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मिले ये खतरनाक संकेत: भयावह होगा हाल, इस समय चरम पर पहुंचेगी महामारी

भारत मे तेजी के साथ कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। देश में 2 से 5 मई के बीच 12,235 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं। वहीं इन चार दिनों में करीब 452 लोगों की मौत हुई है।

Shreya
Published on: 8 May 2020 11:35 AM IST
मिले ये खतरनाक संकेत: भयावह होगा हाल, इस समय चरम पर पहुंचेगी महामारी
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मिले ये खतरनाक संकेत: भयावह होगा हाल, इस समय चरम पर पहुंचेगी महामारी

नई दिल्ली: भारत मे तेजी के साथ कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। देश में 2 से 5 मई के बीच 12,235 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं। वहीं इन चार दिनों में करीब 452 लोगों की मौत हुई है। इस तरह 2 से 5 मई के बीच भारत में रोज औसतन 3 हजार 59 नए मामले सामने आए हैं और एक दिन में 113 लोगों की जान जा चुकी है। देश में अब तक इस जानलेवा वायरस से 56 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं अब तक 1783 लोगों की जान जा चुकी है।

4-5 मई को एक दिन में आए सबसे अधिक मामले

4-5 मई को 24 घंटे के अंदर कोरोना के लगभग 3,875 नए मामले सामने आए। इस दौरान करीब 194 लोगों की मौत की पुष्टि हुई। बता दें कि यह भारत में एक दिन में आने वाले सबसे अधिक मामले और सबसे अधिक मौतों का आंकड़ा रहा। बता दें कि 26 से 30 अप्रैल के बीच कोरोना का संक्रमण 24.08% की रफ्तार से बढ़ा। जबकि 1 से 5 मई के बीच मामलों की रफ्तार 34.07% रही। इस दौरान मरने वाले की संख्या 28 से 38 फीसदी तर पहुंची, जो कि एक चिंताजनक बात रही। कोरोना वायरस से हुई कुल मौतों में 27 फीसदी मौत इन चार दिनों में ही हुई।

लॉकडाउन का दूसरा चरण (लॉकडाउन- 2) खत्म होने से दो दिन पहले यानि 1 मई को कोरोना वायरस के केसेस 9 फीसदी की रफ्तार से बढ़े। वहीं लॉकडाउन का तीसरा फेज (लॉकडाउन- 3) शुरु होने के एक दिन बाद यानि 4 मई को भी कोरोना के मामले 9 प्रतिशत की रफ्तार से ही बढ़े।

कोरोना के मामलों और मौतों में खतरनाक बढ़ोत्तरी

बीते कुछ दिनों में कुछ राज्यों में कोरोना के मामलों और उससे हुई मौतों में खतरनाक बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। मुंबई में मंगलवार को कोरोना के 635 नए मामले सामने आए। जिसके बाद शहर में कोरोना की कुल संख्या 9,758 तक पहुंच गई। बता दें कि महाराष्ट्र के 36 में से 34 जिले कोरोना ग्रस्त हैं।

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सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र

देश में कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित होने वाला राज्य महाराष्ट्र ही हैं। राज्य में अब तक 16, 758 केस दर्ज किए जा चुके हैं। वहीं बुधवार को तमिलनाडु में 771 मामले दर्ज किए गए। यह राज्य में एक दिन में आने वाले मामलों की सबसे बड़ी संख्या है। गुजरात से मंगलवार को 441 मामले सामने आए। वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार को इस महामारी के 428 मामले पाए गए। पंजाब में भी पिछले कुछ दिनों में तेजी से कोरोना के मामले बढ़े हैं।

लॉकडाउन खत्म होने के बाद तेजी से फैलेगा वायरस

यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग के एपिडमियोलॉजिस्ट डॉ. बेन काउलिंग का कहना है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद एशिया के देशों में महामारी तेजी के साथ फैल सकती है। जिसके दो प्रमुख कारण होंगे। पहला तो लॉकडाउन खत्म होने के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकलेंगे और एक-दूसरे के संपर्क में आएंगे। वहीं दूसरा ये कि अंतरराष्ट्रीय और घरेलू यात्री भी अपने साथ कोरोना का संक्रमण फैला सकते हैं।

