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योगी सरकार ने कोटा में फंसे छात्रों की कराई घर वापसी, CM गहलोत ने की तारीफ
राजस्थान के कोटा में दूसरे राज्यों से आए लगातार अपने राज्यों में वापसी की गुहार लगा रहे हैं। इस बाबत योगी सरकार ने पहल करते हुए कोटा में फंसे छात्राओं की वापसी के लिए बसें भेजी हैं।
राजस्थान: कोरोना वायरस के चलते देश भर में लॉकडाउन लगाया गया है। ऐसे में बहुत से छात्र-छात्राएं भी अलग-अलग राज्य में फंस गए हैं। वहीं राजस्थान के कोटा में दूसरे राज्यों से आए लगातार अपने राज्यों में वापसी की गुहार लगा रहे हैं। इस बाबत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले पहल करते हुए कोटा में फंसे छात्राओं की वापसी के लिए बसें भेजी हैं।
छात्रों की वापसी के लिए भेजी गईं बसें
योगी सरकार ने कोटा में फंसे 7500 छात्रों की वापसी के लिए करीब 250 बसें भेजी हैं। इनमें से 100 बसे करीब 3 हजार छात्रों को लेकर शुक्रवार की रात को ही रवाना हो गई थीं। वहीं आज सुबह के करीब 11 बजे लगभग डेढ़ सौ बसें छात्रों के साथ रवाना हुई हैं।
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सीएम गहलोत ने की CM योगी की तारीफ
सीएम योगी की इस कदम की लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तारीफ की है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों को भी यहां पर फंसे छात्रों को वापस ले जाने की पहल करनी चाहिए। सीएम गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से कोटा में फंसे छात्रों में दहशत का माहौल न उत्पन्न हो और नही वे अवसाद की स्थिति से ग्रस्त हों, इसके लिए जरुरी है कि राज्य सरकारें यहां पर फंसे छात्रों को वापस बुलाएं।
बिहार मुख्यमंत्री ने जताई असहमति
हालांकि सीएम योगी के इस कदम से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहमत नहीं हैं। शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि कोटा में पढ़ने वाले छात्र एक संपन्न परिवार से आते हैं। ज्यादातर पैरेंट्स अपने बच्चों के साथ ही रहते हैं, फिर उन्हें क्या परेशानी है। उन्होंने कहा कि ऐसे में जो गरीब अपने परिवार से दूर बिहार के बाहर हैं, उन्हें भी बुलाना चाहिए। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि लॉकडाउन के बीच में किसी को बुलाना गलत है। इसी तरह मार्च के अंत में भी मजदूरों को दिल्ली से रवाना कर लॉकडाउन का उल्लंघन किया गया था।
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छात्रों ने छेड़ा था यह अभियान
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री द्वारा 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन लागू किए जाने के बाद कोटा में देश के कोने-कोने से आए हजारों छात्र फंस गए थे। उसके बाद इन छात्रों ने सोशल मीडिया पर #SendUsBackHome अभियान छेड़ा था।
सोशल डिस्टेंसिंग का रखा जा रहा पूरा ख्याल
एक समाचार एजेंसी के मुताबिक, इन छात्रों को लाए जाने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। एक बस में केवल 30 छात्रों को ही बैठाकर लाया जा रहा है। कोटा जिले के एक अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से भी 100 बसों की व्यवस्था की जाएगी, ताकि अगर यूपी सरकार की बसें कम पड़ जाती हैं तो उन बसों का इस्तेमाल किया जा सके।
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