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कोरोना के मरीजों के साथ ऐसा सलूक करने वाले अस्पतालों की अब खैर नहीं

कोरोना मरीजों के इलाज में आनाकानी करने वाले अस्पतालों के लिए आने वाले दिनों में मुश्किलें बढ़ने वाली है। कोरोना वायरस से संक्रमित और अन्य बीमारियों से ग्रसित लोगों का इलाज करने से मना करने वाले सीजीएचएस के पैनल में शामिल अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Aditya Mishra
Published on: 10 Jun 2020 4:50 PM IST
कोरोना के मरीजों के साथ ऐसा सलूक करने वाले अस्पतालों की अब खैर नहीं
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नई दिल्ली: कोरोना मरीजों के इलाज में आनाकानी करने वाले अस्पतालों के लिए आने वाले दिनों में मुश्किलें बढ़ने वाली है। कोरोना वायरस से संक्रमित और अन्य बीमारियों से ग्रसित लोगों का इलाज करने से मना करने वाले सीजीएचएस के पैनल में शामिल अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इस बाबत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी जारी कर दी है। बता दें कि केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) लाभार्थियों ने योजना के अंतर्गत पैनल में शामिल प्राइवेट अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में उपचार में होने वाली दिक्कतों के संबंध में शिकायत की थी। इसके बाद मंत्रालय ने सीजीएचएस लाभार्थियों की शिकायतों का रिव्यू किया था।

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इलाज में अनदेखी करने पर कार्रवाई

दरअसल पूरा मामला कुछ यूं है कि केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) लाभार्थियों ने योजना के अंतर्गत पैनल में शामिल प्राइवेट अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में उपचार में होने वाली दिक्कतों के सन्दर्भ में शिकायत की थी।

बता दे कि शिकायतों की समीक्षा के बाद मंत्रालय ने नौ जून को जारी आदेश में कहा, ‘मामले की समीक्षा की गई है और यह दोहराने का फैसला किया गया है कि सीजीएचएस के पैनल में शामिल वे सभी अस्पताल, जिन्हें राज्य सरकारों ने कोविड-19 के उपचार के लिए चिह्नित किया है, वे योजना के नियमों के अनुसार सीजीएचसी के लाभार्थियों को कोरोना वायरस संबंधी बीमारियों के लिए उपचार संबंधी सुविधाएं मुहैया कराएंगे।’

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एक अधिकारी ने बताया कि इस योजना के अब तक करीब 36 लाख लाभार्थी हैं और 12 लाख कार्डधारी हैं। मंत्रालय ने कहा, ‘इसी प्रकार, यह फैसला किया गया है कि सीजीएचएस पैनल में शामिल सभी अस्पताल, जिन्हें कोविड-19 के उपचार के लिए अधिसूचित नहीं किया गया है, वे सीजीएचएस लाभार्थियों को उपचार सुविधाएं देने या भर्ती करने से इनकार नहीं करेंगे। सभी अन्य उपचारों के लिए नियमानुसार ही शुल्क वसुलेंगे। दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के मामले में उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।’

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