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भारतीय बच्‍चों पर खतरा! अब इस जानलेवा सिंड्रोम ने दी दस्तक, जानिए क्या है लक्षण

दुनिया भर में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बीच अब बच्‍चों में भी कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को लेकर चिंता बढ़ गई है। क्योंकि बच्चों में कोराना वायरस से संबंधित एक जानलेवा सिंड्रोम यानी लक्षण सामने आया है।

Newstrack
Published on: 8 Sep 2020 6:18 AM GMT
भारतीय बच्‍चों पर खतरा! अब इस जानलेवा सिंड्रोम ने दी दस्तक, जानिए क्या है लक्षण
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कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को लेकर चिंता बढ़ गई है। क्योंकि बच्चों में कोराना वायरस से संबंधित एक जानलेवा सिंड्रोम यानी लक्षण सामने आया है।

नई दिल्‍ली: दुनिया भर में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बीच अब बच्‍चों में भी कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को लेकर चिंता बढ़ गई है। क्योंकि बच्चों में कोराना वायरस से संबंधित एक जानलेवा सिंड्रोम यानी लक्षण सामने आया है।

आमतौर पर बच्‍चों में अभी तक कोरोना वायरस का हल्‍का या गैर लक्षणी संक्रमण ही नजर आ रहा था। इसके साथ ही बच्‍चों की कोरोना वायरस की वजह से होने वाली मौत भी बेहद कम दर्ज हो रही थी, लेकिन अब स्‍वीडन, अमेरिका, स्‍पेन और ब्रिटेन के बाद भारतीय बच्‍चों में भी एक जानलेवा मल्‍टीसिस्‍टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम सामने आया है। इसे MIS-C भी कहते हैं।

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक भारत में 22 अगस्‍त तक कोरोना से हुईं कुल मौतों में 20 साल की उम्र से कम के युवाओं व बच्‍चों की संख्या सिर्फ 1.22 प्रतिशत है। ऐसे में MIS-C की भारत में अब भी काफी संख्या है।

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MIS-C के लक्षण

MIS-C में मरीज को तेज बुखार, शरीर के अंगों का ठीक से काम न करना, अंगों में अत्‍यधिक सूजन दिखने जैसी समस्‍याएं होती है। बच्‍चों की एक दूसरी बीमारी कावासाकी के लक्षणों के साथ भी इसके लक्षण मिलते हैं। इसमें धमनियों में सूजन, कार्डियोवस्‍कुलर शॉक और कई अंग खराब हो जाना शामिल है।

Coronavirus Test कोरोना वायरस के जांच के लिए सैंपल लेता स्वास्थ्यकर्मी (फोटो: आशुतोष त्रिपाठी)

इस मामले को लेकर जर्नल सेल में एक शोध प्रकाशित किया गया है। इसके मुताबिक हालांकि MIS-C और कावासाकी बीमारी में धमनियों को होने वाले नुकसान से जुड़ी हुई सूजन और अन्‍य लक्षण थोड़े अलग होते हैं।

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स्‍वीडन और इटली के रिसर्छर ने अपने शोध में स्‍वस्‍थ्‍य बच्‍चों में प्रतिरक्षा कोशिकाओं, साइटोकाइन और ऑटो एंटीबॉडीज के तंत्र का विश्लेषण किया। इनमें कोरोना वायरस से पहले कावासाकी बीमारी से ग्रसित बच्‍चे, कोरोना वायरस से ग्रसित बच्‍चे और MIS-C से ग्रसित बच्‍चों में यह देखा गया कि इनमें मल्‍टीपल ऑटोएंटीबॉडीज की वजह से MIS-C फैलती है।

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रिसर्च में यह भी मिला है कि दोनों ही बीमारियों में बुखार, कंजक्‍टीवाइटिस, पैरों में सूजन, गले में सूजन और रैशेज होना समान हैं जबकि MIS-C में सिरदर्द, पेट में दर्द, उल्‍टी, गले में खराश और खांसी होने से लक्षण आम है।

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