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लॉकडाउन-3 के साथ मिलीं ये रियायतें

गौरतलब है कि भारत में देश की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए सरकार ने लॉकडाउन- 3 में कुछ ढील दी हैं, जो कि लॉकडाउन- 3 खत्म (17 मई) होने तक जारी रहेंगी। लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरु होने के साथ ही शराब की बिक्री को भी अनुमित दी गई थी, जिसके चलते सोशल डिस्टेंसिंग की बुरी तरह से धज्जियां उड़ रही हैं।

इसके अलावा कुछ सेक्टर्स में प्राइवेट ऑफिस में 33 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम शुरु करने की अनुमति दी गई है। साथ ही लॉकडाउन में फंसे हजारों प्रवासी मजदूरों और छात्रों की श्रमिक स्पेशल ट्रेन से उनके गांव-घर वापसी कराई जा रही है। इसके अलावा विदेशों में भी फंसे भारतीयों को वापस लाया जा रहा है। ग्रीन और ऑरेंज ज़ोन में ऐसी कई गतिविधियों की अनुमति है, जो रेड ज़ोन में बैन है।

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क्या कोरोना के मामलों में वृद्धि होने की ये है वजह?

अब सवाल है कि क्या इन वजहों से कोरोना के मामलों में और मौतों के आंकड़ों में अचानक बढ़ोत्तरी देखी गई है? तो इसका जवाब है कि ऐसा नहीं लगता। बंदिशों में ढील देने के एक हफ्ते बाद ही इसका असर देखने को मिल सकता है। यानी लॉकडाउन का दूसरा चरण खत्म होने का असर करीब 10 मई के आसपास दिखेगा।

ये है असली वजह?

तो फिर बीते 4-5 दिनों में अचानक कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी कैसे हुई। गृह मंत्रालय के मुताबिक, कुछ राज्यों द्वारा सोमवार को कोरोना के पुराने आंकड़े जारी किए गए हैं। जबकि कई राज्यों में कोरोना के केसेस की वक्त पर रिपोर्टिंग नहीं की। कोरोना के मामलों की समय पर रिपोर्टिंग और मैनेजमेंट दोनों बेहद जरुरी है। वहीं कुछ राज्यों की रिपोर्ट में अंतराल पाया गया। लगातार दबाव पड़ने पर इन राज्यों में रिपोर्ट को पूरा किया और इसके चलते कोरोना के मामलों में अचानक उछाल आ गया।

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टेस्ट बढ़ने के साथ बढ़े मामलो और मौतों के आंकड़े

कुछ अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि टेस्ट की संख्या बढ़ने के चलते कोरोना के केसेस और मौतों के आंकड़ों में वृद्धि हुई है। पब्लिक हेल्थ फ़ाउंडेशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के. श्रीनाथ रेड्डी का कहना है कि टेस्ट की संख्या बढ़ने के साथ ही कोरोना के मामलों की पहचान भी ज्यादा सामने आएगी। हमें यह देखने की आवश्यकता है कि नए टेस्ट के अनुपात में नए केसेस की संख्या में वृद्धि होती है या नहीं। इसलिए अभी यह कहा जा सकता है कि टेस्ट में वृद्धि के कारण मामलों की संख्या तेजी से बढ़ी है।

मई के आखिरी में चरम पर होगा कोरोना

वहीं कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि मई के आखिरी तक कोरोना भारत में चरम पर आ सकता है। हालांकि कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि लॉकडाउन की वजह से कोरोना का चरम जून-जुलाई तक के लिए टल गया है। भारत ने अब तक कोरोना वायरस की इस लड़ाई में अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन अगले कुछ हफ्तों में देश के सामने सबसे कठिन परीक्षा सामने होगी।

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