब ड्राइवर लुटियन क्षेत्रों में जाने से मना कर रहे हैं।

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दरअसल, बढ़ते विरोध प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली में करीब 20 मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया था, जिस वजह से लोगों को कहीं पर भी यात्रा करने के लिए मुसीबतों का सामना करना पड़ा। जिसके बाद ऑटो रिक्शा चालकों ने किराया बढ़ाकर दोगुना कर दिया। वहीं कैब ड्राइवरों ने दिल्ली के मुख्य इलाकों, जहां पर प्रदर्शन हो रहा है, में जाने से इंकार कर दिया।

यात्रियों को 40 की जगह देने पड़े 100 रुपये

बताया जा रहा है कि, जिस जगह के लिए सामान्य किराया 40 रुपये है तो उस जगह ऑटो रिक्शा चालक 100 रुपये ले रहे हैं और लोगों को मजबूरी में दोगुना किराया देकर सफर करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि, जारी विरोध प्रदर्शन के बीच मेट्रो स्टेशन बंद रखे गए हैं।

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इस पर एक यात्री ने बताया कि कैब ड्राइवर्स ने मुख्य इलाकों, संसद मार्ग और उसके आसपास के इलाकों में जाने से मना कर दिया है। वहीं लुटियन दिल्ली में जाने के लिए लोगों को दोगुना किराया देना पड़ रहा। जो लोग मयूर विहार जाने के लिए 130 रुपये किराया देते थे, उन लोगों को अब संसद मार्ग तक जाने के लिए 200 रुपये से अधिक चुकाने पड़े।

क्या है नागरिकता कानून

बता दें कि नागरिकता कानून के तहत मुस्लिम बहुल आबादी वाले देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में उत्पीड़न के कारण भाग कर भारत आए हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है। CAA के तहत 31 दिसंबर 2014 के पहले या इस तारीख तक भारत में प्रवेश कर चुके लोग भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।

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