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यूपी वालों की हिस्ट्री: जानिए क्यों दिल्ली में खंगाली जा रही है

कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए, अब जनवरी से मार्च तक उत्तर प्रदेश से दिल्ली आए-गए लोगों की अब हिस्ट्री खंगालनी शुरु कर दी गई है।

Shreya
Published on: 1 May 2020 8:57 AM GMT
यूपी वालों की हिस्ट्री: जानिए क्यों दिल्ली में खंगाली जा रही है
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नई दिल्ली: कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए, अब जनवरी से मार्च तक उत्तर प्रदेश से दिल्ली आए-गए लोगों की अब हिस्ट्री खंगालनी शुरु कर दी गई है। इन लोगों की हिस्ट्री पता के लिए अलग-अलग एरिया के मोबाइल टॉवरों से मोबाइल नंबर इकट्ठे किए जा रहे हैं। नंबरों को जुटाने के बाद इन्हें एक फाइल में बंद कर यूपी भेजा जा रहा है। जहां पर प्रशासन द्वारा इन लोगों की मोबाइल कंपनियों और नेशनल रूरल हेल्थ मिशन (NRHM) के स्टाफ की मदद से पता लगाया जा रहा है।

ऐसे लोगों की तलाश जारी

प्रशासन ऐसे लोगों की भी तलाश कर रही है, जो केवल एक दिन के लिए यूपी से दिल्ली आया है। ऐसे लोगों को क्वारनटीन किया जा रहा है और उनकी कोरोना वायरस की जांच कराई जा रही है। दिल्ली सरकार की तरफ से हर चार से पांच दिनों में सैकड़ों मोबाइल नंबरों की फाइल यूपी भेजी जा रही है।

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दूसरे राज्य भी कर रहे जमातियों की तलाश

दिल्ली के अलावा दूसरे राज्य भी तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं। पुलिस लगातार ऐसे लोगों की तलाश कर रही है, जो मरकज में 15 मार्च से 28 मार्च तक रुके या गए हों। जमात में शामिल हुए लोगों की तलाश करने के लिए अब पुलिस ने नया तरीका खोज निकाला है। इस दौरान तक मरकज के एरिया में एक्टिव रहे मोबाइल नंबरों की लिस्ट तैयार की जा रही है।

लिस्ट में ऐसे लोगों का नंबर किया जा रहा शामिल

इस लिस्ट में ऐसे नंबरों को शामिल किया जा रहा है, जो 3 से 4 दिनों तक मरकज में रुके हों या वहां पर गए हों। अगर शक के दायरे में आ रहा नंबर किसी अन्य राज्य और शहर का है तो उससे संबंधित पुलिस को इस बारे में जानकारी साझा की जा रही है। ऐसा करके कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की तलाश की जा रही है।

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दिल्ली पुलिस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, नंबर जुटाने के तरीके को मैपिंग कहा जा रहा है। मरकज के आसपास जितने भी मोबाइल टावर मौजूद हैं, उनकी मदद से डंप डाटा इकट्ठा किया गया है। अब उसकी स्टडी की जा रही है।

नंबर पर संपर्क किया तो निकला एयरफोर्स का जवान

एक ऐसी ही स्टडी के दौरान एक नंबर सामने आया था, जब इस नंबर को यूज करने वाले व्यक्ति से संपर्क साधा गया तो पता चला कि वह एयरफोर्स का जवान है। इसके बाद एयरफोर्स के जवान को आइसोलेट कर दिया गया। यही कार्रवाई अन्य लोगों के साथ भी की जा रही है।

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