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बांद्रा के बाद सूरत में मजदूरों का हंगामा, घर जाने की मांग को लेकर सड़कों पर प्रवासी
कोरोना वायरस देशभर में तेजी से पांव पसरा रहा है। इस महामारी से निपटने के लिए सरकार ने देश में 3 मई तक लाॅकडाउन का एलान किया है। लॉकडाउन के बावजूद मंगलवार शाम बांद्रा स्टेशन पर हजारों प्रवासियों की भीड़ जमा हो गई।
मुंबई: कोरोना वायरस देशभर में तेजी से पांव पसरा रहा है। इस महामारी से निपटने के लिए सरकार ने देश में 3 मई तक लाॅकडाउन का एलान किया है। लॉकडाउन के बावजूद मंगलवार शाम बांद्रा स्टेशन पर हजारों प्रवासियों की भीड़ जमा हो गई। अब गुजरात के सूरत में भी ऐसा ही नजारा देखना को मिला। यहां पर प्रवासी मजदूर हाथ में प्लेकार्ड लेकर सड़क पर बैठ गए, ये लोग पुलिस और प्रशासन से खुद को बिहार, ओडिशा, राजस्थान और यूपी भेजने की मांग कर रहे हैं।
कुछ खबरों के मुताबिक सूरत के वराछा इलाके में बड़ी तादाद में टेक्सटाइल वर्कर हाथों में प्ले कार्ड लेकर धरने पर बैठ गए और गांव जाने की मांग करने लगे। इन लोगों का आरोप है कि उनके मालिकों ने अपने फोन बंद कर दिए हैं और उन्हें खाना भी नहीं मिल रहा है। इनका कहना है कि प्रशासन किसी भी तरह से उन्हें गांव भेज दे।
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लॉकडाउन के बावजूद सार्वजनिक स्थान पर लोगों की भीड़ जुटती देख पुलिस सतर्क हो गई और तुरंत वहां पहुंच गई। पुलिस ने लोगों को तितर-बितर कर दिया। सूरत पुलिस ने कहा कि ये मजदूर गांव जाने की इजाजत मांग रहे थे। पुलिस ने लोगों को समझाया और कहा कि लॉकडाउन की वजह से इन्हें अपने राज्यों में लौटने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
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पुलिस ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से किसी भी वाहन के चलने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। पुलिस ने कहा कि जिन मजदूरों ने खाना न मिलने की शिकायत की है उन्हें सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं की मदद से खाना मुहैया कराया जाएगा।
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गौरतलब है कि डायमंड सिटी सूरत में लॉकडाउन की वजह से करघे और कढ़ाई वाले कारखाने बंद हैं। इस वजह से हजारों कारीगर यहां बेरोजगार हो गए हैं। शुक्रवार देर शाम घर लौटने की मांग को लेकर ये मजदूर सड़क पर उतर आए थे।