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MP में CM शिवराज ने नए मंत्रियों को बांटे विभाग, जानिए किसे कौन सी मिली जिम्मेदारी
तुलसीराम सिलावट को जल संसाधन विभाग के साथ-साथ मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है, तो वहीं गोविंद सिंह राजपूत को राजस्व एवं परिवहन विभाग का जिम्मेदारी मिली है।
भोपाल: मध्य प्रदेश में कैबिनेट का विस्तार होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्री बनाए गए दोनों मंत्रियों को सोमवार को उनके विभागों का आवंटन कर दिया। मिली जानकारी के मुताबिक, तुलसीराम सिलावट को जल संसाधन विभाग के साथ-साथ मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है, तो वहीं गोविंद सिंह राजपूत को राजस्व एवं परिवहन विभाग का जिम्मेदारी मिली है।
बता दें कि रविवार को राजभवन में राज्यपाल आनंदी बेन ने दोनों मंत्रियों को शपथ दिलाई। गोविंद सिंह राजपूत और तुलसीराम सिलावट को पूर्व के विभागों की ही जिम्मेदारी दी गई है। पहले भी गोविंद सिंह राजपूत के पास राजस्व और परिवहन विभाग था और तुलसी सिलावट जल संसाधन विभाग की जिम्मेदारी थी। हालांकि तुलसी सिलावट को अब जल संसाधन विभाग के साथ-साथ मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास विभाग की भी जिम्मेदारी दे दी गई है।
सिंधिया समर्थक हैं दोनों नेता
ये दोनों नेता बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं और मंत्रिमंडल के रविवार को हुए तीसरे विस्तार में इनको फिर से मंत्री पद दिया गया है। इन दोनों नेताओं ने उपचुनाव से पहले मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने ऐसा इसलिए किया था, क्योंकि वे विधानसभा के निर्वाचित सदस्य नहीं थे और दोनों को मंत्री पर पर रहते 6 महीने का समय पूरा हो चुका था।
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उपचुनाव नतीजों के डेढ़ महीने बाद हुआ विस्तार
उपचुनाव में सिलावट और राजपूत ने अपनी-अपनी सीटों से विजय प्राप्त की है। पहले से ही दोनों नेताओं को शिवराज कैबिनेट में शामिल किए जाने की उम्मीद लगाई जा रही थी। मध्य प्रदेश में उपचुनाव के बाद से ही शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कयास लगाए जा रहे थे।
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बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए नेताओं में से करीब एक दर्जन नेताओं को मंत्री पद दिया गया था। इनमें से दो मंत्री तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत ने छह महीने का कार्यकाल पूरा हो गया था जिसके कारण उपचुनाव से पहले त्याग पत्र दे दिया था। तो वहीं इसके अलावा तीन मंत्री चुनाव हार गए थे। इनमें महिला एवं बाल विकास मंत्री रहीं इमरती देवी, कृषि राज्यमंत्री रहे गिर्राज डंडोतिया और एंदल सिंह कंसाना को इस्तीफा देना पड़ा था।
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